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अंतरराष्ट्रीय दवा घोटाला: कोर्ट ने कारोबारी विक्की रमांचा की अग्रिम जमानत याचिका की खारिज, जानिए पूरा मामला

अंतरराष्ट्रीय दवा घोटाला: कोर्ट ने कारोबारी विक्की रमांचा की अग्रिम जमानत याचिका की खारिज, जानिए पूरा मामला

दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने एंटी-डायबिटिक दवा ओजेम्पिक से जुड़े ₹156 करोड़ (लगभग 18.8 मिलियन अमेरिकी डॉलर) के कथित अंतरराष्ट्रीय फर्जीवाड़े में कारोबारी विक्की रमांचा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। 

Crime News: दिल्ली के पटियाला हाउस स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की अदालत ने एंटी-डायबिटिक दवा ओजेम्पिक से जुड़े 156 करोड़ रुपये (18.8 मिलियन अमेरिकी डॉलर) के अंतरराष्ट्रीय फर्जीवाड़ा मामले में कारोबारी विक्की रमांचा को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सौरभ लालेर ने कहा कि कथित धोखाधड़ी का व्यापक पैमाना और अमेरिका में नकली दवाएं भेजने से जुड़ा गंभीर स्वास्थ्य जोखिम इस स्तर पर जमानत देने के अनुकूल नहीं है। 

अदालत ने यह भी टिप्पणी की कि भारत का दवा उद्योग एक रणनीतिक राष्ट्रीय संपत्ति है, जिसे आपराधिक शोषण से बचाना आवश्यक है। नकली दवाओं की आपूर्ति को जनस्वास्थ्य और सुरक्षा पर सीधा खतरा बताते हुए अदालत ने जोर दिया कि ऐसे दवा अपराधों पर त्वरित कार्रवाई भारत की “फार्मेसी ऑफ द वर्ल्ड” के रूप में प्रतिष्ठा बनाए रखने और वैध निर्माताओं को नियामकीय प्रतिकूलताओं से बचाने के लिए जरूरी है।

अदालत की कड़ी टिप्पणी

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सौरभ लालेर ने कहा कि भारत का दवा उद्योग एक रणनीतिक राष्ट्रीय संपत्ति है, जिसे आपराधिक शोषण से बचाना अत्यंत आवश्यक है। नकली दवाओं की आपूर्ति सीधे तौर पर जनस्वास्थ्य और सुरक्षा पर हमला है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस तरह के अपराधों पर त्वरित और कठोर कार्रवाई ज़रूरी है ताकि भारत की Pharmacy of the World के रूप में वैश्विक प्रतिष्ठा बनी रहे और वैध दवा निर्माताओं को अनावश्यक नियामकीय प्रतिकूलताओं से बचाया जा सके।

कंपनी का आरोप और अनुबंध

अमेरिका स्थित अश्योर ग्लोबल एलएलसी ने अपनी शिकायत में विक्की रमांचा पर आरोप लगाया है कि उन्होंने अमेरिका में नकली ओजेम्पिक दवाएं भेजीं।
शिकायत के अनुसार: रमांचा ने दुबई स्थित RNR Premier Medical Equipments Trading LLC और अमेरिका स्थित RNR Global Procurement Corp के माध्यम से 1.25 लाख डोज की सप्लाई का अनुबंध किया था।

रमांचा ने भारत में अपने राजनीतिक संपर्क होने का दावा किया और चीन तथा हांगकांग स्थित Ouchi Pharma से जारी समझौते और चालान पेश किए। इन दस्तावेज़ों को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में नोटरी भी कराया गया था।

FDA की कार्रवाई और दवाओं की जब्ती

शिकायत में कहा गया कि जब दवाओं की खेप अमेरिका पहुंची, तो अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने जांच के बाद इन्हें नकली और मिलावटी घोषित किया। FDA ने तत्काल इन सभी दवाओं को जब्त कर लिया और मामले की सूचना संबंधित अधिकारियों को दी। मामला बाद में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) को सौंपा गया।

29 मई 2025 को कोर्ट के आदेश के बाद FIR दर्ज की गई। EOW ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जुड़े सभी पक्षों, कंपनियों और लेन-देन की जांच शुरू कर दी है।अदालत ने कहा कि डायबिटीज़ जैसी गंभीर बीमारी के लिए नकली दवाएं बनाना और बेचना अत्यंत खतरनाक है। इस तरह की दवाएं न केवल मरीजों के स्वास्थ्य के लिए खतरा हैं, बल्कि इलाज की प्रभावशीलता को भी प्रभावित करती हैं।

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