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Ax-4 मिशन: 10 पॉइंट्स में जानिए शुभांशु शुक्ला का अंतरिक्ष सफर

Ax-4 मिशन: 10 पॉइंट्स में जानिए शुभांशु शुक्ला का अंतरिक्ष सफर

भारतीय वायुसेना के पायलट शुभांशु शुक्ला Ax-4 मिशन के तहत अंतरिक्ष जाएंगे। वह ISS पर 14 दिन रहकर वैज्ञानिक प्रयोग और भारतीय संस्कृति का प्रदर्शन करेंगे।

Ax-4 Mission: भारत के लिए यह एक ऐतिहासिक और गर्व का क्षण है। ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, भारतीय वायुसेना के अनुभवी पायलट, 25 जून 2025 को ऐक्सिओम मिशन-4 (Ax-4) के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा करेंगे। वह 14 दिन तक अंतरिक्ष में रहकर Scientific Experiments, Yoga और Indian Culture Showcase करेंगे। यह मिशन न केवल अंतरराष्ट्रीय सहयोग का प्रतीक है बल्कि भारत के पहले Human Spaceflight मिशन 'गगनयान' की तैयारी का अहम हिस्सा भी है।

भारत को मिलेगा दूसरा अंतरिक्ष यात्री

शुभांशु शुक्ला भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री बनेंगे। इससे पहले 1984 में राकेश शर्मा ने सोवियत संघ के साथ मिशन में भाग लिया था। अब 41 साल बाद कोई भारतीय अंतरिक्ष में जा रहा है जो भारत की नई वैज्ञानिक क्षमता और अंतरिक्ष कार्यक्रम की उन्नति का प्रतीक है।

ऐक्सिओम मिशन-4 का हिस्सा होंगे

शुभांशु ऐक्सिओम स्पेस द्वारा संचालित मिशन Ax-4 में पायलट की भूमिका निभाएंगे। यह मिशन एक निजी अंतरिक्ष मिशन (Commercial Space Mission) है जिसे नासा, इसरो और स्पेसएक्स मिलकर संचालित कर रहे हैं। यह मिशन 25 जून 2025 को लॉन्च किया जाएगा।

पहली बार ISS पर भारतीय की मौजूदगी

यह पहली बार होगा जब कोई भारतीय अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर जाएगा। शुभांशु ISS पर 14 दिन रहेंगे जहां वह वैज्ञानिक अनुसंधान और प्रयोगों में भाग लेंगे। यह भारत के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगी।

भारतीय वायुसेना के अनुभवी पायलट

ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला भारतीय वायुसेना के अनुभवी टेस्ट पायलट हैं। उन्हें सुखोई-30, मिग-21, मिग-29, जैगुआर और हॉक जैसे लड़ाकू विमानों में 3000 घंटे से अधिक उड़ान का अनुभव है। वह रूस के यूरी गागरिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर से प्रशिक्षित हो चुके हैं।

अंतरिक्ष में होंगे वैज्ञानिक प्रयोग

मिशन के दौरान शुभांशु कुल 12 वैज्ञानिक प्रयोगों (12 Scientific Experiments) में भाग लेंगे। इनमें 7 भारतीय प्रयोग और 5 नासा के सहयोग से होंगे। प्रयोगों में अंतरिक्ष में मेथी और मूंग जैसी फसलों की वृद्धि, मानव शरीर पर अंतरिक्ष के प्रभाव और माइक्रोग्रैविटी में जैविक क्रियाओं का अध्ययन शामिल है।

अंतरिक्ष में योग और भारतीय संस्कृति की झलक

शुभांशु अंतरिक्ष में योग करेंगे और भारतीय संस्कृति को प्रस्तुत करेंगे। वह अपने साथ भारतीय मिठाइयां और एक विशेष खिलौना हंस (जॉय) (Joy Zero Gravity) ले जाएंगे जो माइक्रोग्रैविटी में तैरते हुए इस मिशन का प्रतीक होगा। यह मिशन न केवल विज्ञान बल्कि संस्कृति का भी प्रतिनिधित्व करेगा।

लॉन्च से जुड़ी तकनीकी जानकारी

यह मिशन अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित Kennedy Space Center (Florida) से लॉन्च होगा। इसके लिए स्पेसएक्स का फॉल्कन 9 रॉकेट और ड्रैगन कैप्सूल उपयोग में लाया जाएगा। यह लॉन्च पहले मौसम और तकनीकी कारणों से 7 बार टाला जा चुका है लेकिन अब 25 जून 2025 को इसकी तय तारीख है।

चार देशों के सहयोग से बनेगा इतिहास

Ax-4 मिशन में भारत के अलावा अमेरिका, पोलैंड और हंगरी के अंतरिक्ष यात्री भी शामिल हैं। यह मिशन इन देशों के लिए भी दशकों बाद पहला ऐसा मौका है जब उनके अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में जा रहे हैं। यह मिशन अंतरराष्ट्रीय सहयोग की मिसाल है।

गगनयान की तैयारी में एक बड़ा कदम

Ax-4 मिशन का अनुभव भारत के अपने मानव अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ के लिए बेहद अहम होगा। गगनयान मिशन 2026 में लॉन्च होगा जिसमें तीन भारतीय अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजे जाएंगे। शुभांशु का यह मिशन उस लक्ष्य की दिशा में एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है।

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