Pune

भारत फोर्ज बनाएगा अत्याधुनिक AAROK ड्रोन, मेक इन इंडिया को मिलेगा बल

भारत फोर्ज बनाएगा अत्याधुनिक AAROK ड्रोन, मेक इन इंडिया को मिलेगा बल

भारत फोर्ज ने फ्रांसीसी एयरोस्पेस कंपनी तुर्गिस गैलार्ड के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता किया है, जिसका उद्देश्य ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत अत्याधुनिक एएआरओके यूएवी ड्रोन का भारत में उत्पादन करना है। 

नई दिल्ली: भारत की रक्षा क्षमताओं को आधुनिक तकनीक से लैस करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए भारत फोर्ज ने फ्रांस की प्रतिष्ठित एयरोस्पेस कंपनी तुर्गिस गैलार्ड के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता किया है। इस समझौते के तहत भारतीय सेना के लिए AAROK नामक अत्याधुनिक मानव रहित हवाई वाहन (UAV) का उत्पादन किया जाएगा।

इस करार की सबसे खास बात यह है कि यह 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत किया गया है, जिससे न केवल देश की रक्षा प्रणाली मजबूत होगी बल्कि स्वदेशी उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा। इस समझौते की घोषणा के बाद भारत फोर्ज के शेयरों में तेज़ी देखने को मिली, हालांकि दिन के अंत में बाजार के दबाव के चलते यह तेजी थोड़ी कम हो गई।

AAROK UAV: एक नई तकनीक का आगमन

AAROK ड्रोन एक MALE (Medium Altitude Long Endurance) श्रेणी का UAV है, जो कम लागत में अत्याधुनिक तकनीकों से लैस है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता इसकी लंबी उड़ान अवधि और ऊंचाई तक पहुंचने की क्षमता है।

इसमें इलेक्ट्रोमैग्नेटिक सेंसर, आधुनिक रडार प्रणाली और निगरानी उपकरण लगे हैं, जो इसे सीमावर्ती क्षेत्रों में निगरानी, टोही और खुफिया जानकारी जुटाने में बेहद कारगर बनाते हैं। इसके अलावा, यह ड्रोन हमेशा कमांड और कंट्रोल सिस्टम के संपर्क में रहता है, जिससे युद्धक्षेत्र में वास्तविक समय में रणनीतिक निर्णय लिए जा सकते हैं।

सैन्य क्षमताओं को देगा नई धार

AAROK UAV न केवल निगरानी के लिए, बल्कि हमले के लिहाज से भी बेहद सक्षम है। यह 1.5 टन से अधिक हथियार प्रणाली ले जा सकता है और सुरक्षित दूरी से लक्ष्य पर सटीक हमला करने में सक्षम है। इसकी यह विशेषता इसे युद्ध के मैदान में एक प्रभावशाली हथियार बनाती है।

यह दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम को भेदने और उनकी सैन्य गतिविधियों पर नजर रखने में सेना को बढ़त दिला सकता है। इसकी तकनीक इस तरह डिजाइन की गई है कि यह अलग-अलग भौगोलिक परिस्थितियों में भी प्रभावी तरीके से काम कर सके।

बाजार में दिखा असर

इस समझौते की घोषणा के तुरंत बाद भारत फोर्ज के शेयरों में 2 प्रतिशत तक की बढ़त देखी गई। बीएसई पर कंपनी का शेयर 1325.05 रुपये तक पहुंच गया था। हालांकि, दिन के अंत में शेयर थोड़ी गिरावट के साथ 1297.70 रुपये पर बंद हुआ।

फिलहाल कंपनी का मार्केट कैप 62,041 करोड़ रुपये है। बीते एक वर्ष में इसके शेयरों में जहां 27.51 प्रतिशत की गिरावट देखी गई, वहीं दो वर्षों के आधार पर इसमें 55 प्रतिशत तक की वृद्धि दर्ज की गई है।

कंपनी के शेयर अब भी 20, 50, 100, 150 और 200 दिनों के मूविंग एवरेज से ऊपर कारोबार कर रहे हैं, जिससे संकेत मिलता है कि दीर्घकालिक दृष्टिकोण से स्टॉक मजबूत स्थिति में है।

क्यों खास है यह साझेदारी

भारत फोर्ज और तुर्गिस गैलार्ड की यह साझेदारी कई मायनों में अहम है।

  • स्वदेशी उत्पादन : यह परियोजना भारत में ही AAROK ड्रोन के निर्माण की दिशा में की जा रही है, जिससे भारत की आत्मनिर्भरता में इजाफा होगा।
  • तकनीकी सहयोग: फ्रांस की उन्नत एयरोस्पेस तकनीक और भारत फोर्ज की निर्माण क्षमता मिलकर एक मजबूत सैन्य उत्पाद तैयार करेंगी।
  • रक्षा क्षेत्र में निवेश: यह करार रक्षा क्षेत्र में निजी कंपनियों की भागीदारी को बढ़ावा देगा, जो भारत की रणनीतिक क्षमता को सशक्त बनाएगा।

भारत फोर्ज की भूमिका और प्रोफाइल

भारत फोर्ज भारत की जानी-मानी इंजीनियरिंग और विनिर्माण कंपनी है, जो रक्षा, ऑटोमोबाइल, रेलवे, खनन, एयरोस्पेस, तेल और गैस सहित कई क्षेत्रों को सेवाएं देती है।

कंपनी की विशेषज्ञता फोर्जिंग, मशीनिंग, डिजाइनिंग और सिस्टम इंटीग्रेशन में है। भारत फोर्ज, कल्याणी ग्रुप का हिस्सा है और दशकों से भारतीय उद्योगों की रीढ़ बना हुआ है।

रक्षा उत्पादन में बढ़ती हिस्सेदारी

भारत सरकार की ओर से रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ाने के प्रयासों के तहत अब निजी कंपनियों को भी सैन्य उपकरण उत्पादन में भागीदारी की अनुमति दी गई है। ऐसे में भारत फोर्ज की यह पहल भविष्य की जरूरतों को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

यह UAV न केवल सेना के लिए बल्कि भविष्य में अन्य सुरक्षा एजेंसियों के लिए भी उपयोगी हो सकता है। इसका इस्तेमाल सीमा सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी अभियानों, प्राकृतिक आपदा निगरानी और राहत कार्यों में भी किया जा सकता है।

चुनौतियां और संभावनाएं

हालांकि यह करार उत्साहजनक है, लेकिन इसके कार्यान्वयन में कुछ चुनौतियां भी हो सकती हैं। जैसे तकनीकी अनुकूलन, उत्पादन समयसीमा का पालन, परीक्षण और प्रमाणीकरण, तथा प्रारंभिक संचालन लागत।

लेकिन इन चुनौतियों से निपटने के लिए भारत फोर्ज की तकनीकी विशेषज्ञता और तुर्गिस गैलार्ड की डिजाइन क्षमताएं मिलकर एक प्रभावी समाधान प्रस्तुत कर सकती हैं।

Leave a comment