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EPFO Pension: 15 साल तक प्राइवेट नौकरी करने पर मिलेगी इतनी पेंशन, जानें पूरा कैलकुलेशन और नियम

EPFO Pension: 15 साल तक प्राइवेट नौकरी करने पर मिलेगी इतनी पेंशन, जानें पूरा कैलकुलेशन और नियम

अगर आप प्राइवेट नौकरी करते हैं, तो आप भी पेंशन के हकदार हैं। इसके लिए आपको EPFO (Employees’ Provident Fund Organisation) की EPS (Employees’ Pension Scheme) के तहत पेंशन मिलती है।

EPS Pension Calculation: अगर आप प्राइवेट नौकरी करते हैं और हर महीने आपकी सैलरी से EPF (Employee Provident Fund) कटती है, तो आपके लिए खुशखबरी है। EPFO (Employees’ Provident Fund Organisation) के तहत आने वाली EPS (Employees’ Pension Scheme) आपको रिटायरमेंट के बाद नियमित मासिक पेंशन (Monthly Pension) का लाभ देती है।

कई कर्मचारी यह नहीं जानते कि उन्होंने अगर 10 साल से अधिक समय तक नौकरी की है, तो वे पेंशन के हकदार बन जाते हैं। अगर आपकी सेवा अवधि 15 साल है, तो आप कितनी पेंशन पाएंगे, यह जानना बेहद जरूरी है। आइए समझते हैं कि EPFO की EPS योजना कैसे काम करती है और पेंशन की गणना (EPS Pension Calculation) किस फॉर्मूले से की जाती है।

कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) क्या है? | What is Employees’ Pension Scheme

कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) की शुरुआत 16 नवंबर 1995 को भारत सरकार ने की थी। यह योजना कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 के तहत लागू है। इस योजना का उद्देश्य कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है। यह योजना केवल EPFO में पंजीकृत कर्मचारियों पर लागू होती है। 

यानी, यदि आप किसी प्राइवेट कंपनी या PSU (Public Sector Undertaking) में काम करते हैं और आपकी सैलरी से PF कटती है, तो आप इस स्कीम के तहत पेंशन पाने के पात्र हैं। यदि किसी कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार के नामांकित सदस्य (Nominee) को यह पेंशन मिलती रहती है।

कौन कर सकता है EPS में योगदान?

EPS में कर्मचारी खुद कोई राशि जमा नहीं करता। इसमें नियोक्ता (Employer) ही योगदान करता है।

  • नियोक्ता की सैलरी का 12% हिस्सा EPF में जाता है।
  • इस 12% में से 8.33% हिस्सा EPS में जमा किया जाता है।
  • EPS योगदान की गणना कर्मचारी के बेसिक वेतन + डीए (Dearness Allowance) पर की जाती है।

EPS के तहत अधिकतम योग्य वेतन (Pensionable Salary) ₹15,000 प्रति माह तक माना जाता है।

EPS Pension Eligibility: पेंशन पाने के लिए शर्तें

EPFO के अनुसार, पेंशन पाने के लिए कर्मचारी को कुछ शर्तें पूरी करनी होती हैं:

  • कम से कम 10 साल की निरंतर सेवा आवश्यक है।
  • पेंशन 58 वर्ष की आयु के बाद ही शुरू होती है।
  • यदि कोई कर्मचारी 50 वर्ष की आयु के बाद रिटायर होता है, तो वह Reduced Pension (कम पेंशन) के लिए आवेदन कर सकता है।

अगर कोई कर्मचारी बीच में नौकरी छोड़ देता है और 10 साल पूरे नहीं होते, तो वह EPS Withdrawal Benefit का दावा कर सकता है।

EPS Pension Calculation: 15 साल की नौकरी पर कितनी पेंशन मिलेगी

EPFO पेंशन की गणना के लिए एक तय फॉर्मूला इस्तेमाल करता है:

  • मासिक पेंशन = (पेंशन योग्य वेतन × पेंशन योग्य सेवा) / 70
  • अब उदाहरण के तौर पर मान लेते हैं —
  • पेंशन योग्य वेतन = ₹15,000
  • सेवा अवधि = 15 वर्ष
  • पेंशन की गणना होगी: (₹15,000 × 15) / 70 = ₹2,25,000 / 70 = ₹3,214 प्रति माह।

यानि अगर आपने 15 साल तक लगातार नौकरी की है, तो रिटायरमेंट के बाद आपको करीब ₹3,200 प्रति माह पेंशन मिलेगी। यदि आपकी सेवा अवधि 20, 25 या 30 वर्ष है, तो पेंशन की राशि उसी अनुपात में बढ़ जाएगी।

कैसे करें अपना EPS पेंशन कैलकुलेशन ऑनलाइन

EPFO की वेबसाइट पर आप अपनी पेंशन का अनुमान लगा सकते हैं:

  • EPFO.gov.in  पर जाएं।
  • ‘Pension Calculator’ सेक्शन में जाएं।
  • अपनी औसत सैलरी और सेवा वर्ष भरें।

सिस्टम आपको अनुमानित मासिक पेंशन दिखा देगा। जब आप 58 साल के हो जाते हैं, तो EPFO आपको फॉर्म 10D भरकर पेंशन के लिए आवेदन करने की अनुमति देता है।

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