रेलवे पटना-डीडीयू खंड में तीसरी-चौथी लाइन पर सुरक्षा बढ़ाने को कवच और ऑटोमैटिक सिग्नलिंग सिस्टम लागू करेगा। पहले चरण में पटना-किऊल रूट शामिल है। बजट को मंजूरी मिल चुकी है।
Railway Safety Update: रेलवे सुरक्षा को लेकर लगातार आधुनिक तकनीक का उपयोग बढ़ाया जा रहा है। इसी कड़ी में अब भारतीय रेलवे ने पटना से डीडीयू (पंडित दीनदयाल उपाध्याय) के बीच तीसरी और चौथी रेल लाइनों पर सुरक्षा को और मजबूत बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इस रूट पर अब ऑटोमैटिक सिग्नलिंग सिस्टम और 'कवच' सुरक्षा प्रणाली को लागू किया जाएगा।
क्या है 'कवच' सुरक्षा प्रणाली
'कवच' एक स्वदेशी ट्रेन टक्कर सुरक्षा प्रणाली (Train Collision Avoidance System - TCAS) है जिसे रेलवे द्वारा विकसित किया गया है। इस तकनीक की मदद से लोको पायलट को रियल टाइम में ट्रेन की स्थिति, सिग्नल, गति और दूसरी ट्रेनों की जानकारी मिलती है। किसी भी खतरे की स्थिति में यह प्रणाली स्वतः ट्रेन को रोकने या उसकी रफ्तार कम करने में सक्षम होती है।
पहले चरण में पटना से किउल के बीच होगा कार्यान्वयन
रेलवे प्रशासन के अनुसार, पहले चरण में यह तकनीक पटना से किउल तक के रूट पर लागू की जाएगी। इस दिशा में रेलवे बोर्ड ने प्रस्ताव मंगवाए हैं और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
डीडीयू रूट पर बन रही तीसरी और चौथी लाइनें
दानापुर मंडल से डीडीयू मंडल के बीच तीसरी और चौथी रेल लाइनों का निर्माण कार्य चल रहा है। इन नई लाइनों पर भी कवच और ऑटोमैटिक सिग्नलिंग सिस्टम को लागू किया जाएगा। रेलवे अधिकारियों के अनुसार इससे न केवल सुरक्षा बढ़ेगी बल्कि ट्रेनों की गति और संचालन क्षमता भी बेहतर होगी।
लोको पायलट को मिलेगा रियल टाइम अपडेट
कवच प्रणाली से लोको पायलट को एक डैशबोर्ड मिलेगा जिस पर उसे सभी जरूरी सूचनाएं रियल टाइम में मिलेंगी। इससे न केवल ट्रेन संचालन अधिक सुरक्षित होगा बल्कि मानवीय भूल की संभावना भी कम हो जाएगी।
टावर स्थापना और टेंडर प्रक्रिया जारी
पटना से डीडीयू खंड में कवच सिस्टम के लिए टावर लगाने का कार्य शुरू हो चुका है। साथ ही, पटना जंक्शन से गया और झाझा के ग्रामीण क्षेत्रों में भी कवच से जुड़ी तकनीकी संरचना के लिए टेंडर जारी किया गया है। इन सभी क्षेत्रों में कवच से जुड़ा आधारभूत ढांचा तैयार किया जाएगा।
पूर्व मध्य रेलवे को मिला विशेष बजट
रेल मंत्रालय ने पूर्व मध्य रेलवे (ECR) और दानापुर मंडल के लिए एक हजार किलोमीटर रेल मार्ग पर कवच प्रणाली लगाने हेतु विशेष बजट को स्वीकृति दे दी है। इसमें पटना-डीडीयू के अलावा अन्य महत्वपूर्ण रूट भी शामिल किए जाएंगे। इस पहल का उद्देश्य पूरे क्षेत्र को सुरक्षित और आधुनिक बनाना है।
ट्रेनों की संचालन क्षमता में आएगा सुधार
इस सुरक्षा प्रणाली के लागू होने के बाद ट्रेनों की औसत गति में बढ़ोतरी होगी। साथ ही, ट्रेनों की समयबद्धता में भी सुधार देखने को मिलेगा। जब ट्रेनें अधिक सटीक और सुरक्षित रूप से चलेंगी, तो यात्रियों को बेहतर अनुभव मिलेगा।
स्टेशनों पर चलाया जा रहा स्वच्छता अभियान
सुरक्षा के साथ-साथ रेलवे स्वच्छता को भी प्राथमिकता दे रहा है। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पूर्व मध्य रेलवे के सभी मंडलों में स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है। राजेंद्र नगर रेलवे स्टेशन पर जन जागरूकता अभियान के तहत लाउड स्पीकर से स्वच्छता का प्रचार-प्रसार किया गया।
कर्मचारियों ने किया श्रमदान
बख्तियारपुर रेलवे स्टेशन पर ट्रैक की गहन सफाई की गई और किउल स्टेशन पर कर्मचारियों ने स्वेच्छा से श्रमदान किया। यह अभियान न केवल स्टेशनों को स्वच्छ रखने की दिशा में है बल्कि यात्रियों में स्वच्छता को लेकर जागरूकता भी बढ़ा रहा है।
जनभागीदारी को मिल रहा प्रोत्साहन
समस्तीपुर मंडल में हस्ताक्षर अभियान और सेल्फी बूथ की शुरुआत की गई है। साथ ही, समस्तीपुर और सोनपुर मंडल की रेलवे कॉलोनियों में रैलियों के माध्यम से लोगों को स्वच्छता और सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जा रहा है।