भोपाल में दो कॉन्स्टेबल्स ने इंजीनियर उदित की सड़क पर पिटाई की, जिससे उनकी मौत हो गई। सीसीटीवी में पिटाई स्पष्ट है, लेकिन FIR में इसका जिक्र नहीं। आरोपी संतोष बामनिया और सौरभ आर्य गिरफ्तार कर जेल भेजे गए।
भोपाल: इंजीनियर उदित की पिटाई और मौत के मामले में पुलिस ने दो कॉन्स्टेबल को गिरफ्तार कर लिया है। इस घटना का सीसीटीवी वीडियो सामने आने के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए थे। हालांकि, पिपलानी थाने में दर्ज एफआईआर में पुलिस की पिटाई का जिक्र नहीं किया गया, जिससे जांच की निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं।
पिपलानी में पुलिस की पिटाई से युवक की मौत
मामला पिपलानी थाने के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र का है। सीसीटीवी फुटेज में देखा गया कि कॉन्स्टेबल संतोष बामनिया और सौरभ आर्य डंडे से उदित की पिटाई कर रहे हैं। पिटाई के दौरान उदित गंभीर रूप से घायल हुए और बाद में उनकी मौत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में शरीर पर 16 चोट के निशान पाए गए, जो स्पष्ट रूप से पिटाई का परिणाम हैं।
सीएम मोहन यादव के आदेश के बाद पुलिस ने शनिवार देर रात ही दोनों आरोपी कॉन्स्टेबल्स को गिरफ्तार कर लिया। वर्तमान में संतोष बामनिया और सौरभ आर्य पुलिस कस्टडी में हैं और उन्हें जल्द ही कोर्ट में पेश किया जाएगा।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पिटाई का खुलासा
पिपलानी थाने में दर्ज एफआईआर में कॉन्स्टेबल्स के खिलाफ धाराएं कमजोर कर दी गई हैं। पुलिस ने दावा किया कि उदित ने कार के बाहर खड़े रहते हुए पुलिस देखकर भागने की कोशिश की। इस दौरान सौरभ आर्य ने उन्हें पकड़ने के लिए बल प्रयोग किया और हल्का शारीरिक संघर्ष हुआ। संतोष बामनिया ने कहा कि इस दौरान केवल वर्दी उतारने की धमकी दी गई थी और किसी प्रकार की गंभीर चोट की संभावना नहीं थी।
हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट और सीसीटीवी फुटेज पुलिस की इस सफाई के विपरीत हैं। इससे यह सवाल उठता है कि क्या एफआईआर में सच को पूरी तरह दर्ज किया गया या धाराओं को कमजोर कर दिया गया।
परिवार ने कड़ी कार्रवाई की मांग की
उदित हाल ही में इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर चुका था। वह अपने दोस्तों के साथ कार में पार्टी कर रहा था। माता-पिता जॉब में हैं और उदित उनका इकलौता बेटा था। उदित के बहनोई डीएसपी हैं।
परिवार ने इस पूरे मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है। पिता ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि बेटे के साथ वास्तव में क्या हुआ और वे शासन से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हैं।