बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी जोरों पर है और राजनीतिक दल पहले ही चुनाव प्रचार के लिए मैदान में उतर चुके हैं। चुनाव इसी साल अक्टूबर के अंत या नवंबर की शुरुआत में होने की संभावना है, इसलिए सभी दल सक्रियता से अपनी रणनीतियों को अंतिम रूप दे रहे हैं।
वारिसनगर: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियाँ जोरों पर हैं और राज्य के हर विधानसभा क्षेत्र में राजनीतिक दल अपनी रणनीति को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। ऐसे में वारिसनगर विधानसभा सीट पर चुनावी समीकरण पर नजर डालना जरूरी है, क्योंकि यह सीट समस्तीपुर जिले का एक अहम निर्वाचन क्षेत्र है और समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र के तहत आती है।
वारिसनगर विधानसभा सीट का परिचय
वारिसनगर विधानसभा सीट बिहार की 243 सीटों में से एक है और इसका निर्वाचन क्षेत्र संख्या 132 है। यह एक सामान्य श्रेणी की सीट है, यानी SC/ST के लिए आरक्षित नहीं है। वर्तमान में यह सीट जनता दल-यूनाइटेड (JD-U) के कब्जे में है।वारिसनगर में प्रमुख जातीय समूहों में कुशवाहा (कोरी) और कुर्मी समुदाय शामिल हैं, जिनका वोटिंग पर महत्वपूर्ण प्रभाव माना जाता है।
साल 2020 के विधानसभा चुनाव में वारिसनगर सीट पर कुल 3,22,259 मतदाता थे। इसमें 1,71,198 पुरुष, 1,51,050 महिलाएं और 11 तृतीय लिंग के मतदाता शामिल थे। उस चुनाव में मतदान प्रतिशत 59.01 प्रतिशत दर्ज किया गया था। जातिगत आधार पर कुशवाहा और कुर्मी वोटर्स की संख्या काफी अच्छी है, जिससे यह सीट अक्सर जातीय समीकरण पर तय होती है।
पिछली चुनावी परिणामों का विश्लेषण
साल 2020 में JD-U के अशोक कुमार ने वारिसनगर सीट जीतकर अपना दबदबा कायम किया। उन्हें कुल 68,356 वोट मिले, जो कुल मतों का 35.97 प्रतिशत था। दूसरे नंबर पर CPI (ML) के फूलबाबू सिंह रहे, जिन्हें 54,555 वोट (28.71 प्रतिशत) मिले। तीसरे स्थान पर LJP की उर्मिला सिंह रही, जिनके हिस्से में 23,928 वोट (12.59 प्रतिशत) आए। इससे पता चलता है कि JD-U इस क्षेत्र में मजबूत स्थिति बनाए हुए है, लेकिन विपक्षी दलों के लिए भी यह सीट किसी चुनौती से कम नहीं है।
- 2015: अशोक कुमार (JD-U)
- 2010: अशोक कुमार (JD-U)
- 2009: विश्वनाथ पासवान (LJP)
- 2005: महेश्वर हजारी (LJP)
- 2000: राम सेवक हजारी (JD-U)
- 1996: भिखारी बैठा (जनता दल)
- 1995: पीताम्बर पासवान (जनता दल)
- 1990: पीताम्बर पासवान (जनता दल)
- 1985: राम सेवक हजारी (स्वतंत्र)
- 1980: पीताम्बर पासवान (जनता पार्टी)
- 1977: पीताम्बर पासवान (जनता पार्टी)
- 1972: चुल्हाई राम (कांग्रेस)
- 1969: राम सेवक हजारी (संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी)
- 1967: राम सेवक हजारी (संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी)
- 1952: धनपति पासवान (सोशलिस्ट पार्टी)
- 1952: वशिष्ट नारायण सिंह (सोशलिस्ट पार्टी)
इस इतिहास से साफ दिखता है कि यह क्षेत्र अक्सर जातीय और क्षेत्रीय दलों के लिए महत्वपूर्ण रहा है। इस बार वारिसनगर सीट पर मुख्य मुकाबला JD-U और विपक्षी गठबंधन के बीच होने की संभावना है। कुशवाहा और कुर्मी वोटों का संतुलन इस बार भी जीत की कुंजी होगा।