बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे करीब आ रहे हैं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भागलपुर को अपनी रणनीति का अहम केंद्र बना लिया है। पार्टी इस सीट को किसी भी हाल में जीतना चाहती है और इसे प्रतिष्ठा का प्रश्न मानकर चुनावी तैयारियों में जुटी है।
भागलपुर: भाजपा ने भागलपुर विधानसभा सीट को अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ लिया है और इस बार किसी भी हालत में जीत हासिल करने की रणनीति पर काम कर रही है। यही वजह है कि यहां दूसरे राज्यों के नेताओं की सक्रियता बढ़ गई है। झारखंड से जुड़े नेताओं का लगातार आना-जाना हो रहा है। राजमहल के पूर्व विधायक अनंत ओझा को भागलपुर लोकसभा क्षेत्र का प्रभारी बनाया गया है।
वहीं, झारखंड भाजपा के संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह लगातार भागलपुर पहुंचकर पार्टी मंचों और मोर्चों के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं और चुनावी रणनीति पर मंथन कर रहे हैं।
झारखंड के नेताओं को मिली बड़ी जिम्मेदारी
राजमहल (झारखंड) के पूर्व विधायक अनंत ओझा को भागलपुर लोकसभा का प्रभारी बनाया गया है। वे लंबे समय तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़े रहे हैं और भागलपुर में सक्रिय राजनीति कर चुके हैं। इस क्षेत्र की गहरी समझ के कारण पार्टी ने उन्हें यह बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। ओझा लगातार भागलपुर में संगठनात्मक बैठकों में हिस्सा ले रहे हैं और भाजपा कार्यकर्ताओं को सक्रिय कर रहे हैं।
इसके साथ ही झारखंड के संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह का भी लगातार दौरा जारी है। वे भाजपा के विभिन्न मंचों और मोर्चों के पदाधिकारियों के साथ रणनीतिक बैठकें कर रहे हैं। वहीं राज्यसभा सदस्य प्रदीप वर्मा को भी चुनावी समीकरण मजबूत करने के लिए यहां लगाया गया है और उनका भी लगातार प्रवास हो रहा है।
हरियाणा और महाराष्ट्र से भी नेताओं की तैनाती
भागलपुर के चुनावी समर में भाजपा ने हरियाणा और महाराष्ट्र से भी अपने प्रभावशाली नेताओं को उतारा है। हरियाणा के पूर्व मंत्री और एससी समाज के बड़े नेता जगदीश नायर इस समय भागलपुर में डेरा डाले हुए हैं। वे लगातार मोहल्लों और बस्तियों में जाकर समाज के लोगों से मुलाकात कर रहे हैं और भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने का प्रयास कर रहे हैं।
इसके अलावा महाराष्ट्र से भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय नेता ऊषा वाजपेयी भी हाल ही में भागलपुर पहुंची थीं। उन्होंने यहां महिलाओं के साथ बैठक की और संगठन को मजबूत करने का संदेश दिया। दुर्गा पूजा के बाद झारखंड और अन्य राज्यों से और भी वरिष्ठ नेताओं के भागलपुर आने की संभावना जताई जा रही है।
सातों सीटों पर एनडीए का लक्ष्य
भाजपा इस बार केवल भागलपुर विधानसभा ही नहीं, बल्कि जिले की सातों विधानसभा सीटों पर जीत सुनिश्चित करना चाहती है। केंद्रीय नेतृत्व का स्पष्ट निर्देश है कि एनडीए गठबंधन के किसी भी दल का प्रत्याशी हो, भाजपा कार्यकर्ता उसे विजयी बनाने के लिए पूरी ताकत से काम करेंगे।केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्वयं पार्टी कार्यकर्ताओं को स्पष्ट निर्देश दिए हैं। इन्हें जमीनी स्तर तक पहुंचाने के लिए जिलाध्यक्ष संतोष कुमार ने हाल ही में मंडल अध्यक्षों के साथ बैठक की। इसमें वार्ड और पंचायत स्तर तक कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने की रणनीति बनाई गई।