एशिया कप 2025 में भारत से लगातार तीसरी हार के बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के अध्यक्ष मोहसिन नकवी को देश में तीखी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है।
स्पोर्ट्स न्यूज़: एशिया कप 2025 में भारत के खिलाफ लगातार तीसरी हार के बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के अध्यक्ष मोहसिन नकवी सोशल मीडिया पर आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं। रविवार को खेले गए फाइनल में पाकिस्तान को भारत से हार का सामना करना पड़ा, और इसी दौरान भारतीय खिलाड़ियों ने नकवी से ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया।
एशियाई क्रिकेट परिषद (ACC) के अध्यक्ष होने के बावजूद यह घटना उनके लिए शर्मनाक साबित हुई। सोशल मीडिया पर कई फैंस ने नकवी को तुरंत पद से हटाने की मांग की और टीम में सच्ची प्रतिभाओं को वापस लाने की अपील की।
सोशल मीडिया पर फैंस का गुस्सा
पाकिस्तानी क्रिकेट प्रेमियों ने नकवी की आलोचना करते हुए असली प्रतिभाओं को टीम में वापस लाने की अपील की। कई यूजर्स ने लिखा कि नकवी ने टीम के प्रदर्शन को कमजोर कर दिया है और पाकिस्तान क्रिकेट की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है। सोशल मीडिया पर फैंस ने उनके पद से इस्तीफे की मांग की और कहा कि अब समय आ गया है कि क्रिकेट बोर्ड में बदलाव हो।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के वरिष्ठ नेता मूनिस इलाही ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, "अगर प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ में थोड़ी भी हिम्मत है तो उन्हें मोहसिन नकवी के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। इस व्यक्ति ने इतने कम समय में पाकिस्तान क्रिकेट को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है।" इलाही ने यह भी कहा कि नकवी के फैसलों ने टीम की ताकत कम कर दी है और उन्हें हटाना बेहद जरूरी है।
पूर्व राज्यपाल की कड़ी आलोचना
सिंध के पूर्व राज्यपाल मोहम्मद जुबैर ने भी नकवी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि नकवी ने पाकिस्तान के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को टीम से बाहर कर दिया। जुबैर के अनुसार, "नकवी ने पाकिस्तान के सबसे अच्छे बल्लेबाज बाबर आजम और विकेटकीपर मोहम्मद रिजवान को टीम से हटा दिया। उनकी जगह सलमान आगा और हारिस जैसे खिलाड़ियों को चुना गया, जिससे पाकिस्तान की बल्लेबाजी पूरी तरह बिखर गई।"
जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने नकवी की तुलना सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर से करते हुए कहा, "मोहसिन नकवी पाकिस्तान क्रिकेट के साथ वही कर रहे हैं जो सेना प्रमुख देश के साथ कर रहे हैं।" खान की इस टिप्पणी ने नकवी के खिलाफ जनता और राजनीतिक दबाव को और बढ़ा दिया है।