बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने अपनी तैयारियों को तेज कर दिया है। पार्टी के बड़े नेता लगातार बिहार के दौरे पर जा रहे हैं और जनता से संपर्क कर रहे हैं। इसी बीच बीजेपी ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव समिति की भी घोषणा कर दी है।
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कमर कस ली है। आगामी विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी ने 19 सदस्यों वाली विशेष चुनाव समिति का गठन किया है, जो चुनावी रणनीति तैयार करेगी और राज्य में पार्टी की योजनाओं को क्रियान्वित करेगी। बीजेपी ने इस समिति का नेतृत्व बिहार बीजेपी अध्यक्ष डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल को सौंपा है। इसके अलावा उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और राज्यसभा सांसद विजय कुमार सिन्हा को भी इस समिति में शामिल किया गया है।
बिहार चुनाव समिति 2025: नाम और जिम्मेदारियां
बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि यह समिति राज्य में पार्टी की चुनावी रणनीति को मजबूती देने के लिए बनाई गई है। समिति के प्रमुख उद्देश्यों में उम्मीदवार चयन, प्रचार अभियान, संगठनात्मक मजबूती और सोशल मीडिया रणनीति शामिल हैं। 19 सदस्यों वाली इस समिति में शामिल प्रमुख नेताओं की सूची इस प्रकार है:
- डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल – अध्यक्ष, बिहार बीजेपी
- सम्राट चौधरी – उपमुख्यमंत्री
- विजय कुमार सिन्हा
- राधा मोहन सिंह
- केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह
- नन्दकिशोर यादव
- नित्यानंद राय
- मंगल पाण्डेय
- संजय जायसवाल
- भीखूभाई दलसानिया
- रविशंकर प्रसाद
- रेणु देवी
- प्रेम कुमार
- जनक चमार
- प्रेम रंजन कुमार पटेल
इसके अलावा समिति में पदेन सदस्य के रूप में धर्मशीला गुप्ता और विशेष आमंत्रित सदस्य के तौर पर विनोद तावड़े, दीपक प्रकाश और नागेन्द्र को शामिल किया गया है।
बीजेपी की चुनावी रणनीति
बीजेपी ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए रणनीति पहले ही बनानी शुरू कर दी है। पार्टी के वरिष्ठ नेता लगातार बिहार के विभिन्न जिलों का दौरा कर रहे हैं और स्थानीय मुद्दों की जानकारी जुटा रहे हैं। इस समिति का गठन पार्टी की तैयारी को और अधिक संगठित और केंद्रित बनाने का संकेत है। समिति का प्रमुख कार्य राज्य में पार्टी की चुनावी तैयारियों की निगरानी, उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया और विधानसभा क्षेत्रों में प्रचार-प्रसार की योजना तैयार करना है। इसके अलावा सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से जनता तक संदेश पहुंचाने का काम भी इस समिति के दायरे में शामिल है।
बीजेपी के लिए यह समिति इसलिए भी अहम है क्योंकि राज्य में आगामी चुनाव काफी प्रतिस्पर्धात्मक होने की उम्मीद है। पिछली विधानसभा चुनावों में पार्टी को बिहार में चुनौतीपूर्ण स्थिति का सामना करना पड़ा था, लेकिन इस बार पार्टी का लक्ष्य अधिक मजबूत रणनीति और संगठनात्मक तैयारी के माध्यम से अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाना है।