बिहार विधानसभा चुनाव से पहले औरंगाबाद जिले का राजनीतिक माहौल गरम है। जिले की सभी विधानसभा सीटों पर चुनावी हलचल देखने को मिल रही है। गोह निर्वाचन क्षेत्र में भी पार्टियां अपने चुनाव अभियान में जुटी हैं।
औरंगाबाद: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के तहत गोह विधानसभा क्षेत्र में इस बार कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है। चुनावी प्रचार पहले ही जोर-शोर से शुरू हो चुका है और राजनीतिक दल इस सीट पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए रणनीति बनाने में जुटे हैं। मौजूदा विधायक भीम कुमार सिंह (RJD) हैं, जिन्होंने 2020 में बीजेपी के उम्मीदवार को हराकर जीत हासिल की थी।
गोह विधानसभा क्षेत्र की जानकारी
गोह विधानसभा क्षेत्र औरंगाबाद जिले के अंतर्गत आता है। यह सामान्य सीट है और काराकाट लोकसभा क्षेत्र के छह विधानसभा क्षेत्रों में से एक है। गोह का चुनावी इतिहास समृद्ध और विविध है।
- स्थापना: 1951
- अनुसूचित जाति वोटर: लगभग 21%
- मुस्लिम वोटर: लगभग 8.4%
- गांवों की संख्या: करीब 158
- इतिहास: प्राचीन काल में यह इलाका शेरशाह सूरी, मौर्य और गुप्त साम्राज्यों के अधीन रहा।
लोकसभा स्तर पर, काराकाट सीट पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) (लिबरेशन) ने चुनाव जीत दर्ज की थी। गोह विधानसभा क्षेत्र में भी सामाजिक और जातिगत समीकरणों का बड़ा प्रभाव देखने को मिलता है।
गोह सीट का चुनावी इतिहास
गोह विधानसभा क्षेत्र ने बिहार की राजनीति में कई बदलाव देखे हैं।
- 2020: RJD के भीम कुमार सिंह विजयी रहे, बीजेपी के उम्मीदवार को हराया।
- 2015: बीजेपी के मनोज कुमार ने जीत हासिल की।
- 2010 और 2005: JDU के डॉ. रणविजय कुमार ने जीत दर्ज की।
- 2000: SAP उम्मीदवार ने यह सीट जीती।
- 1990 और 1995: CPI ने इस सीट पर विजय पाई।
- 1985: कांग्रेस का जीत का सिलसिला रहा।
- 1980 और 1977: CPI के उम्मीदवार यहां से विधायक बने।
इस इतिहास से स्पष्ट है कि गोह सीट किसी भी पार्टी के लिए अनिश्चित परिणाम वाली मानी जाती है।
क्यों रोचक होगा यह मुकाबला
इस बार चुनाव में गोह सीट पर मुकाबला बहुपक्षीय और रोमांचक दिखाई दे रहा है।
- इंडिया गठबंधन: RJD या CPI का उम्मीदवार मैदान में जा सकता है।
- एनडीए: बीजेपी या JDU अपना प्रत्याशी उतार सकती है।
- नई पार्टियों की एंट्री: प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी भी यहां उम्मीदवार खड़ा करेगी।
- लोकप्रिय नेता: चिराग पासवान की पार्टी एनडीए में रहकर चुनाव लड़ेगी।
- निर्दलीय उम्मीदवार: कुछ स्थानीय नेता भी चुनाव में अपनी किस्मत आजमाएंगे।
इस तरह, गोह विधानसभा क्षेत्र एक हाई-प्रोफाइल और रोचक मुकाबले का केंद्र बन गया है।