बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में बांका की बेलहर सीट सियासी हलचल का केंद्र बन गई है। जदयू सांसद गिरधारी यादव के बेटे चाणक्य प्रकाश रंजन ने राजद का दामन थाम लिया है, जबकि मौजूदा विधायक मनोज यादव फिर से जदयू से चुनावी मैदान में हैं। इस सीट पर अब त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है।
चाणक्य ने तेजस्वी के साथ किया गठबंधन
चाणक्य प्रकाश रंजन ने शुक्रवार को तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाली राजद का हाथ थामकर चुनावी रण में कदम रखा। उनका तेजस्वी यादव के साथ फोटो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसने बेलहर विधानसभा क्षेत्र में राजनीतिक चर्चा बढ़ा दी है। चाणक्य प्रकाश ने लंदन में अपनी पढ़ाई पूरी की और तीन महीने पहले ही बिहार लौटकर सक्रिय राजनीति में कदम रखा।
बता दें कि चाणक्य अपने पिता गिरधारी यादव के साथ विधानसभा क्षेत्र में लगातार जनसंपर्क कर रहे हैं। गांव-गांव में समर्थकों और कार्यकर्ताओं से मिलकर वे अपने राजनीतिक नेटवर्क को मजबूत कर रहे हैं। इस कदम ने जदयू और राजद के बीच सत्ता समीकरण बदलने की संभावनाओं को बढ़ा दिया है।
बेलहर सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला
बांका की बेलहर सीट पर अब त्रिकोणीय मुकाबले का अंदेशा है। मौजूदा विधायक मनोज यादव फिर से जदयू से टिकट के दावेदार हैं। वहीं राजद से चाणक्य प्रकाश का मैदान में उतरना जदयू के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, चाणक्य प्रकाश की युवा छवि, पिता की क्षेत्रीय पकड़ और जातीय समीकरण उन्हें मजबूती दे सकते हैं।
जदयू के लिए यह सीट पहले जैसी आसान नहीं रह गई है। अब पार्टी को चुनावी रणनीति पर विशेष ध्यान देना होगा, क्योंकि बेलहर की जनता में नई सियासी हलचल और युवा चेहरे की स्वीकार्यता ने समीकरण बदल दिए हैं।
गिरधारी यादव का बेटा चुनावी मैदान में
गिरधारी यादव, जो खुद जदयू सांसद हैं, अपने बेटे को राजद से चुनाव लड़ते हुए देख रहे हैं। हालांकि यह कदम पार्टी के आंतरिक समीकरणों में चर्चा का विषय बन गया है। चाणक्य प्रकाश अपने पिता के अनुभव और क्षेत्रीय नेटवर्क का लाभ उठाकर तेजी से जनसंपर्क कर रहे हैं। उनके सक्रियता और युवा छवि ने पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह और बदलाव की उम्मीद जगाई है।
राजनीतिक समीकरणों को ध्यान में रखते हुए, यह कहना मुश्किल नहीं कि बेलहर सीट पर इस बार चुनाव का रोमांच और अधिक बढ़ गया है।
जदयू और राजद के बीच कड़ा मुकाबला
राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि बेलहर सीट पर जदयू और राजद के बीच मुकाबला बेहद दिलचस्प होगा। जदयू का मजबूत वोट बैंक और अनुभव राजद के युवा चेहरे और नई रणनीति से टकरा सकता है। यह सीट अब त्रिकोणीय मुकाबले की भूमिका निभाने वाली है।
विशेषज्ञों का कहना है कि चुनाव परिणाम इस बात पर निर्भर करेगा कि स्थानीय जनता युवा चेहरे और नई राजनीतिक सोच को कितनी स्वीकार्यता देती है। चाणक्य प्रकाश की सक्रियता और तेजस्वी यादव के समर्थन से उन्हें निश्चित लाभ मिल सकता है।