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बिहार चुनाव 2025 से पहले नीतीश कुमार का मास्टरस्ट्रोक: सामाजिक सुरक्षा पेंशन में तीन गुना बढ़ोतरी

बिहार चुनाव 2025 से पहले नीतीश कुमार का मास्टरस्ट्रोक: सामाजिक सुरक्षा पेंशन में तीन गुना बढ़ोतरी

बिहार सरकार ने आम जनता के लिए एक महत्वपूर्ण और राहत भरा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा की है कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत दी जाने वाली पेंशन राशि में बड़ी बढ़ोतरी की गई है।

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आगामी विधानसभा चुनावों से पहले जनता को एक बड़ा तोहफा देते हुए सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत मिलने वाली मासिक राशि को तीन गुना तक बढ़ा दिया है। इस नई व्यवस्था के तहत अब विधवा महिलाएं, वृद्धजन और दिव्यांगजन हर महीने 400 रुपये की जगह 1100 रुपये की पेंशन प्राप्त करेंगे।

नीतीश कुमार की इस घोषणा को न केवल एक आर्थिक राहत के रूप में देखा जा रहा है, बल्कि इसे चुनावी रणनीति के तौर पर भी विश्लेषित किया जा रहा है। इससे बिहार के 1 करोड़ 9 लाख 69 हजार से अधिक लाभार्थियों को सीधा फायदा मिलने वाला है।

मुख्यमंत्री का सोशल मीडिया संदेश

सीएम नीतीश कुमार ने शुक्रवार को अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट से इस योजना में बदलाव की जानकारी साझा करते हुए लिखा: मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत विधवा महिलाओं, वृद्धजनों और दिव्यांगजनों को अब हर महीने 400 रुपये की जगह 1100 रुपये पेंशन मिलेगी। सभी लाभार्थियों को जुलाई महीने से पेंशन बढ़ी हुई दर पर मिलेगी। इस राशि को महीने की 10 तारीख तक लाभार्थियों के खाते में ट्रांसफर किया जाएगा।

वरिष्ठ नागरिकों के लिए सरकार की प्राथमिकता

सीएम नीतीश ने अपने संदेश में यह भी कहा कि वृद्धजन समाज का एक अनमोल हिस्सा हैं और उनके सम्मानजनक जीवन-यापन की जिम्मेदारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। उन्होंने दोहराया कि उनकी सरकार सामाजिक कल्याण की दिशा में प्रतिबद्ध है और आगे भी ऐसे कदम उठाए जाएंगे।वर्तमान में बिहार में सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत वृद्धजन पेंशन, विधवा पेंशन और दिव्यांग पेंशन जैसे वर्गों को मासिक 400 रुपये की राशि दी जाती थी। यह राशि वर्षों से अपरिवर्तित थी और बढ़ती महंगाई के चलते लंबे समय से इसकी आलोचना हो रही थी।

अब जब इस राशि को 1100 रुपये कर दिया गया है, तो यह न सिर्फ आर्थिक रूप से लाभार्थियों के लिए संबल बनेगी, बल्कि सरकार की विकास और जनकल्याण प्राथमिकता को भी दर्शाएगी। बिहार में 2025 के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं और विपक्ष लगातार सरकार को महंगाई, बेरोजगारी और गरीब वर्ग की उपेक्षा के मुद्दों पर घेरता आ रहा है। ऐसे में नीतीश कुमार की यह घोषणा राजनीतिक दृष्टि से अत्यंत प्रभावशाली मानी जा रही है।

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