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GST घोटाला: तीन महीने में 15,851 करोड़ की चोरी! जानिए कैसे हुआ खुलासा

GST घोटाला: तीन महीने में 15,851 करोड़ की चोरी! जानिए कैसे हुआ खुलासा

वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में केंद्र और राज्य सरकारों की जीएसटी यूनिट्स ने एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया है। अप्रैल से जून के बीच सिर्फ तीन महीनों में 15,851 करोड़ रुपये का फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) क्लेम किए जाने का मामला उजागर हुआ है। इस घोटाले से जुड़ी 3,558 कंपनियों का पता चला है, जिन पर फर्जीवाड़े के आरोप लगे हैं। इस दौरान 53 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और लगभग 659 करोड़ रुपये की रकम बरामद भी की गई है।

पिछले साल से कम रही फर्जी कंपनियों की संख्या, लेकिन रकम ज्यादा

हालांकि पिछले साल की तुलना में पकड़ी गई फर्जी कंपनियों की संख्या कम रही है। वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में जहां 3,840 फर्जी कंपनियों का भंडाफोड़ हुआ था, वहीं इस बार यह संख्या घटकर 3,558 रह गई है। लेकिन इस बार चोरी की गई रकम ज्यादा है। पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले फर्जी ITC की राशि में 29 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

हर महीने 1,200 से ज्यादा फर्जी कंपनियों का खुलासा

मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि औसतन हर महीने 1,200 से ज्यादा फर्जी फर्मों का पता लगाया जा रहा है। ये कंपनियां फर्जी रजिस्ट्रेशन कराकर जीएसटी पोर्टल पर इनपुट टैक्स क्रेडिट क्लेम करती हैं, जो कि पूरी तरह गलत होता है। हालांकि सरकार की सख्ती और डिजिटल ट्रैकिंग से अब इन गतिविधियों पर काफी हद तक लगाम लग रही है।

659 करोड़ की वसूली, गिरफ्तारियां भी जारी

सरकार और जीएसटी विभाग की संयुक्त कार्रवाई में अब तक 53 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही 659 करोड़ रुपये की रिकवरी भी की गई है। यह कार्रवाई देशभर में की जा रही है, जिसमें दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, जयपुर, कोलकाता जैसे शहर शामिल हैं। गिरफ्तार किए गए लोगों में टैक्स प्रोफेशनल्स, कंपनी मालिक और बिचौलिए शामिल हैं, जो इस तरह के फ्रॉड में शामिल पाए गए हैं।

कैसे होता है ITC घोटाला?

इनपुट टैक्स क्रेडिट यानी ITC एक ऐसा सिस्टम है जिसमें व्यापारी अपने द्वारा खरीदी गई वस्तुओं या सेवाओं पर दिए गए जीएसटी की कटौती अगली बिक्री पर दिए जाने वाले टैक्स से कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर, किसी कंपनी ने किसी वस्तु को 1,000 रुपये में खरीदा और 10 प्रतिशत जीएसटी यानी 100 रुपये दिए। अब जब वो उस वस्तु को आगे 1,500 रुपये में बेचती है और 150 रुपये जीएसटी वसूलती है, तो उसे सिर्फ 50 रुपये सरकार को देने होते हैं क्योंकि 100 रुपये पहले ही चुकाए जा चुके होते हैं।

फर्जी कंपनियां इसी सिस्टम का गलत फायदा उठाती हैं। वे कागजों पर नकली लेन-देन दिखाकर आईटीसी क्लेम करती हैं, जबकि असल में कोई व्यापार नहीं होता। इस तरह करोड़ों का घोटाला करके सरकार को भारी चूना लगाया जाता है।

राज्यों की बैठक में सामने आई चिंता

गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत की अगुवाई में हाल ही में राज्यों के मुख्यमंत्रियों और वित्त मंत्रियों की बैठक हुई थी। इसमें जीएसटी फ्रॉड पर चिंता जताई गई और इस पर अंकुश लगाने के लिए नए टेक्नोलॉजिकल उपायों पर चर्चा की गई। राज्यों ने साझा रूप से फर्जी रजिस्ट्रेशन पर रोक लगाने और रियल टाइम डेटा मॉनिटरिंग को और मज़बूत करने पर सहमति जताई।

अब रजिस्ट्रेशन से पहले होगी फिजिकल जांच

GSTN पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करने वाली कंपनियों की अब फिजिकल वेरिफिकेशन अनिवार्य की जा रही है। विशेष रूप से उन राज्यों में जहां बार-बार फर्जी रजिस्ट्रेशन का मामला सामने आता रहा है, वहां इस नियम को सख्ती से लागू किया जा रहा है।

कौन-कौन सी रणनीतियां अपनाई जा रही हैं

सरकार अब फर्जी GST रजिस्ट्रेशन को पकड़ने के लिए AI आधारित एनालिटिक्स टूल्स का इस्तेमाल कर रही है। साथ ही सभी राज्यों को निर्देश दिया गया है कि वे नए रजिस्ट्रेशन को लेकर ज्यादा सतर्क रहें। अधिकारियों को यह भी कहा गया है कि वे रजिस्ट्रेशन के बाद तुरंत फिजिकल वेरिफिकेशन करें, जिससे यह पता लगाया जा सके कि कंपनी असल में है भी या नहीं।

रुकने का नाम नहीं ले रहा टैक्स फ्रॉड

भले ही सरकार की सख्ती और तकनीक की मदद से फर्जी कंपनियों की संख्या में थोड़ी गिरावट आई हो, लेकिन घोटाले की रकम लगातार बढ़ती जा रही है। इससे साफ है कि टैक्स फ्रॉड करने वाले लोग अब ज्यादा बड़े लेन-देन कर रहे हैं और जालसाजी को और संगठित तरीके से अंजाम दे रहे हैं।

जीएसटी अफसरों की सक्रियता बढ़ी

पिछले कुछ महीनों में जीएसटी अफसरों की सक्रियता में भी जबरदस्त इजाफा हुआ है। खासकर बड़ी रकम वाले इनवॉइस और हाई-वैल्यू ट्रांजैक्शन्स की मॉनिटरिंग की जा रही है। जिन कंपनियों के रजिस्ट्रेशन अचानक बढ़े हैं या जिनकी गतिविधियों में अनियमितता दिख रही है, उन्हें तत्काल जांच के घेरे में लिया जा रहा है।

GST फ्रॉड पर केंद्र और राज्यों का साझा मोर्चा

इस बार केंद्र सरकार और राज्य सरकारें मिलकर GST फ्रॉड के खिलाफ साझा अभियान चला रही हैं। हर राज्य में GST इंटेलिजेंस यूनिट को और मजबूत किया गया है। इसके अलावा राज्य पुलिस की साइबर यूनिट्स को भी इस अभियान में शामिल किया गया है।

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