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Bihar Election: एनडीए का संकल्प पत्र! बिहार चुनाव में ‘पंचामृत गारंटी’ बनी केंद्रबिंदु

Bihar Election: एनडीए का संकल्प पत्र! बिहार चुनाव में ‘पंचामृत गारंटी’ बनी केंद्रबिंदु

एनडीए ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अपना संकल्प पत्र जारी किया। ‘पंचामृत गारंटी’ में मुफ्त राशन, 125 यूनिट बिजली, पांच लाख तक इलाज, 50 लाख मकान और सामाजिक सुरक्षा पेंशन जैसी पांच प्रमुख योजनाएं शामिल हैं।

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव का माहौल तेज होता जा रहा है। सभी राजनीतिक दल अपने-अपने वादों और योजनाओं के साथ जनता के बीच पहुंच रहे हैं। इसी कड़ी में एनडीए (NDA) ने शुक्रवार को पटना में अपना घोषणा पत्र जारी किया, जिसे ‘संकल्प पत्र’ नाम दिया गया है। इस संकल्प पत्र में एनडीए ने जनता के लिए 25 प्रमुख वादे किए हैं, जिनमें सबसे खास है ‘पंचामृत गारंटी’। एनडीए का दावा है कि ये पांच गारंटियां बिहार के गरीब और जरूरतमंद वर्ग के जीवन में वास्तविक परिवर्तन लाएंगी।

संकल्प पत्र के प्रमुख वादे

एनडीए ने अपने संकल्प पत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, कृषि और सामाजिक सुरक्षा जैसे विषयों पर फोकस किया है। गठबंधन ने कहा है कि बिहार में विकास की रफ्तार को और तेज किया जाएगा ताकि हर परिवार को बेहतर सुविधाएं मिल सकें। संकल्प पत्र में साफ लिखा है कि बिहार को आत्मनिर्भर और अवसरों से भरा राज्य बनाया जाएगा। एनडीए ने दावा किया कि उसके पिछले कार्यकाल में राज्य की सड़कों, बिजली और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हुआ है, और आने वाले समय में ये प्रयास और मजबूत होंगे।

क्या है ‘पंचामृत गारंटी’

एनडीए के घोषणा पत्र की सबसे बड़ी विशेषता ‘पंचामृत गारंटी’ है। इस योजना के तहत पांच प्रमुख वादे शामिल हैं, जो सीधे तौर पर गरीबों को राहत देने के उद्देश्य से बनाए गए हैं।

  1. मुफ्त राशन योजना जारी रहेगी – गरीब परिवारों को सरकार मुफ्त अनाज देती रहेगी ताकि कोई भी परिवार भूखा न रहे।
  2. 125 यूनिट मुफ्त बिजली – छोटे उपभोक्ताओं और गरीब परिवारों को हर महीने 125 यूनिट तक बिजली मुफ्त दी जाएगी।
  3. पांच लाख तक का मुफ्त इलाज – आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं के दायरे को और बढ़ाते हुए सभी पात्र परिवारों को 5 लाख रुपये तक की स्वास्थ्य सुरक्षा दी जाएगी।
  4. 50 लाख पक्के मकान – गरीब और बेघर लोगों के लिए 50 लाख नए पक्के मकान बनाए जाएंगे।
  5. सामाजिक सुरक्षा पेंशन सुनिश्चित – वृद्ध, विधवा और दिव्यांग नागरिकों को पेंशन समय पर और नियमित रूप से दी जाएगी।

एनडीए ने कहा कि ये गारंटियां सिर्फ वादे नहीं बल्कि ‘जनता के जीवन में अमृत घोलने वाली योजनाएं’ हैं। गठबंधन का मानना है कि पंचामृत गारंटी बिहार को गरीबी से मुक्त और विकासशील राज्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

किसानों के लिए योजनाएं

संकल्प पत्र में गरीबों, किसानों और मजदूरों के लिए कई नीतिगत घोषणाएं की गई हैं। किसानों को समय पर बीज, खाद और सिंचाई की सुविधा देने के लिए नई कृषि नीति लागू की जाएगी। साथ ही कृषि से जुड़ी छोटी इकाइयों को बढ़ावा देने के लिए आसान ऋण और सब्सिडी का प्रावधान होगा। एनडीए ने दावा किया है कि बिहार के किसान राज्य की रीढ़ हैं और उनके लिए हर संभव सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

बिहार के युवाओं को ध्यान में रखते हुए एनडीए ने शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में कई बड़े कदमों की घोषणा की है। सरकार ने कहा है कि राज्य में नए तकनीकी संस्थान, मेडिकल कॉलेज और औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र (ITI) स्थापित किए जाएंगे। युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार दिलाने के लिए ‘एक जिला एक उद्योग’ (One District One Industry) योजना को आगे बढ़ाया जाएगा। संकल्प पत्र में यह भी कहा गया है कि सरकारी विभागों में लंबित रिक्तियों को तेजी से भरा जाएगा।

स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार

एनडीए ने स्वास्थ्य क्षेत्र में व्यापक सुधार की योजना प्रस्तुत की है। राज्य के हर जिले में सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों की स्थापना की जाएगी। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा। साथ ही डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की भर्ती पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। सरकार ने कहा कि हर नागरिक को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा उसका अधिकार है और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी व्यक्ति इलाज के अभाव में न रहे।

महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण

संकल्प पत्र में महिलाओं के लिए विशेष योजनाओं का भी उल्लेख किया गया है। महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए विशेष ऋण योजनाएं चलाई जाएंगी। लड़कियों की शिक्षा पर ध्यान देने के लिए स्कूल और कॉलेजों में छात्रवृत्ति बढ़ाई जाएगी। एनडीए ने कहा कि महिला सशक्तिकरण बिहार के सामाजिक विकास का आधार बनेगा।

बिहार चुनाव का समीकरण

बिहार में चुनावी जंग दिलचस्प मोड़ पर पहुंच चुकी है। एक ओर महागठबंधन पूरी ताकत से सत्ता हासिल करने की कोशिश में है, जबकि दूसरी ओर एनडीए अपनी उपलब्धियों और योजनाओं के दम पर जनता का विश्वास दोबारा जीतना चाहता है। बिहार में दो चरणों में मतदान होना है। पहला चरण 6 नवंबर को और दूसरा चरण 11 नवंबर को होगा। मतगणना 14 नवंबर को होगी, जिसके बाद यह तय हो जाएगा कि बिहार की सत्ता किसके हाथ में जाएगी।

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