NHAI ने FASTag यूजर्स के लिए KYC प्रक्रिया को आसान बना दिया है। अब सिर्फ वाहन की फ्रंट फोटो अपलोड करनी होगी और सिस्टम ‘वाहन पोर्टल’ से RC डेटा अपने आप फेच करेगा। पुराने FASTag पर इसका असर नहीं पड़ेगा और जरूरत पड़ने पर बैंक या हेल्पलाइन से सहायता ली जा सकेगी।
NHAI: नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने फास्टैग यूजर्स के लिए बड़ी राहत देते हुए KYC प्रक्रिया को सरल बना दिया है। नई गाइडलाइंस के तहत अब गाड़ी की केवल फ्रंट फोटो अपलोड करनी होगी, जिसमें नंबर प्लेट और FASTag दिखे। सिस्टम स्वतः वाहन का RC डेटा ‘वाहन पोर्टल’ से फेच कर लेगा। यह बदलाव 2025 से लागू हुआ है, जिससे डॉक्यूमेंट अपलोड की झंझट खत्म हो गई है। पुराने फास्टैग यूजर्स पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और बैंक जरूरत पड़ने पर यूजर्स की मदद करेंगे।
अब नहीं करनी पड़ेगी ज्यादा डॉक्यूमेंट अपलोड करने की झंझट
भारतीय हाईवेज मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड (IHMCL) की नई गाइडलाइंस के अनुसार, अब KYC प्रक्रिया में वाहन की केवल फ्रंट फोटो अपलोड करनी होगी। पहले गाड़ी के दोनों साइड की तस्वीरें देना जरूरी था, लेकिन अब यह नियम हटा दिया गया है।
नई प्रक्रिया में फोटो में गाड़ी की नंबर प्लेट और फास्टैग साफ दिखाई देना चाहिए। जैसे ही यूजर वाहन का नंबर, चेसिस नंबर या मोबाइल नंबर डालता है, सिस्टम अपने आप वाहन का RC डेटा ‘वाहन पोर्टल’ से फेच कर लेता है।
अगर किसी यूजर के नाम या मोबाइल नंबर पर एक से ज्यादा वाहन रजिस्टर्ड हैं, तो सिस्टम उसे विकल्प देगा कि वह किस वाहन के लिए KYC पूरी करना चाहता है। इससे गलत डॉक्यूमेंट अपलोड होने या गलत वाहन की जानकारी दर्ज होने की समस्या खत्म हो जाएगी।
अगर KYC करते समय दिक्कत आए तो क्या करें
अगर किसी यूजर को KYC प्रक्रिया पूरी करने में कोई परेशानी आती है, तो जारी करने वाला बैंक खुद मदद करेगा। बैंक ग्राहक से संपर्क करके डॉक्यूमेंट्स की जांच करेगा और जरूरत पड़ने पर उसके लिए KYC पूरा कर देगा।
इसके अलावा, अगर फिर भी कोई समस्या आती है, तो यूजर नेशनल हाईवे हेल्पलाइन नंबर 1033 पर कॉल करके अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। यह हेल्पलाइन 24 घंटे चालू रहती है, ताकि फास्टैग यूजर्स को तुरंत सहायता मिल सके।
क्या होता है फास्टैग और कैसे करता है काम

फास्टैग एक रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) तकनीक पर आधारित डिवाइस है, जिसे गाड़ी की विंडशील्ड पर लगाया जाता है। जब गाड़ी टोल प्लाजा से गुजरती है, तो यह टैग स्कैन होकर टोल राशि अपने आप खाते से कट जाती है। इससे गाड़ी बिना रुके हाईवे पार कर सकती है और लंबी लाइनों में इंतजार नहीं करना पड़ता।
फास्टैग अब भारत में लगभग सभी नेशनल हाईवेज पर अनिवार्य हो चुका है और इससे डिजिटल पेमेंट को भी बढ़ावा मिला है।
क्यों जरूरी है फास्टैग की KYC
KYC यानी Know Your Customer प्रक्रिया का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि फास्टैग सही वाहन पर लगा है और उसका उपयोग वैध है। बैंक और NHAI दोनों के लिए यह जरूरी है कि टैग का उपयोग करने वाले वाहन मालिक की जानकारी प्रमाणिक हो।
HDFC बैंक और ICICI बैंक जैसी संस्थाओं के अनुसार, अगर किसी ग्राहक की KYC अधूरी या गलत पाई जाती है, तो बैंक फास्टैग को ‘हॉटलिस्ट’ कर सकता है। इसका मतलब है कि टैग काम करना बंद कर देगा और यूजर को टोल पर नकद भुगतान करना पड़ेगा। एक बार सही जानकारी जमा कर देने पर टैग दोबारा एक्टिव कर दिया जाता है।
KYC प्रक्रिया से जुड़ी नई सुविधा
नए नियमों में NHAI ने ऑटोमैटिक डाटा वेरिफिकेशन फीचर जोड़ा है। इसके तहत फास्टैग जारी करने वाले बैंक या ऐप में जानकारी डालते ही सिस्टम खुद ‘वाहन पोर्टल’ से वाहन का रजिस्ट्रेशन डेटा निकाल लेगा। इससे ग्राहकों को अब आरसी कार्ड अपलोड करने या फिजिकल वेरिफिकेशन कराने की जरूरत नहीं होगी।
यह नया कदम फास्टैग यूजर्स के लिए एक बड़ी राहत साबित हुआ है। पहले जहां पूरी प्रक्रिया में कई स्टेप्स होते थे, वहीं अब कुछ मिनटों में ही KYC पूरी हो जाएगी। इस बदलाव से न केवल समय बचेगा, बल्कि टोल प्लाजा पर भुगतान संबंधी दिक्कतें भी काफी हद तक कम होंगी।
फास्टैग सिस्टम को मिलेगी नई रफ्तार
NHAI के इस निर्णय से देशभर में करीब 8 करोड़ से ज्यादा फास्टैग यूजर्स को फायदा मिलने वाला है। नई KYC प्रक्रिया से डिजिटल ट्रांजेक्शन को और गति मिलेगी और फास्टैग सिस्टम और भी भरोसेमंद बनेगा।
यह अपडेट दिखाता है कि सरकार डिजिटल पेमेंट और हाईवे प्रबंधन को लेकर लगातार सुधार की दिशा में काम कर रही है, ताकि यात्रियों का सफर सुगम और परेशानी मुक्त हो सके।













