बिहार कैबिनेट ने कलाकारों को 3000 रुपये मासिक पेंशन और युवाओं को इंटर्नशिप के लिए 6000 रुपये तक भत्ता देने की योजना मंजूर की। 24 एजेंडों को स्वीकृति दी गई।
Bihar: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कई जनकल्याणकारी योजनाओं की सौगात दी है। मंगलवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में कुल 24 महत्वपूर्ण प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई, जिनमें कलाकारों को पेंशन, युवाओं को इंटर्नशिप भत्ता, धार्मिक स्थल विकास और सांस्कृतिक संरक्षण से जुड़ी योजनाएं शामिल हैं। ये फैसले ना केवल राज्य की सांस्कृतिक पहचान को मजबूती देंगे बल्कि युवाओं और जरूरतमंद कलाकारों को आर्थिक सहारा भी प्रदान करेंगे।
वरिष्ठ कलाकारों को 3000 रुपये मासिक पेंशन
राज्य सरकार ने उन वरिष्ठ और आजीविका संकट से जूझ रहे कलाकारों के लिए एक विशेष योजना लागू करने का निर्णय लिया है, जिन्होंने राज्य की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित रखने में निरंतर योगदान दिया है। 'मुख्यमंत्री कलाकार पेंशन योजना' के तहत ऐसे कलाकारों को प्रतिमाह 3000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। यह पेंशन राज्य के विभिन्न क्षेत्रों की पारंपरिक, लोक और सांस्कृतिक कलाओं से जुड़े कलाकारों के लिए होगी।
विलुप्त हो रही कलाओं को संरक्षण
बिहार सरकार ने 'मुख्यमंत्री बिहार गुरु-शिष्य परंपरा योजना' की भी स्वीकृति दी है। इस योजना का उद्देश्य उन पारंपरिक कलाओं को जीवित रखना है जो अब विलुप्त होने की कगार पर हैं। वर्ष 2025-26 के लिए इस योजना के तहत एक करोड़ 11 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं। इस योजना के तहत अनुभवी कलाकारों को अपनी कला अगली पीढ़ी को सिखाने के लिए सहायता दी जाएगी।
इंटर्नशिप करने वाले युवाओं को भत्ता
राज्य के युवाओं को स्किल डेवलपमेंट और करियर संवर्धन के लिए सरकार ने 'मुख्यमंत्री प्रतिज्ञा योजना' को मंजूरी दी है। इस योजना के अंतर्गत युवाओं को इंटर्नशिप के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। इसका मकसद उन्हें रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराना है। योजना की मुख्य बातें निम्नलिखित हैं:
- 12वीं पास युवाओं को 4000 रुपये प्रति माह
- आईटीआई और डिप्लोमा होल्डर को 5000 रुपये प्रति माह
- स्नातक पास छात्रों को 6000 रुपये प्रति माह
इसके अतिरिक्त:
- जीविका मिशन से जुड़े गृह जिले में इंटर्नशिप करने वाले छात्रों को 2000 रुपये
- राज्य से बाहर इंटर्नशिप पर जाने वालों को 5000 रुपये
- यह राशि 3 महीने से लेकर अधिकतम 12 महीने तक दी जा सकेगी।
धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा
कैबिनेट की बैठक में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक बड़ा निर्णय लिया गया। सीतामढ़ी जिले में स्थित पुनौरा धाम, जिसे मां सीता की जन्मस्थली माना जाता है, को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र अयोध्या की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। इसके लिए सरकार ने 882 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है। इससे न केवल धार्मिक आस्था को बल मिलेगा बल्कि स्थानीय पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
'मुख्यमंत्री प्रतिज्ञा योजना' के माध्यम से युवाओं को नेतृत्व विकास, सशक्त नेटवर्किंग, बेहतर रोजगार क्षमता और उन्नत कौशल प्रशिक्षण के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। इससे राज्य के युवाओं में आत्मनिर्भरता आएगी और वे अपने क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे।