जन सुराज अभियान के संयोजक प्रशांत किशोर ने एक बार फिर बिहार की सियासत में हलचल मचा दी है। सोमवार को सुपौल के छातापुर में आयोजित जनसभा में उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर करारा हमला बोला। किशोर ने दोनों नेताओं की कार्यशैली, नेतृत्व क्षमता और प्रदेश की बिगड़ती कानून-व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए।
अपने 'बिहार बदलाव यात्रा' के तहत सुपौल और अररिया के दौरे पर पहुंचे प्रशांत किशोर ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार को अब एक नया, साफ-सुथरा और मजबूत नेतृत्व चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि राज्य को विकास की राह पर लाना है, तो मौजूदा सियासी विकल्पों से बाहर निकलकर जनता को नया रास्ता अपनाना होगा।
तेजस्वी को बताया 'कट्टा वाला नेता
तेजस्वी यादव के हालिया ‘सूत्र’ वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रशांत किशोर ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि तेजस्वी की भाषा उनके संस्कार और पृष्ठभूमि को दर्शाती है। उन्होंने कहा, तेजस्वी से इससे बेहतर भाषा की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। ये वही लोग हैं, जिनके कारण बिहार की पहचान कभी 'कट्टा बनाने वाले राज्य' के रूप में होती थी। किसी ने मुझसे कहा कि तेजस्वी ‘कट्टा वाले नेता’ हैं और यह बात पूरी तरह से सही लगती है।
किशोर ने आगे कहा कि अगर फिर से वही लोग सत्ता में लौटते हैं, तो राज्य में फिर से अपराध, अपहरण और लूटपाट का दौर शुरू हो जाएगा। उन्होंने आरजेडी के पुराने शासन को याद दिलाते हुए कहा, जब लालू और राबड़ी की सरकार थी, तब बिहार की छवि देशभर में कानूनहीनता और जंगलराज के रूप में बन चुकी थी। जनता को अब सतर्क रहने की जरूरत है, वरना फिर वही अराजकता लौट आएगी।
नीतीश में अब नेतृत्व की क्षमता नहीं
प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की शारीरिक और मानसिक स्थिति को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि नीतीश अब उस स्थिति में नहीं हैं कि वे राज्य की बागडोर संभाल सकें। किशोर ने आरोप लगाया कि वर्तमान में सरकार कुछ भ्रष्ट अफसरों और मंत्रियों के इशारों पर चल रही है, जबकि मुख्यमंत्री केवल नाम के लिए पद पर बने हुए हैं।
उन्होंने कहा, प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। हत्याएं कोई नई बात नहीं हैं, यह सिलसिला बीते तीन वर्षों से जारी है। लेकिन सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है। मुख्यमंत्री का इकबाल खत्म हो चुका है और शासन पूरी तरह से निष्क्रिय हो चुका है।
किशोर ने दावा किया कि जब तक बिहार को एक सही और ईमानदार नेतृत्व नहीं मिलेगा, तब तक राज्य की हालत में कोई सुधार नहीं होगा। पूरी व्यवस्था लूटपाट में लगी हुई है। हर कोई सिर्फ अपना फायदा देख रहा है, जनता की किसी को कोई परवाह नहीं है, उन्होंने कहा।
जन सुराज है जनता का विकल्प
बदलाव की दिशा में जन सुराज अभियान की भूमिका पर बोलते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार की जनता बदलाव के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा, लोग अपने बच्चों के लिए बेहतर शिक्षा, रोजगार और सुरक्षित भविष्य चाहते हैं। उन्हें जातिवाद और परिवारवाद की राजनीति से कोई मतलब नहीं है। वे सिर्फ परिणाम चाहते हैं।
किशोर ने यह भी स्पष्ट किया कि जन सुराज किसी व्यक्ति, परिवार या जाति की पार्टी नहीं है। यह मंच बिहार के हर उस नागरिक का है जो राज्य को एक विकसित और आत्मनिर्भर प्रदेश के रूप में देखना चाहता है। उन्होंने कहा, हमारा लक्ष्य न सिर्फ सत्ता हासिल करना है, बल्कि एक ऐसी व्यवस्था खड़ी करना है जो लोगों की आकांक्षाओं को पूरा कर सके।
उन्होंने यह भी जोड़ा कि जनता अब समझदार हो चुकी है और जब उसे सही विकल्प मिलेगा, तो वह जरूर निर्णय लेगी। जनता को बहकाना अब आसान नहीं है। उन्हें अब जात-पात की राजनीति नहीं, विकास चाहिए, किशोर ने कहा।