भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने ई-कॉमर्स और क्विक-कॉमर्स कंपनियों के गोदामों पर कार्रवाई की, जिसमें 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 22 गोदामों पर सर्च और जब्ती अभियान चलाया गया। BIS ने 344 उत्पादों के नमूने लिए, जिनमें से 142 बिना वैध BIS प्रमाणन के पाए गए। इसमें प्रमुख कंपनियां जैसे Amazon, Instakart, और Blinkit शामिल थीं। यह कार्रवाई उपभोक्ताओं की सुरक्षा और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए की गई।
नई दिल्ली: भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने ई-कॉमर्स और क्विक-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ एक कड़ी कार्रवाई की है, जिसमें 12 राज्यों और केंद्रशासित क्षेत्रों में 22 गोदामों पर सर्च और जब्ती अभियान चलाया गया। BIS ने इन गोदामों से 344 उत्पादों के नमूने लिए, जिनमें से 142 उत्पाद बिना वैध BIS प्रमाणन के पाए गए। इस अभियान में प्रमुख ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स जैसे Amazon, Instakart और Blinkit के गोदामों को निशाना बनाया गया। यह कदम उपभोक्ताओं की सुरक्षा और उत्पादों की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
गुणवत्ता नियंत्रण का उल्लंघन: BIS का लक्ष्य
BIS के अनुसार, यह अभियान ग्राहकों की सुरक्षा और गुणवत्तापूर्ण उत्पादों को सुनिश्चित करने के लिए किया गया था। बिना प्रमाणन वाले उत्पादों की बिक्री से उपभोक्ताओं की सुरक्षा को खतरा हो सकता है और यह मानक उत्पादों के विपरीत होता है। इसके अलावा, यह कदम भारतीय बाजार में उत्पादों की गुणवत्ता के प्रति BIS की सख्त नीति को स्पष्ट करता है।
बीआईएस ने मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से उपभोक्ताओं को जागरूक करने का भी प्रयास किया। इसमें प्रिंट, सोशल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से इस अभियान का प्रचार किया गया। इसके साथ ही, BIS ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर भी इस मुद्दे को साझा किया और उपभोक्ताओं से अपील की कि वे ऑनलाइन उत्पाद खरीदते समय यह सुनिश्चित करें कि उत्पाद पर BIS का वैध ISI मार्क या प्रमाणन संख्या हो।
उपभोक्ता सुरक्षा के लिए बड़ा कदम
ई-कॉमर्स और क्विक-कॉमर्स के बढ़ते चलन के साथ, इन प्लेटफॉर्म्स पर बिक्री होने वाले उत्पादों की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे थे। ग्राहक इन प्लेटफार्म्स पर भरोसा करते हुए उत्पाद खरीदते हैं, लेकिन बिना प्रमाणित उत्पादों के बिकने से उनकी सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। BIS द्वारा की गई इस छापेमारी के बाद यह संदेश दिया गया है कि अब इन प्लेटफार्म्स पर बिकने वाले सभी उत्पादों को गुणवत्ता मानकों के तहत प्रमाणित किया जाएगा, जिससे उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
इस अभियान के दौरान जिन राज्य-केन्द्रशासित क्षेत्रों में छापे मारे गए, उनमें दिल्ली, हरियाणा, कर्नाटक, और महाराष्ट्र प्रमुख थे, जहाँ प्रत्येक राज्य में तीन गोदामों पर सर्च की कार्रवाई की गई। इसके अलावा, राजस्थान, तमिलनाडु, गुजरात, ओडिशा, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश और उत्तराखंड में भी BIS के अधिकारियों ने छापे मारे और अवैध उत्पादों को जब्त किया।
भविष्य में भी जारी रहेगी यह कार्रवाई
उपभोक्ता मामलों के राज्य मंत्री बी एल वर्मा ने संसद में कहा कि BIS ने बिना प्रमाणन वाले उत्पादों के खिलाफ यह कार्रवाई की है और भविष्य में भी इस तरह की कार्रवाई जारी रहेगी। उन्होंने यह भी कहा कि BIS का यह अभियान गुणवत्ता के प्रति संवेदनशीलता और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए जारी रहेगा।
इस कार्रवाई ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब ऑनलाइन प्लेटफार्म्स पर बिकने वाले सभी उत्पादों को गुणवत्ता नियंत्रण के कड़े मानकों के तहत प्रमाणित करना आवश्यक होगा, ताकि उपभोक्ताओं को सुरक्षा और गुणवत्ता की गारंटी मिल सके।