Columbus

बंगाल में SIR के दौरान 1000 बीएलओ को कारण बताओ नोटिस, 72 घंटे में जवाब देने का दिया आदेश

बंगाल में SIR के दौरान 1000 बीएलओ को कारण बताओ नोटिस, 72 घंटे में जवाब देने का दिया आदेश

चुनाव आयोग ने बंगाल में SIR प्रक्रिया में काम से मुक्ति मांगने वाले 1000 बीएलओ को नोटिस जारी किया। सभी अधिकारियों को 72 घंटे में जवाब देना होगा। यह कदम मतदाता सूची को सही और अपडेट रखने के लिए उठाया गया।

SIR: बंगाल में मतदाता सूची (Voter List) के विशेष गहन पुनरीक्षण यानी SIR (Special Intensive Revision) को लेकर राजनीतिक गतिविधियाँ तेज़ हो गई हैं। राज्य में मतदाता सूची की तैयारी जोरों पर है और इसे पूरी तरह से अपडेट करने के लिए बूथ लेवल अधिकारियों (BLOs) की जिम्मेदारी महत्वपूर्ण है। इस बीच चुनाव आयोग ने लगभग 1000 बीएलओ को कारण बताओ नोटिस (Show Cause Notice) जारी किया है। आयोग का कहना है कि इन अधिकारियों ने SIR के काम से मुक्ति की मांग की थी, जिसे लेकर आयोग ने स्पष्ट जवाब मांगा है।

आयोग ने जारी किया नोटिस 

राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) कार्यालय के अनुसार, इन बीएलओ ने विशेष गहन पुनरीक्षण के दौरान कार्य से छूट मांगी थी। आयोग ने इन सभी अधिकारियों को कारण बताने के लिए नोटिस जारी किया है और उनसे पूछा गया है कि उन्होंने नियुक्ति स्वीकार न करने का निर्णय क्यों लिया। यह नोटिस सभी को 72 घंटों के भीतर जवाब देने के लिए कहा गया है।

चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि SIR का काम न केवल लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए आवश्यक है, बल्कि इसका पालन करना सभी बीएलओ का दायित्व है। इससे मतदाता सूची में किसी भी तरह की गड़बड़ी या त्रुटि से बचा जा सकेगा और चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।

नियुक्ति पत्र अस्वीकार करने पर पहले भी नोटिस जारी

चुनाव आयोग ने पहले भी कई बीएलओ को इसी कारण से नोटिस भेजे हैं। कुछ जिलों में बीएलओ नियुक्ति पत्र लेने से हिचक रहे थे या इसे स्वीकार नहीं कर रहे थे। आयोग ने इस बार कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि यह काम राष्ट्रीय महत्व का है और इसे प्राथमिकता से पूरा किया जाएगा। आयोग ने सभी जिला मजिस्ट्रेट और जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे इस प्रक्रिया को सुचारू रूप से पूरा करें और किसी भी बीएलओ को बिना कारण काम से मुक्ति न दी जाए।

SIR की तैयारी

राज्य में SIR की तैयारियां पूरी गति से चल रही हैं। सभी जिलों में मतदाता सूची की मैपिंग और अपलोडिंग का काम जोरों पर है। इसमें 2002 की SIR सूची का नवीनतम प्रकाशित मतदाता सूची से मिलान किया जा रहा है। इस प्रक्रिया का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी मतदाता सही ढंग से सूचीबद्ध हों और भविष्य के चुनाव में किसी प्रकार की त्रुटि न हो।

चुनाव आयोग ने कहा कि यह सर्वेक्षण केवल बंगाल तक सीमित नहीं है। पूरे देश में इसे लागू किया जाएगा और बिहार सहित कई राज्यों में इसका सफल क्रियान्वयन हो चुका है। SIR की मदद से मतदाता सूची को पूरी तरह अपडेट किया जाएगा और इसके आधार पर सभी मतदान केंद्रों की स्थिति सही की जाएगी।

चुनाव आयोग की बैठक

सूत्रों के अनुसार, चुनाव आयोग ने देश के सभी मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (CEOs) को दिल्ली बुलाया है। इसमें बुधवार और गुरुवार को बैठक होगी, जिसमें मतदाता सूची और SIR पर विशेष फोकस रहेगा। यह बैठक यह सुनिश्चित करने के लिए है कि सभी राज्य SIR की प्रक्रिया को समयबद्ध तरीके से पूरा करें और बीएलओ द्वारा उत्पन्न किसी भी समस्या का समाधान किया जाए।

चुनाव आयोग के अधिकारियों ने बताया कि बैठक में विशेष तौर पर बीएलओ की जिम्मेदारी, प्रशिक्षण और SIR की प्रक्रिया के दौरान आने वाली चुनौतियों पर चर्चा होगी। इसके अलावा, नए उपायों और तकनीकी सहायता पर भी विचार किया जाएगा ताकि मतदाता सूची में किसी प्रकार की गलती या अधूरी जानकारी न रह जाए।

Leave a comment