लोकपाल ने अपने सदस्यों के लिए सात BMW 3 सीरीज कारों का टेंडर जारी किया। कांग्रेस नेता चिदंबरम और अभिषेक सिंघवी ने इसे सार्वजनिक धन (public funds) के गलत उपयोग और विडंबना बताया, राजनीतिक बहस तेज हुई।
New Delhi: भ्रष्टाचार विरोधी संस्था लोकपाल ने अपने सदस्यों के लिए सात BMW लग्जरी कारें खरीदने के लिए टेंडर (tender) जारी किया। इस कदम के बाद राजनीतिक विवाद तेज हो गया। कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरते हुए सवाल उठाए कि जब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के जजों को साधारण सेडान कार दी जाती है, तो लोकपाल के सदस्यों को बीएमडब्ल्यू कारों की क्या जरूरत है।
चिदंबरम का तीखा सवाल
कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद पी चिदंबरम ने इस कदम की आलोचना की। उन्होंने कहा कि लोकपाल मेंबर के लिए सार्वजनिक धन (public funds) का यह उपयोग उचित नहीं है। चिदंबरम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि उम्मीद है कि कम से कम एक या दो सदस्य इन कारों को खरीदने से मना करेंगे। उन्होंने सवाल किया कि क्या भ्रष्टाचार विरोधी संस्था को लग्जरी कार की जरूरत है, जबकि सुप्रीम कोर्ट के जज साधारण कारों में संतुष्ट हैं।
अभिषेक सिंघवी का बयान
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि लोकपाल अब अपने सदस्यों के लिए BMW ऑर्डर कर रहा है, यह विडंबना है। उन्होंने कहा कि 2019 में स्थापना के बाद लोकपाल को 8,703 आवेदन मिले, जिनमें से केवल 24 जांचें हुई और छह अभियोजन स्वीकृत हुए। ऐसे में लोकपाल की लग्जरी खरीद जनता के लिए सवाल खड़ा करती है।
टेंडर की जानकारी
16 अक्टूबर को लोकपाल ने सात BMW 3 सीरीज Li कारों की सप्लाई के लिए ओपन टेंडर जारी किया। रिपोर्ट्स के अनुसार BMW को ड्राइवर और स्टाफ को सात दिन की ट्रेनिंग भी देनी होगी। इस टेंडर के सामने आने के बाद विपक्ष ने सरकार पर हमला करना शुरू कर दिया।
लोकपाल के सदस्यों की जानकारी
लोकपाल के चेयरमैन सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस ए.एम. खानविलकर हैं। इसके अलावा सदस्यों में रिटायर जज जस्टिस एल. नारायण स्वामी, जस्टिस संजय यादव, जस्टिस ऋतु रात अवस्थी, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा और रिटायर जज-ब्यूरोक्रेट्स पंकज कुमार और अजय तिर्की शामिल हैं।