भारतीय टेस्ट टीम के दिग्गज बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास का ऐलान कर दिया। 2010 में टेस्ट डेब्यू करने वाले पुजारा ने 103 मैचों में 7195 रन बनाए और भारतीय टीम में अपनी मजबूत छाप छोड़ी।
Sports News: भारतीय क्रिकेट के टेस्ट क्रिकेट के स्तंभ और 'टेस्ट की दीवार' के नाम से मशहूर चेतेश्वर पुजारा ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास का ऐलान कर दिया है। लंबे समय तक भारतीय टेस्ट टीम का अहम हिस्सा रहे पुजारा अब मैदान से हट रहे हैं। यह घोषणा क्रिकेट प्रेमियों और उनके फैंस के लिए चौंकाने वाली रही। उनके संन्यास से भारतीय टीम में युवाओं को नई जिम्मेदारियां मिलेंगी।
पुजारा का संन्यास उनके सुनहरे करियर का एक महत्वपूर्ण मोड़ है। भारतीय क्रिकेट टीम के लिए वर्षों तक शानदार प्रदर्शन करने वाले पुजारा ने भारतीय क्रिकेट के इतिहास में अपनी छाप छोड़ी है। उनका शांत और धैर्यपूर्ण खेल हमेशा याद रखा जाएगा।
पुजारा ने लिया क्रिकेट से संन्यास
चेतेश्वर पुजारा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए संन्यास की घोषणा की। उन्होंने लिखा कि भारतीय जर्सी पहनना, राष्ट्रगान सुनना और मैदान पर कदम रखते ही पूरी मेहनत करना शब्दों में बयान करना मुश्किल है। पुजारा ने कहा कि हर चीज का अंत होना तय है और उन्होंने भारतीय क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास लेने का निर्णय लिया है।
उनके इस पोस्ट में क्रिकेट के प्रति उनका समर्पण और भावनाएं साफ झलकती हैं। उन्होंने फैंस और टीम का धन्यवाद भी किया और कहा कि उन्होंने हमेशा मैदान पर पूरी कोशिश की। यह पोस्ट उनके करियर के आखिरी अध्याय का संकेत है।
साल 2010 में किया टेस्ट में डेब्यू
चेतेश्वर पुजारा ने भारतीय टेस्ट टीम के लिए साल 2010 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ डेब्यू किया था। उस समय उन्होंने अपने मजबूत तकनीकी खेल और क्रीज पर टिकने की क्षमता से सभी को प्रभावित किया। उनके आने के बाद भारतीय टेस्ट टीम की बल्लेबाजी में मजबूती आई।
उनकी बल्लेबाजी शैली, संयम और डिफेंस ने उन्हें राहुल द्रविड़ के बाद “टेस्ट की दीवार” बना दिया। गेंदबाज उनके सामने टिक कर बल्लेबाजी करना बेहद मुश्किल समझते थे। उनकी तकनीक और मानसिक मजबूती उन्हें एक खास खिलाड़ी बनाती थी।
चेतेश्वर पुजारा के टेस्ट करियर के रिकॉर्ड
चेतेश्वर पुजारा ने भारतीय टीम के लिए कुल 103 टेस्ट मैच खेले और 7195 रन बनाए। इन रन के साथ उनके नाम 19 शतक और 35 अर्धशतक दर्ज हैं। उन्होंने साल 2023 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में आखिरी मैच खेला था। इसके बाद से वह टीम से बाहर रहे।
उनका करियर इस बात का उदाहरण है कि तकनीक और धैर्य से कैसे टेस्ट क्रिकेट में लंबे समय तक सफल रह सकते हैं। पुजारा का यह रिकॉर्ड भारतीय क्रिकेट में हमेशा याद किया जाएगा।
ऑस्ट्रेलिया में भारतीय टीम की जीत में अहम योगदान
चेतेश्वर पुजारा ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारतीय टीम को ऐतिहासिक जीत दिलाने में प्रमुख भूमिका निभाई थी। उस सीरीज में उन्होंने कुल 521 रन बनाए और टीम को 2-1 से जीत दिलाने में मदद की।
उनकी शानदार बल्लेबाजी के लिए उन्हें “प्लेयर ऑफ द सीरीज” का पुरस्कार मिला। इस प्रदर्शन ने उन्हें भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया। उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।