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गुजरात: CID ने जंगल सफारी परमिट काला बाजार गिरोह का किया भंडाफोड़, दो गिरफ्तार

गुजरात: CID ने जंगल सफारी परमिट काला बाजार गिरोह का किया भंडाफोड़, दो गिरफ्तार

गुजरात सीआईडी ने 6 राज्यों के नेशनल पार्कों में जंगल सफारी परमिट की कृत्रिम कमी कर ‘काला बाजार’ में बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया। दो आरोपियों को गिरफ्तार कर परमिट और डिजिटल सबूत बरामद किए गए।

गांधीनगर: गुजरात सीआईडी (अपराध) ने देश के कई राज्यों में जंगल सफारी परमिटों की थोक बुकिंग कर उन्हें काला बाजार में बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस कार्रवाई में दो आरोपियों अजय कुमार चौधरी और अरविंद उपाध्याय को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों ने फर्जी पहचान पत्रों का इस्तेमाल कर ऑनलाइन परमिट बुक किए और उन्हें असली पर्यटकों को ऊंची कीमत पर बेचा।

गिरोह की यह साजिश छह प्रमुख नेशनल पार्कों और बाघ अभयारण्यों को प्रभावित कर रही थी। जांच अधिकारियों ने बताया कि इस गिरोह के कारण असली पर्यटक परमिट से वंचित रह जाते थे और जंगल सफारी का अनुभव प्रभावित होता था।

निशाने पर 6 बड़े राष्ट्रीय उद्यान

जांच में पता चला कि आरोपी गुजरात के गिर जंगल सफारी, राजस्थान के रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान, महाराष्ट्र के ताडोबा-अंधारी बाघ अभयारण्य, उत्तराखंड के जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान, असम के काजीरंगा और मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ बाघ अभयारण्य में थोक बुकिंग कर रहे थे।

फर्जी पहचान पत्रों के इस्तेमाल से इन राष्ट्रीय उद्यानों और बाघ अभयारण्यों में कृत्रिम कमी पैदा की जा रही थी। इसके परिणामस्वरूप असली पर्यटक परमिट से वंचित रहते थे और जंगल सफारी का अनुभव सीमित हो जाता था।

फर्जी वेबसाइट से पर्यटकों से ठगी

जांच में यह भी सामने आया कि आरोपियों ने आधिकारिक वेबसाइट से मिलती-जुलती एक फर्जी वेबसाइट बनाई थी। इस वेबसाइट के जरिए वे पर्यटकों से धोखाधड़ी करते और उन्हें परमिट ऊंची कीमत पर बेचते।

फर्जी वेबसाइट के माध्यम से ट्रैवल एजेंटों को परमिट बेचे जाते थे, जो पर्यटकों को “पक्की बुकिंग” के रूप में पेश करते थे। इस प्रक्रिया में पर्यटक बिना जानकारी के महंगे परमिट खरीदने को मजबूर होते थे।

गिर जंगल में 12,000 परमिट बेचे गए

जांचकर्ताओं के अनुसार, केवल गिर जंगल सफारी में आरोपियों ने लगभग 12,000 परमिट बेचे। आरोपियों के कंप्यूटर से 8,600 ईमेल बरामद हुए, जिनमें भुगतान की पुष्टि दिखाई दे रही है। यह आंकड़ा इस गिरोह की गंभीरता और व्यापकता को दर्शाता है।

गुजरात सीआईडी की टीम ने कहा कि आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी से काला बाजार नियंत्रित करने में मदद मिलेगी और पर्यटकों को असली परमिट सुनिश्चित किए जाएंगे।

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