दिल्ली सरकार ने बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए इनोवेशन चैलेंज शुरू किया है। पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने जनता और संस्थानों से सुझाव मांगे। उपयोगी विचारों को लागू कर राजधानी की हवा को साफ और सांस योग्य बनाया जाएगा।
नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए नई पहल शुरू की है। पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने सोमवार को घोषणा की कि राजधानी की हवा को स्वच्छ और सांस लेने योग्य बनाने के लिए इन्वेशन चैलेंज शुरू किया गया है।
इस पहल के तहत नागरिक और संस्थान अपनी नई तकनीक, विचार और समाधान ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से सरकार के साथ साझा कर सकते हैं। मंत्री ने बताया कि उपयोगी पाए गए सुझावों को लागू किया जाएगा, जिससे दिल्ली की हवा सुधारने में मदद मिलेगी।
एनसीआर में GRAP-1 लागू
वहीं दूसरी ओर राजधानी और एनसीआर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) लगातार ‘खराब’ श्रेणी में बना हुआ है। कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) की बैठक के बाद GRAP-1 लागू कर दिया गया है।
इसका मतलब है कि 500 मीटर से बड़े निर्माण कार्यों पर शर्तों के साथ रोक, कचरा जलाने पर प्रतिबंध और सड़क पर धूल रोकने के लिए नियमित सफाई और पानी का छिड़काव अनिवार्य कर दिया गया है। इसके साथ ही डीजल जेनरेटरों के इस्तेमाल पर भी सीमाएं लागू की गई हैं।
प्रदूषण घटाने के लिए लोगों से सहयोग
सरकार ने जनता से अपील की है कि वे अनावश्यक वाहन न चलाएं, कारपूलिंग अपनाएं और सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें। यह उपाय न केवल वायु गुणवत्ता सुधारेंगे, बल्कि शहर में ध्वनि और धूल प्रदूषण को भी कम करेंगे।
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि अगले कुछ दिनों तक प्रदूषण की स्थिति गंभीर बनी रह सकती है। ऐसे में नागरिकों की सक्रिय भागीदारी ही हवा को शुद्ध बनाने में मदद करेगी।
दिल्ली की हवा पर बढ़ते खतरे
सर्दियों में दिल्ली की हवा पराली जलाने, वाहनों के धुएं, निर्माण धूल और मौसमी परिस्थितियों के कारण जहरीली हो जाती है। इस बार सरकार का मानना है कि जनता के सुझावों और नवीन उपायों के माध्यम से राजधानी की हवा थोड़ी स्वच्छ हो सकती है।
मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि यह पहल सिर्फ सरकारी प्रयास नहीं, बल्कि जनता की सक्रिय भागीदारी से सफल होगी। सरकार ने आश्वासन दिया कि सभी प्रभावी समाधान जल्दी लागू किए जाएंगे, ताकि दिल्लीवासियों को स्वच्छ और स्वास्थ्यप्रद हवा मिले।