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दिल्ली यूनिवर्सिटी एसिड अटैक केस: पुलिस को नहीं मिले पुख्ता सबूत, जांच जारी 

दिल्ली यूनिवर्सिटी एसिड अटैक केस: पुलिस को नहीं मिले पुख्ता सबूत, जांच जारी 

दिल्ली यूनिवर्सिटी के निकट छात्रा पर कथित एसिड अटैक मामला संदेहास्पद बन गया है; पुलिस ने अब तक दीवार पर एसिड के छींटे नहीं पाए और घटना की फोरेंसिक व सीसीटीवी जांच जारी है।

नई दिल्ली: दिल्ली यूनिवर्सिटी की छात्रा पर हुए कथित एसिड अटैक केस (Delhi University Acid Attack Case) में बड़ा ट्विस्ट सामने आया है। दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक यह मामला अब संदेहास्पद लग रहा है, क्योंकि घटनास्थल से अब तक एसिड अटैक के पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं। जांच अधिकारियों ने बताया कि जहां पर लड़की पर एसिड फेंके जाने की बात कही गई है, वहां दीवार पर किसी भी तरह के एसिड के छींटे या निशान नहीं मिले हैं। पुलिस फिलहाल हर एंगल से इस मामले की जांच कर रही है।

कॉलेज गेट से पहले उतरने पर उठे सवाल

पुलिस सूत्रों ने बताया कि पीड़िता जिस ई-रिक्शा में सफर कर रही थी, उससे वह कॉलेज गेट से करीब 200 मीटर पहले उतर गई थी। जांच अधिकारी अब यह पता लगा रहे हैं कि उसने इतनी दूरी पहले क्यों उतरने का निर्णय लिया।

रिक्शा चालक से पूछताछ की जा रही है और आस-पास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। पुलिस यह भी देख रही है कि क्या छात्रा का किसी से पहले से विवाद चल रहा था या यह किसी व्यक्तिगत रिश्ते से जुड़ा मामला हो सकता है।

पीछा करने वाले युवक की हुई पहचान

पुलिस के अनुसार, आरोपी की पहचान जितेंद्र नाम के युवक के रूप में हुई है, जो कई महीनों से छात्रा का पीछा कर रहा था। सूत्रों का कहना है कि दोनों के बीच कुछ समय पहले बहस हुई थी, जिसके बाद आरोपी ने लड़की को परेशान करना शुरू कर दिया।

घटना के बाद क्राइम ब्रांच और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीम ने कई इलाकों में छापेमारी की। जांच अधिकारी यह भी देख रहे हैं कि क्या घटना में अन्य लोग भी शामिल थे या अकेले आरोपी ने हमला किया।

आरोपी पर सख्त कार्रवाई की मांग

पीड़िता के भाई ने मीडिया से कहा कि उसकी बहन की हालत अभी भी गंभीर है और उसका इलाज चल रहा है। उसने बताया कि हमलावर उनके घर के पास रहता था और कई बार उसकी बहन का पीछा करता था। परिवार ने आरोप लगाया कि शिकायत के बावजूद आरोपी पर पहले कोई सख्त कार्रवाई नहीं हुई।

परिवार ने दिल्ली पुलिस से न्याय की मांग की है और कहा कि जब तक सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल नहीं भेजा जाता, वे चुप नहीं बैठेंगे। वहीं, पुलिस कमिश्नर ने भरोसा दिलाया है कि तकनीकी सबूतों और फोरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर सच्चाई जल्द सामने आ जाएगी।

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