कुत्ते के नाखून से आमतौर पर रेबीज नहीं होता, लेकिन अगर नाखून से गहरी खरोंच लगे और उस पर कुत्ते की लार का संपर्क हो तो संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। ऐसे में घाव को तुरंत साबुन-पानी से धोकर डॉक्टर से संपर्क करना और एंटी-रेबीज वैक्सीन लेना जरूरी है।
Dog Scratch Cause: कुत्तों के साथ खेलते समय कई बार नाखून लगने से खरोंच आ जाती है और लोगों के मन में सवाल उठता है कि क्या इससे रेबीज हो सकता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि केवल नाखून से खतरा नहीं होता, लेकिन अगर नाखून पर कुत्ते की लार लगी हो और खरोंच गहरी हो जाए तो वायरस के फैलने की आशंका रहती है। ऐसे मामलों में तुरंत घाव को 10 मिनट तक साबुन-पानी से धोना चाहिए और डॉक्टर की सलाह पर एंटी-रेबीज वैक्सीन व टिटनेस इंजेक्शन लेना जरूरी है। स्ट्रे डॉग या बिना वैक्सीनेशन वाले कुत्ते की स्थिति में खासतौर पर सावधानी बरतनी चाहिए।
रेबीज क्या है और कैसे फैलता है
रेबीज एक खतरनाक और जानलेवा बीमारी है, जो रेबीज वायरस से होती है। यह वायरस आमतौर पर किसी संक्रमित जानवर की लार से फैलता है। कुत्ता, बिल्ली या कोई अन्य जानवर यदि इंसान को काट लेता है तो उसकी लार घाव में चली जाती है और वहीं से संक्रमण शुरू हो जाता है। यही कारण है कि हर साल हजारों मामले रेबीज के सामने आते हैं और समय पर इलाज न मिलने पर यह जानलेवा साबित होता है।
नाखून से कितना खतरा है
गाजियाबाद के जिला पशु कल्याण अधिकारी डॉ. एसपी पांडेय बताते हैं कि केवल नाखून लगने से रेबीज होने की संभावना बेहद कम होती है। अगर नाखून से केवल हल्की खरोंच आई है और खून नहीं निकला तो खतरा लगभग नहीं होता। लेकिन अगर खरोंच गहरी है और कुत्ते ने हाल ही में अपने पंजे या नाखून चाटे हैं तो खतरा बढ़ सकता है। इस स्थिति में कुत्ते की लार नाखूनों पर मौजूद हो सकती है और खरोंच के जरिए आपके शरीर में पहुंच सकती है।
लार के संपर्क से बढ़ता है रिस्क
डॉक्टरों का कहना है कि रेबीज वायरस तभी शरीर में प्रवेश करता है जब संक्रमित जानवर की लार आपके घाव के संपर्क में आए। यानी अगर कुत्ता रेबीज से संक्रमित है और उसके नाखून या पंजे पर लार लगी हुई है, तभी खरोंच से संक्रमण का खतरा होगा। इसलिए यह समझना जरूरी है कि सिर्फ नाखून से रेबीज नहीं होता, बल्कि लार के संपर्क से खतरा बढ़ता है।
नाखून लगने पर क्या करें
अगर कुत्ते ने नाखून से खरोंच दी है तो सबसे पहले घाव को तुरंत धोना जरूरी है। घाव को कम से कम 10 मिनट तक साबुन और साफ पानी से धोना चाहिए। इससे संक्रमण का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है। इसके बाद एंटीसेप्टिक क्रीम या दवा लगाई जा सकती है।
यदि खरोंच गहरी है, खून बह रहा है, या फिर कुत्ता स्ट्रे है और उसके वैक्सीनेशन की जानकारी नहीं है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर आपकी स्थिति देखकर एंटी रेबीज वैक्सीन (ARV) और जरूरत पड़ने पर टिटनेस का इंजेक्शन (TT) लगाने की सलाह दे सकते हैं।
कब खतरा ज्यादा होता है
- जब खरोंच गहरी हो और खून निकले।
- जब कुत्ता वैक्सीनेटेड न हो या सड़क का हो।
- जब कुत्ता खरोंच देने से पहले अपने पंजे चाट चुका हो।
- जब कुत्ते में पहले से रेबीज संक्रमण का शक हो।
इन परिस्थितियों में खतरा ज्यादा बढ़ जाता है और तुरंत मेडिकल मदद लेना जरूरी हो जाता है।
डॉक्टरों की सख्त हिदायत
विशेषज्ञों का कहना है कि कुत्ते के नाखून से लगी चोट को हल्के में नहीं लेना चाहिए। कई लोग घरेलू नुस्खे अपनाकर या मामूली समझकर इसे इग्नोर कर देते हैं, जिससे बाद में बड़ी समस्या हो सकती है। डॉक्टरों की राय है कि एंटी रेबीज वैक्सीन का पूरा कोर्स लेना बेहद जरूरी है। बीच में रोक देने से बीमारी का खतरा बना रहता है।
सावधानी ही सुरक्षा
कुत्ते के साथ खेलते समय अगर नाखून लग भी जाए तो घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन इसे हल्के में लेना भी सही नहीं। तुरंत घाव की सफाई, डॉक्टर से सलाह और जरूरत पड़ने पर वैक्सीन लेना ही सही कदम है। यही एकमात्र तरीका है जिससे आप रेबीज जैसी जानलेवा बीमारी से खुद को सुरक्षित रख सकते हैं।