राजस्थान विधानसभा में लगे एक्स्ट्रा कैमरों को लेकर विवाद बढ़ गया है। पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने आरोप लगाया कि स्पीकर विशेष रूप से कांग्रेस की महिला विधायकों पर नजर रखने के लिए रेस्ट रूम में कैमरे लगवा रहे हैं।
जयपुर: राजस्थान विधानसभा में लगे एक्स्ट्रा कैमरों को लेकर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष और पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने इस मुद्दे पर बड़ा बयान देते हुए विधानसभा अध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाए हैं। डोटासरा का कहना है कि इन कैमरों का असली मकसद सुरक्षा नहीं बल्कि कांग्रेस की महिला विधायकों की निगरानी करना है। उनका आरोप है कि स्पीकर रेस्ट रूम से महिला विधायकों पर नजर रख रहे हैं। इस बयान ने राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है और आने वाले दिनों में विधानसभा में विवाद और गरमाने की संभावना जताई जा रही है।
डोटासरा का आरोप: महिला विधायकों पर निगरानी
गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने विशेष रूप से महिला विधायकों पर निगरानी रखने के लिए कैमरे लगाए हैं। डोटासरा ने मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया कि स्पीकर जानना चाहते हैं कि महिला विधायक किस वेशभूषा में हैं, किस स्थिति में बैठी हैं और क्या बातें कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि यह संवैधानिक पद पर बैठे किसी व्यक्ति के लिए अत्यंत शर्मनाक है। उनका कहना है कि केवल महिला विधायकों पर ही नहीं, बल्कि प्रमुख नेताओं पर भी निगरानी रखी जा रही है। डोटासरा ने चेतावनी दी कि इस तरह की जासूसी लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए खतरा है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
महिला विधायक जल्द करेंगी खुलासा
डोटासरा ने कहा कि कांग्रेस की महिला विधायक जल्द ही मीडिया से रूबरू होकर इस पूरे मामले पर और खुलासा करेंगी। उनका कहना है कि इस मुद्दे को उठाने के बाद विधानसभा की ओर से जासूसी के सबूत मिटाने की कोशिशें शुरू हो गई हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि जो वायर और कैमरे लगाए गए थे, उन्हें हटाया जा रहा है। डोटासरा ने कहा कि स्पीकर अब कुंठा के शिकार हो गए हैं और विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। उनका मानना है कि ऐसे व्यक्ति विधानसभा नहीं चला सकते और लोकतंत्र के लिए यह खतरा है।
नेता प्रतिपक्ष का राज्यपाल को ज्ञापन
विपक्ष की ओर से नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े से मुलाकात कर इस मुद्दे पर ज्ञापन सौंपा। जूली ने कहा कि विधानसभा में लगे कैमरे सिर्फ सुरक्षा के नाम पर जासूसी का माध्यम बन गए हैं और इन्हें तुरंत हटाया जाना चाहिए।
ज्ञापन में यह भी कहा गया कि कैमरों के जरिए महिला विधायकों और विपक्ष के नेताओं की निगरानी करना संवैधानिक पद की गरिमा को ठेस पहुंचाता है। टीकाराम जूली ने राज्यपाल से यह सुनिश्चित करने की मांग की कि सदन में लोकतंत्र और पारदर्शिता बनी रहे।
360 डिग्री व्यू लाइव प्रसारण के लिए दो नए कैमरे
स्पीकर वासुदेव देवनानी का कहना है कि सदन में लगे कैमरे सुरक्षा और पारदर्शिता के दृष्टिकोण से लगाए गए हैं। उनका दावा है कि सदन का 360 डिग्री व्यू यूट्यूब पर लाइव प्रसारित करने के लिए दो नए कैमरे लगाए गए हैं। स्पीकर ने किसी विशेष सदस्य को निशाना बनाने का आरोप खारिज किया।
वहीं विपक्ष और कांग्रेस ने इस दावे को खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि महिला विधायकों की निगरानी करना लोकतंत्र और संवैधानिक गरिमा के खिलाफ है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह मुद्दा विधानसभा के भीतर और बाहर दोनों जगह गर्माहट पैदा करेगा और आने वाले दिनों में इसका असर विधानसभा की कार्यवाही पर भी पड़ सकता है।