पिछले दो हफ्तों से लगातार महंगा हो रहा सोना आज 25 अगस्त को अचानक सस्ता हो गया। अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने और निवेशकों की फेडरल रिजर्व की नीतियों पर नज़र के चलते अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड की कीमत गिरी है। वहीं, ब्याज दरों में संभावित कटौती और भारतीय बाजार में त्योहारी मांग से आगे कीमतों में मजबूती बनी रह सकती है।
Gold Price Today: सोना (Gold) जो पिछले दो हफ्तों से लगातार ऊँचाई पर था, 25 अगस्त को अचानक गिरावट के साथ ट्रेड करता दिखा। अंतरराष्ट्रीय बाजार (COMEX) में गोल्ड 0.26% गिरकर 3409.70 डॉलर प्रति औंस पर पहुँच गया, जबकि चांदी (Silver) 0.65% टूटकर 38.80 डॉलर प्रति औंस रही। इसकी सबसे बड़ी वजह अमेरिकी डॉलर का मजबूत होना है। हालांकि, फेडरल रिजर्व (US Fed) की आगामी मीटिंग और संभावित ब्याज दर कटौती की उम्मीदें निवेशकों को अभी भी गोल्ड मार्केट की ओर आकर्षित कर रही हैं। भारत में भी फेस्टिव सीजन से पहले ज्वेलर्स ने खरीदारी शुरू कर दी है, जिससे लोकल डिमांड को सपोर्ट मिल सकता है।
अमेरिकी डॉलर की मजबूती से सोने पर दबाव
सोमवार को ग्लोबल मार्केट में अमेरिकी डॉलर (US Dollar Index) मजबूत हुआ, जिससे सोने पर दबाव देखने को मिला। आमतौर पर जब डॉलर मजबूत होता है तो गोल्ड की कीमतों में गिरावट आती है, क्योंकि डॉलर में सोना खरीदना महंगा पड़ जाता है।
US Dollar Index हाल ही में चार हफ्ते के निचले स्तर पर था, लेकिन अब यह 0.2% की बढ़त के साथ ऊपर चढ़ा। इस मजबूती का सीधा असर गोल्ड की कीमतों पर पड़ा और सोना सस्ता हो गया।
Gold Price Today- ताजा अपडेट
- COMEX पर गोल्ड 0.26% गिरकर 3409.70 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया।
- सिल्वर (Silver) की कीमत भी 0.65% टूटकर 38.80 डॉलर प्रति औंस पर आ गई।
भारत में मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर पिछले हफ्ते सोना 1% बढ़कर 1,00,391 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंचा था। लेकिन अब डॉलर की मजबूती और डिमांड में कमजोरी से इसमें गिरावट देखने को मिल रही है।
भारतीय बाजार में गोल्ड प्राइस
पिछले हफ्ते ही मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोना 1% बढ़कर 1,00,391 रुपये प्रति 10 ग्राम के लेवल पर पहुँच गया था। यह लेवल गोल्ड इन्वेस्टर्स के लिए मनोवैज्ञानिक रूप से अहम माना जा रहा है। अगर फेड रेट कट की उम्मीदें और मजबूत होती हैं तो सोने की कीमतें 1,02,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के पार भी जा सकती हैं।
फेडरल रिजर्व और ब्याज दरों का असर
अमेरिकी फेडरल रिजर्व (US Fed) की मौद्रिक नीति हमेशा से ही गोल्ड की कीमतों पर गहरा असर डालती है। हाल ही में फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल (Jerome Powell) ने नरम रुख अपनाया है, जिससे बाजार में उम्मीद बनी है कि सितंबर की बैठक में ब्याज दरों (Interest Rate) में कटौती हो सकती है।
CME FedWatch Tool के अनुसार:
17 सितंबर की नीति बैठक में 25 बेसिस प्वाइंट (0.25%) की कटौती की संभावना 87% तक पहुंच गई है।
इस साल के अंत तक कुल मिलाकर 48 बेसिस प्वाइंट तक रेट कट हो सकती है।
कम ब्याज दरों की उम्मीदें गोल्ड के लिए पॉजिटिव सिग्नल होती हैं। इसकी वजह यह है कि जब ब्याज दरें कम होती हैं तो निवेशक सुरक्षित निवेश (Safe Haven) जैसे सोने की तरफ ज्यादा आकर्षित होते हैं।
एशियाई बाजारों में गोल्ड डिमांड सुस्त
पिछले हफ्ते एशियाई बाजारों (Asian Markets) में फिजिकल गोल्ड की डिमांड कमजोर रही। इसका कारण था कीमतों में लगातार उतार-चढ़ाव। जब दाम ज्यादा अस्थिर रहते हैं तो आम खरीदार और ज्वेलर्स खरीदारी से दूरी बना लेते हैं।
हालांकि, भारत में स्थिति थोड़ी अलग रही। यहां आभूषण विक्रेताओं ने प्रमुख त्यौहारी सीजन (Festive Season) से पहले खरीदारी फिर से शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि आने वाले हफ्तों में नवरात्रि और दिवाली जैसे बड़े त्योहारों के चलते फिजिकल गोल्ड की मांग और बढ़ेगी।