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हरियाणा में फिरौती के लिए अपहरण की साजिश नाकाम, पुलिस ने युवक को ड्रामाई अंदाज में बचाया

हरियाणा में फिरौती के लिए अपहरण की साजिश नाकाम, पुलिस ने युवक को ड्रामाई अंदाज में बचाया

हरियाणा के गुरुग्राम जिले से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां 20 लाख रुपये की फिरौती के लिए एक युवक के अपहरण की साजिश रची गई। लेकिन पुलिस की तत्परता और समय पर कार्रवाई से यह अपराध टल गया। पूरी घटना गुरुग्राम के भोंडसी थाना क्षेत्र की है, जहां गांव के ही तीन बदमाशों ने एक व्यक्ति को पैसे के लिए धमकी दी और जब उसने इनकार कर दिया तो उसे अगवा करने की कोशिश की गई।

फिल्मी स्टाइल में पुलिस की एंट्री

शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि वह अपनी कार से सोहना जा रहा था। जैसे ही वह अलीपुर चौक के पास पहुंचा, तीन युवकों ने उसे रोक लिया और जबरन दूसरी कार में बैठाने का प्रयास करने लगे। तभी अचानक पुलिस वाहन का हूटर सुनाई दिया, जिससे डरकर तीनों आरोपी मौके से भाग निकले। भागते समय वे युवक को धमकी देते गए कि अगर उसने जल्द ही 20 लाख रुपये नहीं दिए, तो उसे और उसके परिवार को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

इस शिकायत के आधार पर भोंडसी थाना पुलिस ने तुरंत एक्शन लिया और आरोपियों की तलाश शुरू कर दी। कुछ ही घंटों में पुलिस ने बाईपास भोंडसी के पास से तीनों बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया।

गांव का ही निकला मास्टरमाइंड

गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान नरेंद्र उर्फ सोनू, मोहित और नरेश कुमार के रूप में हुई है। पुलिस जांच में पता चला कि मुख्य आरोपी नरेंद्र और पीड़ित एक ही गांव के रहने वाले हैं। नरेंद्र ने पहले युवक से 20 लाख रुपये की मांग की थी और जब उसने मना किया, तो नरेंद्र ने अपने साथियों मोहित और नरेश के साथ मिलकर युवक का अपहरण करने की साजिश रच डाली।

आरोपियों ने प्लानिंग के तहत युवक का पीछा किया और अलीपुर चौक पर उसकी गाड़ी को अपनी कार से रोककर उसे अगवा करने की कोशिश की। लेकिन मौके पर पुलिस की मौजूदगी ने उनकी योजना विफल कर दी।

पुलिस ने बरामद किए हथियार और कार

गिरफ्तार आरोपियों के पास से पुलिस ने एक कार, तीन पिस्टल, एक रिवॉल्वर और 11 जिंदा कारतूस बरामद किए हैं। पुलिस प्रवक्ता संदीप कुमार ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ फिरौती मांगने, अपहरण की कोशिश और जान से मारने की धमकी देने जैसी गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है।

आपराधिक इतिहास भी है लंबा

पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि मुख्य आरोपी नरेंद्र के खिलाफ गुरुग्राम के विभिन्न थानों में हत्या, हत्या के प्रयास, मारपीट, लूटपाट, शराब तस्करी और अन्य गंभीर आरोपों में कुल 16 केस दर्ज हैं। इसके अलावा नूंह जिले में उसके खिलाफ शांति भंग करने का भी एक मामला दर्ज है।

वहीं, आरोपी मोहित पर मारपीट, धमकी और एक्साइज एक्ट के तहत दो मुकदमे दर्ज हैं। नरेश का भी आपराधिक रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है। फिलहाल पुलिस तीनों से पूछताछ कर रही है और यह जांच कर रही है कि क्या इस मामले में और कोई व्यक्ति शामिल है या नहीं।

समय रहते एक बड़ी वारदात टली

पुलिस की तेज कार्रवाई और मौके पर पहुंचने की तत्परता से एक बड़ी वारदात होने से टल गई। अगर पुलिस समय पर न पहुंचती, तो पीड़ित का अपहरण हो सकता था और मामला और गंभीर हो सकता था। फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले की गहनता से जांच कर रही है और आरोपियों के नेटवर्क को खंगाल रही है।

इस घटना ने एक बार फिर यह दिखा दिया है कि निजी रंजिश और आपराधिक प्रवृत्ति किस हद तक जा सकती है। लेकिन पुलिस की मुस्तैदी से पीड़ित की जान बच गई और अपराधी सलाखों के पीछे पहुंच गए। 

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