इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में 8 बड़े बदलावों की घोषणा कर दी है। ये बदलाव वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2025 फाइनल के बाद तय किए गए हैं।
स्पोर्ट्स न्यूज़: इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2025 फाइनल के बाद क्रिकेट की दुनिया में बड़ा बदलाव किया है। आईसीसी ने क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट टेस्ट, वनडे और टी20 में 8 अहम नियमों में फेरबदल का ऐलान किया है, जो खिलाड़ियों की रणनीति के साथ-साथ दर्शकों के रोमांच को भी प्रभावित करेंगे।
टेस्ट में ये नियम वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2025-27 चक्र से लागू हो चुके हैं, जबकि व्हाइट बॉल क्रिकेट (वनडे और टी20) में ये बदलाव 2 जुलाई 2025 से प्रभावी होंगे। आइए विस्तार से समझते हैं कि ये 8 नियम क्या हैं और क्रिकेट पर इनका क्या प्रभाव पड़ सकता है:
1. स्टॉप क्लॉक का टेस्ट क्रिकेट में आगमन
पहले ये नियम सिर्फ वनडे और टी20 में था, लेकिन अब टेस्ट क्रिकेट में भी इसे लागू किया गया है। इसके मुताबिक फील्डिंग साइड को पिछले ओवर खत्म होने के 60 सेकंड के भीतर अगला ओवर शुरू करना होगा। अगर ऐसा नहीं किया गया, तो अंपायर पहले दो बार चेतावनी देंगे, इसके बाद हर बार पांच रन की पेनाल्टी लगेगी।
80 ओवर पूरे होने के बाद ये चेतावनियां फिर से रीसेट हो जाएंगी। इसका मकसद खेल की रफ्तार बढ़ाना है, ताकि टेस्ट मैच में भी दर्शकों को ज्यादा ओवर देखने को मिलें।
2. वनडे में सिर्फ एक ही गेंद 35 ओवर के बाद
वनडे में अब तक 25-25 ओवर के बाद दो अलग-अलग गेंदें इस्तेमाल की जाती थीं, लेकिन 2 जुलाई से यह नियम बदल जाएगा। 35 ओवर के बाद सिर्फ एक ही गेंद का इस्तेमाल होगा, ताकि गेंद में रिवर्स स्विंग की संभावनाएं बनी रहें और गेंदबाजों को भी फायदा मिले। यह कदम बल्लेबाजों के दबदबे को कम करने और गेंदबाजों को बराबरी का मौका देने के लिए लिया गया है।
3. सलाइवा नियम को सख्ती से लागू किया गया
गेंद पर लार (सलाइवा) लगाना कोविड-19 के बाद बैन कर दिया गया था, लेकिन कुछ टीमें इसका फायदा उठाकर गेंद बदलने की कोशिश करती थीं। अब अंपायर को अधिकार दिया गया है कि वह तय करें कि गेंद को बदला जाना चाहिए या नहीं। जानबूझकर लार का इस्तेमाल करने पर 5 रन की पेनाल्टी भी बरकरार रहेगी।
4. नो-बॉल पर भी कैच की जांच होगी
पहले नो-बॉल पर अगर बल्लेबाज कैच आउट होता था, तो उसकी समीक्षा नहीं होती थी। अब से नो-बॉल पर भी कैच की वैधता को चेक किया जाएगा। अगर कैच क्लीन होगा तो बल्लेबाज को सिर्फ एक रन मिलेगा, अन्यथा उस गेंद पर जितने रन बने हैं, वे मान्य होंगे।
5. शॉर्ट रन लेने पर कड़ा जुर्माना
अगर कोई बल्लेबाज जानबूझकर शॉर्ट रन लेता है, तो उस पर 5 रन की पेनाल्टी लगेगी। इतना ही नहीं, अगली गेंद पर कौन बल्लेबाजी करेगा, यह निर्णय भी फील्डिंग टीम और अंपायर मिलकर लेंगे। इससे गलत नीयत से शॉर्ट रन लेने की प्रवृत्ति खत्म होने की उम्मीद है।
6. दो अपीलों की स्थिति में प्राथमिकता तय
अगर किसी गेंद पर बल्लेबाज के खिलाफ एक साथ एलबीडब्ल्यू और रन आउट की अपील होती है, तो पहले एलबीडब्ल्यू की जांच की जाएगी। यदि बल्लेबाज एलबीडब्ल्यू आउट पाया जाता है, तो गेंद वहीं डेड घोषित कर दी जाएगी, और रन आउट की जांच की जरूरत नहीं होगी।
7. बाउंड्री कैच नियम में बड़ा बदलाव
अब से कोई भी फील्डर बाउंड्री लाइन के बाहर हवा में रहकर गेंद को सिर्फ एक बार ही टच कर सकता है। अगर गेंद को हवा में बाउंड्री के अंदर धकेला जाए और फिर बाहर से आकर कैच लपका जाए, तो उसे वैध तभी माना जाएगा जब फील्डर का अंतिम स्पर्श बाउंड्री के अंदर रहते हुए होगा। इससे बाउंड्री कैच पर ज्यादा स्पष्टता आएगी।
8. DRS में भी बड़ा अपडेट
यदि बल्लेबाज को कैच आउट दिया गया और रिव्यू में पता चला कि गेंद पहले पैड से टकराई थी, तो अब थर्ड अंपायर LBW की भी जांच करेगा। यदि बॉल-ट्रैकिंग में अंपायर्स कॉल आता है, तो बल्लेबाज आउट माना जाएगा। इससे निर्णय प्रक्रिया में पारदर्शिता और न्यायसंगतता बढ़ेगी।
इन नियमों से साफ झलकता है कि ICC क्रिकेट को ज्यादा गतिशील और निष्पक्ष बनाना चाहती है। स्टॉप क्लॉक नियम से धीमे ओवर रेट पर लगाम लगेगी, वहीं गेंदबाजों को भी नई व्यवस्था में राहत मिलेगी। गेंद की पुरानी चमक को बचाकर रिवर्स स्विंग का मौका देना गेंदबाजों के लिए वरदान साबित हो सकता है।