संसद के आगामी मानसून सत्र से ठीक पहले विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक ने अपनी रणनीति को और मजबूत करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसी कड़ी में 19 जुलाई को दिल्ली में एक अहम बैठक आयोजित की जाएगी।
नई दिल्ली: आगामी संसद के मानसून सत्र से पहले विपक्षी गठबंधन INDIA (Indian National Developmental Inclusive Alliance) ने अपनी रणनीति को धार देने के लिए 19 जुलाई को एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। यह बैठक दिल्ली स्थित कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास 10, राजाजी मार्ग पर होगी। इस बैठक को न केवल संसद सत्र के लिए रणनीति तय करने के नजरिए से, बल्कि विपक्षी एकता की मजबूती के लिहाज से भी बेहद अहम माना जा रहा है।
संसद सत्र से पहले विपक्ष की तैयारी
बैठक में कांग्रेस, आरजेडी, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट), समाजवादी पार्टी, एनसीपी (शरद पवार गुट), वामपंथी दलों समेत कई विपक्षी पार्टियों के वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। हालांकि आम आदमी पार्टी (AAP) और तृणमूल कांग्रेस (TMC) की भागीदारी को लेकर अभी संशय बना हुआ है। हाल ही में AAP और TMC की बैठकों से दूरी और पहलगाम हमले पर अलग रुख ने विपक्ष की एकजुटता पर सवाल खड़े किए हैं।
इस बैठक में मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और सोनिया गांधी के शामिल होने की संभावना है। विपक्ष चाहता है कि संसद में सरकार के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाई जाए और महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर साझा रणनीति बनाई जाए।
इन मुद्दों पर होगी चर्चा
बैठक में विपक्षी दल सरकार को घेरने के लिए किन मुद्दों को संसद में उठाएंगे, इस पर विस्तार से चर्चा होगी। कुछ प्रमुख मुद्दे जो इस बैठक में चर्चा के केंद्र में रह सकते हैं-
- बिहार की विवादित मतदाता सूची का मामला
- पहलगाम आतंकी हमला और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े सवाल
- 'ऑपरेशन सिंदूर' को अचानक रोकने के पीछे की मंशा
- अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के कथित मध्यस्थता वाले बयान को लेकर भारत की विदेश नीति पर सवाल
- कांग्रेस चाहती है कि क्षेत्रीय दलों के मुद्दों को भी संसद में राष्ट्रीय स्तर पर जगह दी जाए ताकि INDIA गठबंधन की आवाज मजबूत और व्यापक दिखे।
विपक्षी एकता की अग्निपरीक्षा
यह बैठक सिर्फ संसद सत्र की रणनीति तय करने तक सीमित नहीं, बल्कि यह भी तय करेगी कि INDIA गठबंधन आने वाले समय में एक मजबूत विकल्प बन पाएगा या नहीं। हाल ही में उद्धव ठाकरे और उमर अब्दुल्ला जैसे नेताओं ने INDIA गठबंधन की बैठकों की अनियमितता और समन्वय की कमी को लेकर चिंता जताई थी।
AAP और TMC जैसी अहम पार्टियों का हर बार दूरी बनाए रखना विपक्षी एकता को कमजोर करता दिख रहा है। खासकर तब जब AAP ने पहलगाम हमले पर विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री को भेजे गए पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए और अलग पत्र भेजा। इन सब बातों से INDIA गठबंधन में विश्वसनीयता और एकजुटता पर सवाल उठे हैं।
क्या तय हो सकता है इस बैठक में?
- मानसून सत्र के दौरान लोकसभा और राज्यसभा में सामूहिक रणनीति।
- संसद के भीतर और बाहर सरकार के खिलाफ सामूहिक विरोध कार्यक्रमों की रूपरेखा।
- विपक्षी एकता को और मजबूत करने के लिए नियमित बैठकों और संवाद का शेड्यूल।
- क्षेत्रीय और राष्ट्रीय मुद्दों को जोड़कर सरकार को घेरने की संयुक्त रणनीति।
इस बैठक से INDIA गठबंधन के भीतर सहयोग और विश्वास का स्तर भी साफ हो जाएगा। यदि विपक्ष एकजुट नजर आता है तो यह सत्तारूढ़ दल के लिए आने वाले सत्र में चुनौती बन सकता है। दूसरी ओर, अगर प्रमुख दल दूरी बनाए रखते हैं, तो यह संदेश जाएगा कि INDIA गठबंधन सिर्फ नाम के लिए बना है और जमीनी स्तर पर उसमें मजबूती नहीं है।