अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए 50% टैरिफ को लेकर बीएसपी प्रमुख मायावती ने केंद्र सरकार से जवाब तलब किया है। उन्होंने इसे ‘विश्वासघात’ और ‘कमजोर करने वाला कदम’ बताया, साथ ही सरकार से ठोस और दीर्घकालिक रणनीति की मांग की है। संसद में इस मुद्दे पर विस्तृत बहस की भी अपील की गई है।
नई दिल्ली: अमेरिका द्वारा भारतीय उत्पादों पर 50% तक का भारी-भरकम टैरिफ लगाने के फैसले ने देश की राजनीति में हलचल मचा दी है। बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख मायावती ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए केंद्र सरकार की चुप्पी पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने इसे भारत के आत्मसम्मान और आर्थिक हितों पर हमला बताते हुए सरकार से स्पष्ट रणनीति की मांग की है। मायावती ने कहा कि यह केवल व्यापारिक नहीं, बल्कि राजनीतिक और कूटनीतिक चुनौती है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
मायावती का आरोप
मायावती ने अमेरिका के इस निर्णय की तुलना ब्राज़ील जैसे ब्रिक्स देशों पर लगाए गए शुल्क से करते हुए कहा कि भारत को निशाना बनाकर एकतरफा और दुर्भावनापूर्ण निर्णय लिया गया है। उन्होंने इसे ‘विश्वासघाती’ करार देते हुए केंद्र सरकार से पूछा कि अब उसका अगला कदम क्या होगा। उनका कहना है कि केवल बयानबाज़ी से काम नहीं चलेगा, अब ज़मीनी स्तर पर ठोस नीति की ज़रूरत है।
संसद में बहस और राष्ट्रीय एकजुटता की मांग
बीएसपी सुप्रीमो ने संसद के मौजूदा सत्र में इस मुद्दे पर विस्तृत और रचनात्मक बहस की मांग की है। उनका कहना है कि केंद्र और राज्य सरकारों के बीच बढ़ते टकराव और राजनीतिक खींचतान देश की वैश्विक साख को नुकसान पहुंचा रही है। उन्होंने कहा कि इस समय सभी दलों को एकजुट होकर राष्ट्रहित में सोचने की जरूरत है, तभी भारत इस वैश्विक आर्थिक चुनौती का प्रभावी ढंग से मुकाबला कर सकेगा।
बीएसपी की नीति और मौजूदा चुनौती
मायावती ने दोहराया कि उनकी पार्टी सर्वजन हित और राष्ट्र के सामाजिक-आर्थिक संतुलन की पक्षधर है। उन्होंने चेताया कि अगर राजनीतिक स्वार्थों से ऊपर नहीं उठे, तो भारत वैश्विक मंच पर और अधिक नुकसान झेल सकता है। उनका साफ संदेश था—अब वक्त है कि नीतिगत मजबूती और राष्ट्रीय एकजुटता के साथ इस संकट का सामना किया जाए।