जम्मू-कश्मीर के बडगाम में झेलम नदी के उफान से बाढ़ की स्थिति बनी। पुलिस और SDRF ने 200 परिवारों को सुरक्षित निकाला। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने राहत कार्यों का जायजा लिया और केंद्र से नुकसान के आकलन की मांग की।
J&K Flood: जम्मू-कश्मीर (J&K) के बडगाम ज़िले में झेलम नदी के उफान के कारण कई निचले इलाके बाढ़ की चपेट में आ गए। गुरुवार तड़के हालात बिगड़ने के बाद प्रशासन और बचाव एजेंसियों ने तुरंत ऐक्शन लिया। कड़ी मशक्कत के बाद लगभग 200 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। प्रशासन का दावा है कि समय पर evacuation (निकासी) होने से जनहानि नहीं हुई, हालांकि संपत्ति का नुकसान जरूर हुआ है।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने किया हालात का जायजा
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला बडगाम और लासजान के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने पहुंचे। उन्होंने स्थानीय लोगों को भरोसा दिलाया कि सरकार भविष्य में ऐसी आपदाओं से निपटने के लिए ठोस कदम उठा रही है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि दो दिन की बारिश के बाद लोगों को बाढ़ का डर नहीं होना चाहिए।
अब्दुल्ला ने प्रशासन की त्वरित कार्रवाई की सराहना की और कहा कि समय पर उठाए गए कदमों के कारण बड़ी त्रासदी टल गई।
पिछली सरकारों पर उमर अब्दुल्ला का निशाना
मुख्यमंत्री ने 2014 की भीषण बाढ़ का ज़िक्र करते हुए कहा कि उस समय की सरकार ने घाटी को सुरक्षित रखने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए। अब्दुल्ला ने कहा कि पिछले 11 साल "बर्बाद" हो गए क्योंकि झेलम नदी और निकासी तंत्र को मजबूत करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।
उन्होंने कहा कि अगर drainage system और झेलम की सफाई पर काम हुआ होता, तो इस बार इतनी बड़ी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता।
नुकसान के आकलन के लिए केंद्र से मदद की मांग
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि वह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखेंगे और घाटी में हुए नुकसान का आकलन करने के लिए एक टीम भेजने का अनुरोध करेंगे। उन्होंने बताया कि केंद्र की एक टीम पहले से ही जम्मू संभाग के 10 जिलों में नुकसान का आकलन करने जा रही है और वही टीम कश्मीर में भी हालात का जायजा ले।
पुलिस और SDRF की टीमों ने निभाई अहम भूमिका
श्रीनगर और बडगाम ज़िले में बाढ़ जैसी स्थिति को देखते हुए पुलिस ने SDRF और River Police के साथ मिलकर rescue operation शुरू किया। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि करीब 200 परिवारों और 24 हाउसबोट परिवारों को निकाला गया। इन्हें पीरज़ो द्वीप और बसंत बाग जैसे संवेदनशील इलाकों से सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया।
लोगों से एहतियात बरतने की अपील
पुलिस ने जनता से अपील की कि भारी बारिश के दौरान अनावश्यक यात्रा से बचें और किसी भी खतरे जैसे जलभराव, गिरे हुए पेड़ या बिजली से जुड़े हादसे की सूचना तुरंत नज़दीकी पुलिस स्टेशन या नियंत्रण कक्ष को दें।
घाटी में शिक्षा संस्थान बंद
लगातार बारिश और बाढ़ जैसे हालात के चलते घाटी में पिछले दो दिनों से सभी शैक्षणिक संस्थान बंद हैं। प्रशासन ने साफ किया कि स्कूल तभी खोले जाएंगे जब हालात सामान्य होंगे।
2014 की बाढ़ की यादें ताज़ा
स्थानीय लोग कहते हैं कि इस बार की स्थिति ने 2014 की बाढ़ की भयावह यादें ताज़ा कर दीं। उस समय हजारों लोग बेघर हो गए थे और भारी जनहानि हुई थी। हालांकि इस बार प्रशासन ने समय रहते कदम उठाए और लोगों को निकालकर बड़ी त्रासदी से बचा लिया।