जम्मू-कश्मीर की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के साथ अपने गठबंधन को लेकर नए सिरे से सोच-विचार कर रही है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और जम्मू-कश्मीर प्रभारी नासिर हुसैन के ताजा बयान से यह स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि कांग्रेस आने वाले समय में राज्य में अकेले चुनाव लड़ने की रणनीति बना रही है।
संगठन को मजबूत करने पर जोर
बुधवार (25 जून) को श्रीनगर में मीडिया से बात करते हुए नासिर हुसैन ने कहा कि कांग्रेस जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करने में जुटी है। उन्होंने कहा, हमारी कोशिश है कि पार्टी को उस स्थिति में लाया जाए, जहां वह भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को अकेले टक्कर देने की क्षमता रखे। जब पार्टी मजबूत होगी, तभी हम बीजेपी को डटकर हरा सकेंगे।
हुसैन ने साफ किया कि गठबंधन को लेकर कोई अंतिम फैसला पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व ही करेगा, लेकिन फिलहाल प्राथमिकता संगठन को सशक्त बनाना है। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद पार्टी राज्य में अपनी रणनीति पर पुनर्विचार कर रही है।
जम्मू और कश्मीर, दोनों के लिए बराबर रणनीति
नासिर हुसैन ने यह भी कहा कि पार्टी जम्मू और कश्मीर, दोनों क्षेत्रों के लिए समान रणनीति बना रही है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस अब सिर्फ चुनावी तैयारियों पर नहीं, बल्कि संगठनात्मक मजबूती पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है।
उन्होंने कहा, जम्मू-कश्मीर में लोकसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं और केंद्र में सरकार बन चुकी है। अब हम राज्य के दोनों हिस्सों के लिए समान रणनीति तैयार कर रहे हैं ताकि पार्टी का संगठन हर स्तर पर मजबूत हो सके।
हुसैन के इस बयान को कांग्रेस के अंदर गठबंधन को लेकर जारी असहमति का संकेत माना जा रहा है। साफ है कि पार्टी आगामी विधानसभा चुनावों में नई रणनीति के साथ उतरने की तैयारी कर रही है।
उमर अब्दुल्ला के बयान से जुड़ा है घटनाक्रम
नासिर हुसैन का यह बयान उस वक्त आया है जब नेकां नेता उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल कर फिर से विधानसभा चुनाव कराने की बात कही थी। उमर ने मंगलवार (24 जून) को कहा था कि यदि राज्य का दर्जा बहाल करने के बाद विधानसभा भंग कर नए सिरे से चुनाव कराए जाते हैं, तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी।
कांग्रेस नेतृत्व फिलहाल गठबंधन को लेकर खुलकर कुछ नहीं कह रहा, लेकिन पार्टी की रणनीति अब खुद को अधिक आत्मनिर्भर और चुनाव के लिए तैयार बनाने की दिख रही है।
पहलगाम हमले को बताया इंटेलिजेंस फेलियर
कांग्रेस नेता नासिर हुसैन ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए। उन्होंने हमले को साफतौर पर इंटेलिजेंस की विफलता बताया।
हुसैन ने कहा, जब सरहद पार से आतंकी आते हैं, हमारे 26 लोगों को मारकर चले जाते हैं और वहां सीआरपीएफ, पुलिस या आर्मी की कोई मौजूदगी नहीं होती, तो इसे इंटेलिजेंस फेलियर नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे?
उन्होंने कहा कि खुद केंद्रीय गृहमंत्री ने भी इसे इंटेलिजेंस फेलियर माना है, ऐसे में सरकार को सुरक्षा में हुई चूक की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
आगे की रणनीति पर चल रहा है मंथन
जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस अब आने वाले चुनावों की रणनीति को लेकर सक्रिय है। पार्टी का फोकस संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने और अपने कार्यकर्ताओं को नए सिरे से सक्रिय करने पर है। नासिर हुसैन के बयान से यह स्पष्ट है कि कांग्रेस अब भविष्य की राजनीति में गठबंधन से ज्यादा अपनी ताकत पर भरोसा करने का विकल्प तलाश रही है।
राज्य में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस का गठबंधन कई बार उतार-चढ़ाव से गुजरा है। ऐसे में यदि कांग्रेस अलग होकर अपने दम पर चुनाव लड़ती है तो यह राज्य की राजनीति में बड़ा बदलाव साबित हो सकता है। आने वाले समय में पार्टी की रणनीति और गठबंधन पर उसका रुख क्या होता है, यह देखना दिलचस्प होगा।