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एनडीए के घोषणा पत्र पर अखिलेश यादव का तंज, पूछा- 'पहले बताएं दो करोड़ नौकरी कहां गईं?'

एनडीए के घोषणा पत्र पर अखिलेश यादव का तंज, पूछा- 'पहले बताएं दो करोड़ नौकरी कहां गईं?'

बिहार चुनाव में एनडीए के घोषणापत्र पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी को पहले बताना चाहिए कि दो करोड़ नौकरियां कहां गईं। उन्होंने कहा, भाजपा हर बार जनता से झूठे वादे करती है।

लखनऊ: बिहार विधानसभा चुनाव के माहौल में राजनीतिक दलों के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एनडीए के ताजा घोषणापत्र पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा ने पहले दो करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था, लेकिन अब अपने ही वादे से पीछे हटकर केवल एक करोड़ नौकरियों की बात कर रही है। उन्होंने पूछा कि जनता को बताए कि पहले दी गई नौकरियों का हिसाब कहां है?

चुनावी वादों पर भाजपा को कसा तेज

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी हर चुनाव से पहले बड़े-बड़े वादे करती है, लेकिन सत्ता में आने के बाद जनता को धोखा देती है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि पहले दो करोड़ नौकरियों की बात हुई थी, अब एक करोड़ पर आ गए हैं। आखिर पहले का वादा कहां गया?

अखिलेश ने सवाल उठाया कि भाजपा को अपने पुराने मेनिफेस्टो पर भी एक बार नजर डालनी चाहिए। उन्होंने कहा, "कहां गए वो स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट, जिनका वादा किया गया था? किसानों की आय दोगुनी कब होगी? धान खरीद का हाल सबके सामने है, खाद और डीएपी की कमी से किसान परेशान हैं।"

अखिलेश यादव एक नवंबर से करेंगे प्रचार की शुरुआत

अखिलेश यादव एक नवंबर को बिहार विधानसभा चुनाव में प्रचार अभियान की शुरुआत करने जा रहे हैं। इस मौके पर उन्होंने भाजपा और एनडीए पर निशाना साधते हुए कहा कि झूठे वादों के सहारे चुनाव नहीं जीते जा सकते। उन्होंने कहा, "भाजपा के पास अब न तो विकास का मुद्दा है और न ही जनता के भरोसे की पूंजी।"

सपा प्रमुख ने आगे कहा कि भाजपा को रोजगार, महंगाई और किसानों की समस्याओं पर जवाब देना चाहिए। उन्होंने तंज किया कि "हर बार मेनिफेस्टो में नई बातें जोड़ दी जाती हैं, लेकिन पिछले वादों का हिसाब देने की हिम्मत नहीं होती।"

अमेरिका से जुड़े आर्थिक समझौतों पर भी कसा तंज

अखिलेश यादव ने मोदी सरकार पर अंतरराष्ट्रीय दबाव में काम करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि "अमेरिका के दबाव में केंद्र सरकार ने टैक्सटाइल और डेयरी सेक्टर के द्वार विदेशी कंपनियों के लिए खोल दिए हैं, जिससे देश के छोटे कारोबारियों और किसानों को नुकसान होगा।"

उन्होंने यह भी कहा कि “अब अमेरिकी राष्ट्रपति तक भारत के प्रधानमंत्री को किलर कहने लगे हैं, भाजपा को देश को बताना चाहिए कि ऐसा क्यों कहा जा रहा है?”

सरदार पटेल की जयंती पर भी बोला हमला

अखिलेश यादव ने सरदार पटेल की जयंती पर भाजपा को आईना दिखाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि “सरदार पटेल ने देश को एकजुट किया था और उन संस्थाओं पर प्रतिबंध लगाया था जिनसे देश की एकता को खतरा था। लेकिन आज भाजपा उसी संस्था की विचारधारा पर चल रही है जिसे पटेल ने बैन किया था।”

उन्होंने कहा कि "अगर सरदार पटेल आज जिंदा होते तो शायद भाजपा की नीतियों पर सवाल उठाते। देश को एकता की जरूरत है, न कि नफरत की राजनीति की।"

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