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कौन बनेगा देश का अगला उपराष्ट्रपति? शशि थरूर ने बयान देकर विपक्ष की संभावनाओं पर लगाया ब्रेक

कौन बनेगा देश का अगला उपराष्ट्रपति? शशि थरूर ने बयान देकर विपक्ष की संभावनाओं पर लगाया ब्रेक

उपराष्ट्रपति पद के लिए 9 सितंबर को चुनाव होंगे। शशि थरूर ने कहा कि NDA जिसे चाहेगा वही उपराष्ट्रपति बनेगा, क्योंकि संसद में उनका बहुमत है। चुनाव में राज्य विधानसभाएं शामिल नहीं होतीं।

Vice President: देश में उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव 9 सितंबर को होंगे। मौजूदा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा। इसी बीच कांग्रेस नेता शशि थरूर का बयान सामने आया है जो न सिर्फ चर्चा में है, बल्कि उनकी ही पार्टी को असहज भी कर सकता है। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि इस चुनाव में विपक्ष की हार तय है क्योंकि संसद में NDA का बहुमत है।

धनखड़ के इस्तीफे के बाद देश को मिलेगा नया उपराष्ट्रपति

हाल ही में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे के बाद भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने घोषणा की कि नए उपराष्ट्रपति के लिए 9 सितंबर 2025 को मतदान होगा। इसके लिए 7 अगस्त को अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।

निर्वाचन आयोग के अनुसार, नामांकन की आखिरी तारीख 21 अगस्त है। सभी प्रक्रिया निर्धारित समय पर पूरी की जाएगी और उसी दिन परिणाम भी घोषित कर दिए जाएंगे।

शशि थरूर का बयान

मीडिया से बातचीत करते हुए कांग्रेस सांसद और वरिष्ठ नेता शशि थरूर से जब यह सवाल किया गया कि अगला उपराष्ट्रपति कौन हो सकता है, तो उनका जवाब कांग्रेस की आशाओं के विपरीत था। उन्होंने साफ-साफ कहा:

"मुझे नहीं पता कि अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा, लेकिन यह तय है कि जो भी होगा, वह सत्तारूढ़ दल यानी NDA का नामित व्यक्ति होगा।"

थरूर ने यह भी कहा कि चूंकि इस चुनाव में सिर्फ संसद सदस्य ही मतदान करते हैं, इसलिए नतीजा लगभग तय है। उनके मुताबिक, राज्य विधानसभाएं इस प्रक्रिया का हिस्सा नहीं होतीं, इसलिए NDA की स्पष्ट बहुमत के चलते उसके उम्मीदवार की जीत पक्की है।

क्या है उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया?

भारत में उपराष्ट्रपति (Vice President) का चुनाव लोकसभा और राज्यसभा के सभी निर्वाचित तथा मनोनीत सदस्यों द्वारा किया जाता है। इस चुनाव में राज्य विधानसभाओं की कोई भूमिका नहीं होती, जो आमतौर पर राष्ट्रपति चुनाव में होती है। यही कारण है कि संसद में जिस पार्टी या गठबंधन के पास बहुमत होता है, वही इस चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाता है।

विपक्ष के लिए झटका, कांग्रेस के भीतर बढ़ सकती है बेचैनी

शशि थरूर के इस बयान ने विपक्षी एकता पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं। जबकि विपक्ष लगातार यह कोशिश कर रहा है कि वह सत्ता पक्ष के मुकाबले एक संयुक्त उम्मीदवार खड़ा करे, थरूर की यह स्वीकारोक्ति मनोबल गिराने वाली मानी जा रही है।

विशेषकर कांग्रेस के भीतर यह सवाल उठ सकता है कि उनके नेता खुले मंच पर विपक्ष की हार मानने जैसा बयान क्यों दे रहे हैं। हालांकि थरूर का तर्क है कि वह सिर्फ वास्तविकता को सामने रख रहे हैं।

संभावित उम्मीदवारों को लेकर अटकलें तेज

अब जबकि चुनाव की तारीख तय हो गई है, NDA और INDIA गठबंधन दोनों ही अपने-अपने संभावित उम्मीदवारों के नाम पर मंथन कर रहे हैं। हालांकि अभी तक किसी भी पक्ष ने औपचारिक घोषणा नहीं की है।

भाजपा या उसके सहयोगी दलों की ओर से किसी अनुभवी सांसद या पूर्व गवर्नर को टिकट दिया जा सकता है। वहीं विपक्ष की ओर से समाज में एकजुटता का संदेश देने वाले चेहरे को मैदान में उतारने की संभावना है।

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