गुरुग्राम जमीन घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किए जाने पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने इस कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध बताते हुए सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, मेरे जीजाजी को पिछले दस सालों से यह सरकार परेशान कर रही है। यह ताजा आरोपपत्र उसी षड्यंत्र का एक और हिस्सा है।
राहुल गांधी ने लिखा कि वह रॉबर्ट वाड्रा, प्रियंका गांधी और उनके बच्चों के साथ मजबूती से खड़े हैं। उन्होंने इसे दुर्भावनापूर्ण और राजनीतिक रूप से प्रेरित बदनामी बताया और कहा कि यह परिवार पहले भी उत्पीड़न झेल चुका है और आगे भी गरिमा के साथ सामना करेगा। राहुल ने विश्वास जताया कि आख़िरकार सच्चाई की ही जीत होगी।
ईडी की यह कार्रवाई ऐसे समय में सामने आई है जब विपक्ष पहले से ही केंद्र सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाता रहा है।
करोड़ों की जमीन खरीद-फरोख्त सवालों के घेरे में
प्रवर्तन निदेशालय ने रॉबर्ट वाड्रा और उनकी कंपनी स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ शिकंजा कसते हुए चार्जशीट दाखिल की है। जांच एजेंसी ने वाड्रा और उनसे जुड़ी कंपनियों की कुल 43 अचल संपत्तियों को कुर्क किया है, जिनकी अनुमानित कीमत करीब 37.64 करोड़ रुपये बताई गई है।
ईडी की जांच के मुताबिक, वर्ष 2008 में स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी ने गुरुग्राम के शिकोहपुर गांव (सेक्टर-83) में 3.53 एकड़ जमीन 7.5 करोड़ रुपये में खरीदी थी। आरोप है कि परियोजना पूरी किए बिना ही यह जमीन 58 करोड़ रुपये में बेच दी गई। इस लेन-देन को संदिग्ध मानते हुए रॉबर्ट वाड्रा को चार्जशीट में मुख्य आरोपी बनाया गया है।
जांच एजेंसी ने वाड्रा से अब तक 18 घंटे से ज्यादा पूछताछ की है। इसके अलावा, हरियाणा कांग्रेस के कई नेताओं से भी इस मामले में पूछताछ हो चुकी है।
क्या है गुरुग्राम जमीन घोटाले का पूरा मामला
यह मामला साल 2018 में दर्ज हुई एक एफआईआर से जुड़ा है। 1 सितंबर 2018 को गुरुग्राम पुलिस ने एफआईआर (संख्या 288) दर्ज की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि रॉबर्ट वाड्रा ने अपनी कंपनी स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी के जरिए ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज प्रा. लि. से धोखाधड़ी के जरिये जमीन खरीदी थी।
एफआईआर में कहा गया है कि इस सौदे में झूठे दस्तावेजों का इस्तेमाल हुआ और रॉबर्ट वाड्रा ने अपने राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए इस जमीन के लिए कमर्शियल लाइसेंस भी प्राप्त कर लिया।
अब ईडी ने इस मामले में 16 जुलाई 2025 को 43 संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क करने का आदेश जारी किया है। इसके ठीक एक दिन बाद 17 जुलाई को राउज़ एवेन्यू कोर्ट, नई दिल्ली में वाड्रा सहित 11 लोगों और संस्थाओं के खिलाफ चार्जशीट (अभियोजन शिकायत) दाखिल की गई है।
इस मामले ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है, जहां कांग्रेस इसे राजनीतिक उत्पीड़न बता रही है, वहीं केंद्र सरकार की तरफ से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।