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खामेनेई ने पुतिन से मांगी खुली मदद, रूस ने दिया समर्थन का भरोसा

खामेनेई ने पुतिन से मांगी खुली मदद, रूस ने दिया समर्थन का भरोसा

ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई ने अमेरिकी हमलों के बाद राष्ट्रपति पुतिन को चिट्ठी भेजी। तेहरान ने रूस से स्पष्ट समर्थन मांगा। पुतिन ने पहली बार अमेरिकी कार्रवाई की निंदा की और मदद का भरोसा दिया।

Iran Russia Support: ईरान पर अमेरिकी सैन्य कार्रवाई और इजरायल के हमलों के बाद मध्य पूर्व की स्थिति तनावपूर्ण हो गई है। ऐसे में ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को एक खास चिट्ठी भेजी है। इस चिट्ठी को लेकर ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची मास्को पहुंचे और उन्होंने पुतिन से मुलाकात की। खामेनेई ने इस पत्र के माध्यम से रूस से और ठोस समर्थन की अपील की है।

रूस-ईरान संबंध 

रूस, ईरान का एक पारंपरिक रणनीतिक साझेदार रहा है। दोनों देशों के संबंध खासकर परमाणु समझौते और क्षेत्रीय सुरक्षा मामलों में मजबूत रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रूस एक वीटो पॉवर है और उसने पूर्व में ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर हुए समझौते का समर्थन किया था। यह वही समझौता है जिसे अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2018 में अपने पहले कार्यकाल में एकतरफा छोड़ दिया था।

खामेनेई की नाराज़गी 

ईरान के विदेश मंत्री की मास्को यात्रा ऐसे समय में हुई है जब अमेरिका ने 1979 की ईरानी क्रांति के बाद की सबसे बड़ी सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया है। खामेनेई ने महसूस किया कि रूस का समर्थन अभी तक पर्याप्त नहीं रहा है। उन्होंने अपने मंत्री को यह संदेश देकर भेजा कि अब पुतिन को और सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।

रूस की प्रतिक्रिया 

हालांकि रूस ने इजरायल द्वारा किए गए हमलों की आलोचना की थी, लेकिन उसने अमेरिकी हमलों पर अब तक कोई सीधी टिप्पणी नहीं की थी। पुतिन ने पिछले सप्ताह मध्यस्थता की पेशकश करते हुए क्षेत्र में शांति की अपील की थी। उनका मानना है कि मिडिल ईस्ट में और तनाव बढ़ने से वैश्विक अस्थिरता फैल सकती है।

मध्यस्थता का प्रस्ताव 

पुतिन ने कहा कि वह अमेरिका और ईरान के बीच मध्यस्थता करने को तैयार हैं। उन्होंने यह भी बताया कि रूस और ईरान इस मुद्दे पर अपने-अपने दृष्टिकोण को समन्वित कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इजरायल ने मास्को को आश्वस्त किया है कि ईरान के बुशहर न्यूक्लियर प्लांट में काम कर रहे रूसी वैज्ञानिकों को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा।

पुतिन ने जताया समर्थन

अराघची से मुलाकात के दौरान राष्ट्रपति पुतिन ने पहली बार अमेरिकी हमले की स्पष्ट निंदा की। उन्होंने कहा कि ईरान के खिलाफ की गई कार्रवाई न सिर्फ अनुचित है, बल्कि इसका कोई कानूनी या रणनीतिक आधार नहीं है। पुतिन ने ईरान को भरोसा दिलाया कि रूस ईरानी जनता और सरकार के साथ खड़ा रहेगा। उन्होंने कहा कि यह मामला संयुक्त राष्ट्र में उठाया जाएगा ताकि अंतरराष्ट्रीय मंच पर ईरान की स्थिति स्पष्ट हो सके।

सत्ता परिवर्तन की अटकलों पर रूस की कड़ी प्रतिक्रिया

पुतिन ने ईरान में सत्ता परिवर्तन की अमेरिकी और इजरायली अटकलों को पूरी तरह खारिज किया। उन्होंने दो टूक कहा कि सत्ता परिवर्तन का अधिकार सिर्फ ईरानी जनता को है और इसमें किसी बाहरी ताकत की दखल को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि क्षेत्रीय स्थिरता के लिए यह ज़रूरी है कि बाहरी हस्तक्षेप बंद हो।

रूस और अमेरिका के बीच संतुलन की नीति

रूस एक ओर अमेरिका के साथ सीधे टकराव से बचना चाहता है, वहीं वह अपने रणनीतिक साझेदार ईरान को भी अकेला नहीं छोड़ना चाहता। यही कारण है कि वह फिलहाल कूटनीतिक चैनल के माध्यम से ही अपनी भूमिका निभा रहा है। पुतिन ने इस संदर्भ में इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेकिशयान और यूएई के नेताओं से भी बातचीत की है।

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