हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में बादल फटने से आई भीषण आपदा ने कई लोगों को प्रभावित किया है और जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। इस बीच स्थानीय सांसद कंगना रनौत की चुप्पी पर सवाल उठने लगे हैं।
Kangana Ranaut: हिमाचल प्रदेश के मंडी में बादल फटने से मची भीषण आपदा के तीसरे दिन भी क्षेत्र की सांसद और बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत की चुप्पी चर्चा का विषय बन गई है। आपदा के दौरान जहां सैकड़ों लोग बेघर हो गए, हजारों लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया, वहीं सांसद कंगना रनौत का अब तक न मौके पर पहुंचना, न सोशल मीडिया पर कोई संवेदना जताना, सबको हैरान कर रहा है।
मंडी आपदा में कई घर तबाह हो गए, सेब के बगीचे बह गए और गांव-गांव में मलबा जमा हो गया। लेकिन सांसद कंगना रनौत का इस पर कोई बयान न देना, न ही कोई मदद की पेशकश करना, अब राजनीतिक बहस का कारण बन गया है।
जयराम ठाकुर ने भी साधी चुप्पी
जब मीडिया ने हिमाचल प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से इस मसले पर सवाल किया कि सांसद कंगना रनौत की कोई प्रतिक्रिया क्यों नहीं आई, तो उन्होंने भी बड़ा बयान दे दिया। जयराम ठाकुर ने कहा, मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता। हमें नहीं पता उन्होंने ऐसा क्यों किया, लेकिन हम मंडी के लोगों के साथ जीने-मरने के लिए खड़े हैं।
जिन लोगों को इसकी चिंता नहीं है, उनके बारे में मैं कुछ नहीं कहना चाहता। जयराम ठाकुर के इस बयान के बाद कांग्रेस ने तुरंत बीजेपी और कंगना पर हमला बोल दिया।
कांग्रेस का हमला- 'ये हम नहीं, जयराम ठाकुर कह रहे हैं'
कांग्रेस ने अपने आधिकारिक एक्स (ट्विटर) अकाउंट से जयराम ठाकुर का वीडियो साझा करते हुए लिखा, सांसद कंगना रनौत को मंडी के लोगों की चिंता नहीं है, ये बात हम नहीं कह रहे, बल्कि हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता जयराम ठाकुर कह रहे हैं। कांग्रेस ने आगे तंज कसते हुए कहा कि “मंडी में सैकड़ों लोग संकट में हैं, लेकिन सांसद कंगना रनौत गायब हैं। न कोई दौरा, न कोई मदद, न कोई सहानुभूति। आखिर क्यों?
पीएम के विदेश दौरे पर दी थी प्रतिक्रिया, मंडी पर चुप्पी क्यों?
दिलचस्प बात ये है कि जिस समय मंडी में लोग मलबे में दबे हुए थे, उसी समय सांसद कंगना रनौत ने सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के घाना दौरे को लेकर एक पोस्ट किया था, लेकिन अपने संसदीय क्षेत्र की त्रासदी पर एक शब्द नहीं कहा। इससे नाराज लोग भी सोशल मीडिया पर सवाल उठा रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, आप सांसद हैं, सिर्फ चुनाव जीतने के लिए नहीं आतीं। संकट के वक्त आपके लोग आपको तलाश रहे हैं।
मंडी के प्रभावित गांवों में लोगों का दर्द छलक रहा है। कई ग्रामीणों ने स्थानीय मीडिया से कहा, हमने उम्मीद की थी कि हमारी सांसद आएंगी, देखेंगी कि हमारा क्या हाल है। लेकिन कोई नहीं आया। कुछ लोगों का कहना है कि स्थानीय विधायक और नेता लगातार दौरे कर रहे हैं, लेकिन सांसद का न दिखना उन्हें बहुत खल रहा है।
कंगना की छवि को लगेगा झटका?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भले ही कंगना रनौत ने बॉलीवुड में अपनी साफगोई से एक खास पहचान बनाई हो, लेकिन जनप्रतिनिधि के तौर पर उनकी जिम्मेदारी अलग है। चुनाव के समय मंडी की जनता ने उन्हें भारी मतों से जिताया, ऐसे में आपदा के समय इस तरह की चुप्पी उनके राजनीतिक करियर पर सवाल खड़े कर सकती है।
भाजपा के अंदर भी इस मुद्दे को लेकर फुसफुसाहट शुरू हो गई है। कई नेता निजी बातचीत में कह रहे हैं कि सांसद को जनता के बीच जाकर कम से कम हालात का जायजा लेना चाहिए था। कांग्रेस ने साफ इशारा दिया है कि अगर कंगना रनौत जल्द सक्रिय नहीं हुईं, तो वह इस मुद्दे को विधानसभा और लोकसभा दोनों में उठाएगी। क्योंकि मंडी आपदा का दर्द गहरा है और लोग अपने जनप्रतिनिधि से संवेदना की उम्मीद कर रहे हैं।