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क्या चंद्रबाबू नायडू और रेवंत रेड्डी की बढ़ सकती हैं मुश्किलें? 'कैश फॉर वोट' केस में SC को पत्र

क्या चंद्रबाबू नायडू और रेवंत रेड्डी की बढ़ सकती हैं मुश्किलें? 'कैश फॉर वोट' केस में SC को पत्र

आंध्र प्रदेश के CM चंद्रबाबू नायडू और तेलंगाना के CM रेवंत रेड्डी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। 'कैश फॉर वोट' मामले के आरोपी जेरूसलम मथाय्या ने सुप्रीम कोर्ट को पत्र लिखकर दोनों पर कार्रवाई की मांग की है।

Cash For Vote: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। 'कैश फॉर वोट' मामले के आरोपी जेरूसलम मथाय्या ने सुप्रीम कोर्ट को पत्र लिखा है। इसमें दोनों मुख्यमंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।

पत्र 23 सितंबर 2025 को लिखा गया। मथाय्या ने सुप्रीम कोर्ट से मामले में दोबारा जांच शुरू करने और TDP तथा कांग्रेस पार्टी पर प्रतिबंध लगाने की भी अपील की है।

5 करोड़ रुपये की रिश्वत का आरोप

जेरूसलम मथाय्या इस केस में आरोपी और पीड़ित दोनों हैं। उन्होंने दावा किया कि तत्कालीन मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और उनके सहयोगी रेवंत रेड्डी के कहने पर उन्होंने यह कदम उठाया। मथाय्या ने बताया कि 2016 में उन्हें TRS के विधायक को 5 करोड़ रुपये की रिश्वत देने का आदेश दिया गया था।

पत्र में मथाय्या ने चंद्रबाबू नायडू, उनके बेटे लोकेश नायडू और अन्य TDP नेताओं को जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही पुलिस और जांच एजेंसियों को भी आरोपों से अछूता नहीं बताया गया। उन्होंने रेवंत रेड्डी समेत सभी आरोपियों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।

सुप्रीम कोर्ट से नई जांच की मांग

मथाय्या ने पत्र में स्पष्ट लिखा कि पुराने केस में पर्याप्त जांच नहीं हुई। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि मामले में नए सिरे से जांच करवाई जाए। उनका कहना है कि इससे न केवल आरोपियों की पहचान होगी बल्कि राजनीतिक दलों की जवाबदेही भी सुनिश्चित होगी।

'कैश फॉर वोट' मामला

यह मामला 2015 में सामने आया था। तब तत्कालीन TDP विधायक रेवंत रेड्डी पर आरोप था कि उन्होंने तेलंगाना विधान परिषद के सदस्य का वोट खरीदने के लिए रिश्वत देने की कोशिश की। इस बातचीत का ऑडियो लीक हुआ था, जिसमें चंद्रबाबू नायडू की आवाज होने का दावा किया गया।

हालांकि, उस समय पुख्ता सबूत न मिलने के कारण किसी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। अब जेरूसलम मथाय्या के पत्र के बाद मामला फिर से सुर्खियों में आ गया है।

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