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Top Military Drone: जानें किस देश के पास है दुनिया का सबसे ताकतवर ड्रोन

Top Military Drone: जानें किस देश के पास है दुनिया का सबसे ताकतवर ड्रोन

ड्रोन तकनीक ने आधुनिक युद्ध का स्वरूप बदल दिया है। अमेरिका का MQ-9 Reaper दुनिया का सबसे ताकतवर ड्रोन माना जाता है, जबकि चीन और तुर्की भी उन्नत और सस्ते ड्रोन विकसित कर रहे हैं। भारत भी स्वदेशी और अंतरराष्ट्रीय ड्रोन तकनीक में तेजी से निवेश कर अपनी सामरिक क्षमता मजबूत कर रहा है।

Powerful Drone: MQ-9 Reaper की शक्ति और मारक क्षमता: अमेरिका का MQ-9 Reaper दुनिया का सबसे शक्तिशाली ड्रोन माना जाता है, जो हजारों किलोमीटर तक उड़ान भर सकता है और 24 घंटे से अधिक आसमान में टिक सकता है। इसका इस्तेमाल अफगानिस्तान और इराक जैसे युद्ध क्षेत्रों में किया गया। चीन और तुर्की भी Wing Loong, CH-5 और Bayraktar TB2 जैसे उन्नत ड्रोन विकसित कर रहे हैं। भारत ने भी MQ-9B Sea Guardian खरीदने की प्रक्रिया शुरू की है और स्वदेशी ड्रोन तकनीक में निवेश बढ़ाकर अपनी सामरिक क्षमता मजबूत कर रहा है।

शक्ति और तकनीक का प्रतीक

ड्रोन तकनीक ने युद्ध का स्वरूप पूरी तरह बदल दिया है और इस क्षेत्र में अमेरिका सबसे आगे है। अमेरिकी सेना का MQ-9 Reaper दुनिया का सबसे ताकतवर ड्रोन माना जाता है। यह हजारों किलोमीटर दूर तक उड़ान भर सकता है, 24 घंटे से अधिक आसमान में टिक सकता है और 4000 पाउंड तक हथियार ले जाने में सक्षम है। इसमें Hellfire मिसाइल, लेजर-गाइडेड बम और अत्याधुनिक सेंसर सिस्टम लगाए गए हैं। MQ-9 Reaper दुश्मन पर निगरानी और सटीक हमला एक ही समय में कर सकता है, जिससे इसे युद्ध क्षेत्रों में बेहद प्रभावी माना जाता है।

अफगानिस्तान और इराक जैसे युद्ध क्षेत्रों में MQ-9 Reaper का इस्तेमाल अमेरिकी सेना ने व्यापक रूप से किया है। इसकी मारक क्षमता और निगरानी कौशल की वजह से यह किसी भी आधुनिक सेना के लिए एक निर्णायक उपकरण बन चुका है। इस ड्रोन की मौजूदगी केवल रणनीतिक बढ़त ही नहीं देती, बल्कि दुश्मन देशों के लिए भी डर और सतर्कता का कारण बनती है।

चीन और तुर्की की चुनौती

चीन भी ड्रोन तकनीक में तेजी से आगे बढ़ रहा है। चीन के Wing Loong और CH-5 ड्रोन दुनिया भर के कई देशों को निर्यात किए जा रहे हैं। विशेषकर CH-5 को सस्ता MQ-9 Reaper कहा जाता है, क्योंकि यह 60 घंटे तक उड़ सकता है और 2000 किलो तक हथियार ले जाने में सक्षम है। चीन की रणनीति सस्ते दामों पर उन्नत ड्रोन बेचने की है, जिससे पाकिस्तान, सऊदी अरब और अन्य देशों ने अपने बेड़े में इन्हें शामिल किया है।

तुर्की का Bayraktar TB2 ड्रोन रूस-यूक्रेन युद्ध में चर्चा में रहा। यह अपेक्षाकृत छोटा लेकिन बेहद घातक और किफायती ड्रोन है, जिसने कई बार रूस के टैंक और हथियार नष्ट किए। इसकी सफलता ने दुनिया भर के कई देशों को तुर्की से ड्रोन खरीदने के लिए प्रेरित किया है।

भारत में ड्रोन तकनीक का विकास

भारत भी आधुनिक ड्रोन तकनीक में तेजी से निवेश कर रहा है। हाल ही में भारत ने अमेरिका से MQ-9B Sea Guardian ड्रोन खरीदने की प्रक्रिया शुरू की है। इसके अलावा, स्वदेशी ड्रोन तकनीक को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे निगरानी और युद्ध क्षमता दोनों में मजबूती मिले। भारतीय सैन्य विशेषज्ञ मानते हैं कि ड्रोन तकनीक भविष्य में किसी भी देश की सामरिक क्षमता का मुख्य आधार बनेगी।

स्वदेशी और अंतरराष्ट्रीय दोनों स्तरों पर भारत के प्रयास यह सुनिश्चित करेंगे कि देश आधुनिक युद्ध और सुरक्षा चुनौतियों के लिए तैयार रहे। ड्रोन तकनीक के माध्यम से न केवल सीमा निगरानी बल्कि आतंकवाद, तस्करी और अन्य सुरक्षा खतरों से निपटने में भी मदद मिलेगी।

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