मराठा आरक्षण नेता मनोज जरांगे पाटिल ने दावा किया कि उनकी हत्या के लिए 2.5 करोड़ रुपये की सुपारी दी गई। महाराष्ट्र पुलिस ने दो संदिग्धों को हिरासत में लिया और नेता की सुरक्षा बढ़ा दी।
Maharashtra: मराठा आरक्षण आंदोलन के प्रमुख नेता मनोज जरांगे पाटिल ने आरोप लगाया है कि उनकी हत्या की साजिश रची गई थी। उन्होंने दावा किया कि उनके खिलाफ 2.5 करोड़ रुपये की सुपारी दी गई थी और उनकी हत्या की योजना बनाई गई थी। जरांगे पाटिल का कहना है कि यह पूरा षड्यंत्र महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री धनंजय मुंडे की मौजूदगी में रचा गया। इस खुलासे के बाद पूरे महाराष्ट्र में सनसनी फैल गई।
साजिश के लगाए आरोप
मनोज जरांगे पाटिल ने मीडिया से बातचीत में बताया कि दो लोगों को उनकी हत्या के लिए नियुक्त किया गया था। उन्होंने कहा कि एक आरोपी ने स्वयं स्वीकार किया कि योजना के तहत 'गाड़ी से टक्कर मारने' की बात कही गई थी। मनोज ने यह भी कहा कि वह निडर हैं और सत्य के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। उनका कहना है कि इस मामले को गंभीरता से लिया जाना चाहिए, क्योंकि आज जो उनके साथ हुआ, कल किसी और के साथ भी हो सकता है।
पुलिस ने बढ़ाई सुरक्षा
मनोज जरांगे पाटिल के आरोपों के बाद महाराष्ट्र पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की। दो संदिग्धों को हिरासत में लिया गया और पूरे मामले की जांच शुरू कर दी गई। साथ ही जरांगे पाटिल की सुरक्षा बढ़ा दी गई और मामले की उच्च स्तर पर समीक्षा की जा रही है। पुलिस ने पूरे इलाके में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए हैं और जांच पूरी तरह से पारदर्शी तरीके से करने का दावा किया गया है।
सांसद ने मांगी निष्पक्ष जांच
जालना के सांसद डॉ. कल्याण काले ने इस मामले में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर मनोज जरांगे पाटिल को Z+ सुरक्षा देने और SIT के जरिए निष्पक्ष जांच कराने की मांग की। डॉ. काले ने कहा कि सरकार को तुरंत कड़ी और पारदर्शी कार्रवाई करनी चाहिए ताकि सच सामने आए और जरांगे पाटिल की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

धनंजय मुंडे का जवाब
पूर्व मंत्री धनंजय मुंडे ने मनोज जरांगे पाटिल के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि इस मामले की जांच महाराष्ट्र सरकार नहीं बल्कि सीबीआई को करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर उनके मन में भी ऐसा पाप आया हो तो उनकी ब्रेन मैपिंग करवा ली जाए। साथ ही उन्होंने मनोज जरांगे पाटिल की ब्रेन मैपिंग और नारको टेस्ट कराने की भी अनुमति दी।
मराठा समाज के प्रति मुंडे की प्रतिबद्धता
धनंजय मुंडे ने कहा कि उन्होंने कभी किसी की जाति देखकर राजनीति नहीं की। पिछले 30 सालों से वह सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहे हैं। उन्होंने बताया कि 2002 में बिड जिला परिषद से जीतने के बाद उन्होंने मराठा समाज को आरक्षण दिलाने के संकल्प लिया। मुंडे ने कहा कि महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान वह हमेशा सक्रिय रहे और लोगों की मदद करते रहे।
धनंजय मुंडे ने बताया कि लोकसभा चुनाव के बाद परली में हुए मराठा आरक्षण आंदोलन में उन्होंने जगह देने से लेकर पानी देने और लोगों को गाड़ियां उपलब्ध कराने का काम किया। उन्होंने कहा कि नगर जिले के कोपरडी में रेप के मामले में उन्होंने तुरंत कार्रवाई की और आरोपी के गिरफ्तारी तक अधिवेशन को रोका। मुंडे का कहना है कि यह उनकी मराठा समाज के प्रति निष्ठा का प्रमाण है।
धनंजय मुंडे ने यह भी बताया कि जब वह पालक मंत्री थे और सरकार ने कुनबी प्रमाणपत्र देने का आदेश दिया था, तब बिड जिले में 80 हजार प्रमाणपत्र दिए गए। उन्होंने जोर देकर कहा कि 17 तारीख की सभा के अलावा उन्होंने मनोज जरांगे पाटिल के खिलाफ कभी कोई विवादित बयान नहीं दिया।













