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माइग्रेन के दर्द को न करें नजरअंदाज: ये 5 आम गलतियां बन सकती हैं सिरदर्द की वजह

माइग्रेन के दर्द को न करें नजरअंदाज: ये 5 आम गलतियां बन सकती हैं सिरदर्द की वजह

आज के समय में तनाव भरी दिनचर्या, अनियमित खानपान और सोने-जागने की बिगड़ी आदतें हमारे स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डाल रही हैं। खासकर माइग्रेन जैसी समस्या अब आम होती जा रही है, जो किसी साधारण सिरदर्द से कहीं ज्यादा तकलीफदेह होती है। यह सिर के एक हिस्से में तेज़, धड़कन भरा दर्द पैदा करता है और इसके साथ मतली, उल्टी, तेज़ रोशनी और आवाज से संवेदनशीलता जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।

1. कैफीन का अत्यधिक सेवन

बहुत से लोग थकान दूर करने या ध्यान केंद्रित करने के लिए दिन में कई बार चाय, कॉफी या एनर्जी ड्रिंक का सेवन करते हैं। हालांकि इनमें मौजूद कैफीन की अधिक मात्रा माइग्रेन का एक बड़ा ट्रिगर बन सकती है।

कैसे असर करता है?

कैफीन रक्त धमनियों को पहले संकुचित करता है और फिर फैलाता है, जिससे सिर में तेज़ दर्द शुरू हो सकता है। अचानक कैफीन छोड़ने पर भी 'कैफीन विदड्रॉवल' से माइग्रेन हो सकता है।

क्या करें?

  • दिन में 1-2 कप से ज्यादा चाय-कॉफी न लें
  • कैफीन का सेवन धीरे-धीरे कम करें
  • ग्रीन टी या हर्बल टी का विकल्प आजमाएं

2. लगातार तनाव या चिंता में रहना

तनाव आज हर उम्र के व्यक्ति की ज़िंदगी का हिस्सा बन चुका है। लंबे समय तक बना रहने वाला मानसिक तनाव माइग्रेन की तीव्रता और बारंबारता दोनों को बढ़ा सकता है।

तनाव से कैसे जुड़ा है माइग्रेन?

तनाव के कारण शरीर में कोर्टिसोल नामक हार्मोन बढ़ता है जो मस्तिष्क में रासायनिक असंतुलन पैदा करता है। इससे माइग्रेन के एपिसोड्स ज्यादा बार और तीव्र हो सकते हैं।

क्या करें?

  • रोजाना योग, ध्यान या प्राणायाम करें
  • नींद पूरी लें और वर्क-लाइफ बैलेंस बनाएं
  • जरूरत हो तो किसी थैरेपिस्ट से बात करें

3. नींद की अनियमितता

नींद की कमी या अधिकता, दोनों ही माइग्रेन को ट्रिगर कर सकते हैं। आजकल की डिजिटल लाइफस्टाइल में सोने-जागने का समय पूरी तरह बिगड़ चुका है।

क्या होता है असर?

नींद पूरी न होने से मस्तिष्क को पर्याप्त आराम नहीं मिलता, जिससे तंत्रिका तंत्र पर दबाव बढ़ता है और सिरदर्द की शुरुआत हो सकती है।

क्या करें?

  • रोजाना 7–8 घंटे की नींद सुनिश्चित करें
  • सोने से एक घंटे पहले स्क्रीन टाइम कम करें
  • नियमित सोने-जागने का समय तय करें

4. अनियमित खानपान और डिहाइड्रेशन

भूखे रहना, समय पर खाना न खाना या पानी कम पीना माइग्रेन को तेज़ कर सकता है। शरीर को सही समय पर पोषण और हाइड्रेशन न मिलने से ब्रेन फंक्शन प्रभावित होता है।

क्या करें?

  • हर 3-4 घंटे में कुछ पौष्टिक जरूर खाएं
  • दिनभर में कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं
  • तली-भुनी और बहुत नमकीन चीज़ों से बचें

5. दवाओं का बार-बार सेवन

कई बार लोग सिरदर्द होते ही पेनकिलर का सहारा लेने लगते हैं, लेकिन बार-बार पेनकिलर या अन्य दवाएं लेने से माइग्रेन की तीव्रता और आवृत्ति बढ़ सकती है।

कैसे बढ़ता है खतरा?

दवाओं के ओवरयूज़ से ब्रेन की संवेदनशीलता बढ़ जाती है और माइग्रेन क्रॉनिक हो सकता है।

क्या करें?

  • सिरदर्द के लिए हर बार दवा लेने से बचें
  • घरेलू उपाय या डॉक्टरी सलाह लें
  • लंबे समय तक चलने वाली दवा खुद न लें

माइग्रेन से बचने के लिए एक्स्ट्रा टिप्स

  • फूड डायरी बनाएं – कौन-सा फूड आपके माइग्रेन को ट्रिगर करता है, नोट करें।
  • आरामदायक वातावरण बनाएं – घर या ऑफिस में तेज़ रोशनी और आवाज से बचें।
  • एक्सरसाइज – हल्की-फुल्की योग और प्राणायाम को दिनचर्या में शामिल करें।
  • सुगंध और धूप से बचाव – कुछ लोगों में परफ्यूम या धूप की तेज़ गंध से माइग्रेन शुरू हो सकता है।

माइग्रेन से पूरी तरह मुक्त रहना आसान नहीं, लेकिन सही दिनचर्या अपना-कर हम इसकी आवृत्ति और तीव्रता काफी घटा सकते हैं। नियंत्रित कैफीन सेवन, संतुलित आहार, पर्याप्त पानी, नियमित योग-ध्यान, सात से आठ घंटे की गुणवत्तापूर्ण नींद तथा स्क्रीन-टाइम सीमित करने जैसी छोटी आदतें बड़ा फर्क लाती हैं। जरूरत पड़ने पर विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें, खुद से ओवर-द-काउंटर दवाओं पर निर्भर न रहें। समय पर जांच व उपचार कराएं।

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