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मैसूर दशहरा 2025: बानू मुश्ताक उद्घाटन पर विवाद, बीजेपी नाराज, कांग्रेस ने किया समर्थन

मैसूर दशहरा 2025: बानू मुश्ताक उद्घाटन पर विवाद, बीजेपी नाराज, कांग्रेस ने किया समर्थन

मैसूर दशहरा महोत्सव में बुकर पुरस्कार विजेता बानू मुश्ताक को उद्घाटन मुख्य अतिथि बनाने पर बीजेपी ने विरोध जताया। कांग्रेस और राज्य सरकार ने सांस्कृतिक दृष्टिकोण से निर्णय का समर्थन किया। 

Karnatak: मैसूर का दशहरा पर्व, जो धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है, इस साल राजनीति के गलियारों में फंस गया है। कर्नाटक सरकार ने इस बार दशहरा महोत्सव के उद्घाटन के लिए बुकर पुरस्कार से सम्मानित लेखिका बानू मुश्ताक को आमंत्रित किया है। इस निर्णय के बाद राज्य की सियासी पार्टियों में हलचल मच गई है।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने घोषणा की कि अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार 2025 विजेता बानू मुश्ताक 22 सितंबर 2025 को दशहरा महोत्सव का उद्घाटन करेंगी। इस फैसले पर बीजेपी ने तीखा हमला किया और सवाल उठाया कि क्या लेखिका देवी चामुंडेश्वरी में विश्वास करती हैं।

बीजेपी ने किया तीखा हमला, देवी में विश्वास पर उठाए सवाल

केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने कहा कि दशहरा हिंदू धर्म और भक्ति का पर्व है। इसे तुष्टिकरण की राजनीति का मंच नहीं बनाया जा सकता। उन्होंने कहा कि किसी ऐसे व्यक्ति से देवी चामुंडेश्वरी की पहली पूजा करवाना, जिसका देवी में कोई विश्वास नहीं है, भक्ति और प्रत्येक भक्त का अपमान है।

बीजेपी नेता प्रताप सिम्हा ने भी कहा कि परंपरा हमेशा से देवी चामुंडी की भक्ति से जुड़ी रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या बानू मुश्ताक ने कभी हमारे रीति-रिवाजों का पालन किया या देवी में आस्था जताई। उनका मानना है कि देवी की पूजा जैसे पवित्र अनुष्ठान में धर्मनिष्ठा जरूरी है।

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने कहा कि बानू मुश्ताक का सम्मान किया जाता है, लेकिन अगर वह हिंदू धर्म और मान्यताओं को स्वीकार करती हैं तो ही उद्घाटन करना उचित होगा।

दशहरा महोत्सव की भव्यता और परंपरा

मैसूर का दशहरा महोत्सव हर साल लाखों पर्यटकों को आकर्षित करता है। इस दौरान हाथियों के साथ देवी चामुंडेश्वरी की यात्रा, जिसे स्थानीय भाषा में जंबू सवारी कहा जाता है, श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आकर्षण का मुख्य केंद्र होती है।

इस जुलूस में विशेष प्रशिक्षित 12 हाथी, देवी की मूर्ति को मैसूर महल से बन्नीमंतप तक ले जाते हैं। साथ ही इसमें नृत्य, संगीत, मशाल जुलूस और पैदल सैनिकों की परेड शामिल होती है। यह धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाता है और दशहरे की परंपरा को जीवित रखता है।

बानू मुश्ताक को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित

कर्नाटक सरकार ने बानू मुश्ताक को उनके साहित्यिक योगदान और अंतरराष्ट्रीय पहचान के कारण मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया है। 77 वर्षीय बानू मुश्ताक हासन की रहने वाली हैं और उनके लघु कहानी संग्रह "हार्ट लैंप" ने कर्नाटक में मुस्लिम महिलाओं के संघर्षों को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया है।

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि उनका यह निर्णय साहित्यिक उपलब्धियों को मान्यता देने के उद्देश्य से लिया गया है। विजयादशमी का आयोजन 2 अक्टूबर 2025 को निर्धारित है।

कांग्रेस ने सरकार के फैसले का समर्थन किया

गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा कि दशहरा को सिर्फ धार्मिक नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि अतीत में निसार अहमद और मिर्ज़ा इस्माइल जैसे व्यक्तियों ने भी दशहरा का उद्घाटन किया था। यह एक राजकीय उत्सव है और इसमें धर्म को मुख्य आधार नहीं बनाया जा सकता।

कर्नाटक सरकार के मंत्री एचके पाटिल ने कहा कि दशहरा सभी के लिए है और यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोग इसे राजनीति से जोड़ रहे हैं। उनका कहना है कि बीजेपी को इस मामले में अपनी सोच पर पुनर्विचार करना चाहिए।

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