बारिश की रिमझिम बूंदें जहां मन को सुकून देती हैं, वहीं यह मौसम कई संक्रामक बीमारियों को भी आमंत्रित करता है। विशेषकर हमारी आंखों को इस मौसम में विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है। डॉ. पुरेंद्र भसीन, रतन ज्योति नेत्रालय (ग्वालियर) के निदेशक, बताते हैं कि मानसून के दौरान हवा में बढ़ी नमी, गंदगी और बैक्टीरियल/वायरल गतिविधियों के कारण आंखों से जुड़ी कई गंभीर समस्याएं देखने को मिलती हैं।
बारिश के मौसम में आंखों पर क्यों मंडराता है खतरा?
मानसून के दौरान वातावरण में मौजूद उच्च नमी और धूल-गंदगी वायरस व बैक्टीरिया के पनपने के लिए अनुकूल वातावरण बना देती है। इनकी वजह से आंखों में संक्रमण होना आम बात हो जाती है। बच्चों से लेकर वृद्धों तक, हर आयु वर्ग के लोग इससे प्रभावित हो सकते हैं।
मानसून में होने वाली सामान्य आंख संबंधी बीमारियां
1. कंजंक्टिवाइटिस (आंख आना)
यह मानसून में सबसे आम संक्रमण है। इसमें आंखें लाल हो जाती हैं, जलन होती है, पानी बहता है और कभी-कभी पलकों में सूजन भी आ जाती है। यह बीमारी अत्यधिक संक्रामक होती है और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर तेजी से फैलती है।
2. स्टाई (आंख पर फुंसी या फोड़ा)
पलकों की ग्रंथि में बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण स्टाई होता है। यह एक दर्दनाक गांठ के रूप में प्रकट होता है, जिससे आंख खोलने में दिक्कत हो सकती है।
3. केराटाइटिस (कॉर्निया का संक्रमण)
केराटाइटिस एक गंभीर स्थिति है जिसमें आंख के पारदर्शी हिस्से यानी कॉर्निया में सूजन हो जाती है। यह वायरस, बैक्टीरिया या फंगस के कारण हो सकता है और समय पर इलाज न होने पर दृष्टि हानि की आशंका भी रहती है।
4. ड्राई आई सिंड्रोम
बारिश के मौसम में इनडोर में समय ज्यादा बिताने, एसी और स्क्रीन टाइम के कारण आंखों में नमी की कमी हो सकती है। इससे आंखों में जलन, थकान और खुजली हो सकती है।
5. एलर्जी और जलन
बरसात में धूल, परागकण और नमी से एलर्जिक कंजंक्टिवाइटिस भी हो सकता है। इसमें आंखों में खुजली, पानी बहना और बार-बार छूने की इच्छा होती है।
इन बीमारियों से कैसे करें बचाव?
1. स्वच्छता सबसे ज़रूरी
- बारिश के पानी में भीगने के बाद अपने हाथ और आंखों को साफ पानी से धोएं।
- गंदे हाथों से आंखों को छूने से बचें।
2. व्यक्तिगत चीजें साझा न करें
तौलिया, रुमाल, आई ड्रॉप या आंखों से जुड़ी कोई भी चीज किसी और के साथ शेयर न करें।
3. कॉन्टैक्ट लेंस सावधानी से पहनें
- इस मौसम में लेंस पहनने से पहले और बाद में हाथों को अच्छे से धोएं।
- संक्रमण की स्थिति में लेंस का उपयोग तुरंत बंद करें और डॉक्टर से संपर्क करें।
4. आंखों को बार-बार रगड़ने से बचें
आंखों में खुजली या जलन हो तो उन्हें रगड़ने के बजाय साफ पानी से धो लें या चिकित्सक की सलाह लें।
5. संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाएं
यदि किसी को कंजंक्टिवाइटिस है, तो उससे निकट संपर्क से बचें और बच्चों को खासकर सतर्क रखें।
कब जाएं डॉक्टर के पास?
अगर आपकी आंखों में लगातार लालिमा, जलन, सूजन, धुंधली दृष्टि या पानी बहने जैसे लक्षण दिखें और 2–3 दिन में राहत न मिले, तो तुरंत नेत्र विशेषज्ञ से संपर्क करें। देर करने से संक्रमण फैल सकता है और आंखों की रोशनी को गंभीर नुकसान हो सकता है।
मानसून जहां प्रकृति को हरा-भरा बनाता है, वहीं हमारे स्वास्थ्य के लिए कुछ चुनौतियाँ भी लेकर आता है। आंखों से जुड़ी समस्याएं इस मौसम में आम हो जाती हैं, लेकिन थोड़ी सी सतर्कता और स्वच्छता अपनाकर हम इनसे आसानी से बच सकते हैं। यदि कोई भी लक्षण गंभीर हो या ठीक न हो रहा हो, तो बिना समय गंवाए डॉक्टर से परामर्श लें।