उत्तर प्रदेश के मेरठ की रहने वाली स्नेहा दीवान ने मिसेज इंडिया एशिया 2025 का खिताब अपने नाम कर शहर का नाम रौशन किया है। शादी के 16 साल बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाली स्नेहा ने न केवल इस प्रतिष्ठित खिताब को जीता, बल्कि मिसेज फैशनिस्ता का पुरस्कार भी अपने नाम किया।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मेरठ की रहने वाली स्नेहा दीवान ने मिसेज इंडिया एशिया 2025 का खिताब अपने नाम किया है। स्नेहा ने मिसेज इंडिया एशिया 2025 – सीजन 3 का खिताब जीतकर शहर का नाम रोशन किया। उन्हें सिर्फ यह ताज ही नहीं मिला, बल्कि मिसेज फैशनिस्ता का खिताब भी प्रदान किया गया। एशिया भर से आईं 15,000 प्रतिभागियों में से केवल 72 महिलाओं को फाइनल के लिए चुना गया था।
नई दिल्ली में फ़ैशन मेराकी द्वारा आयोजित इस भव्य फिनाले में स्नेहा ने आत्मविश्वास, शालीनता और दृढ़ संकल्प के साथ शानदार प्रदर्शन किया। ग्रूमिंग, रैम्प वॉक, फोटोशूट और टैलेंट राउंड जैसे चुनौतीपूर्ण चरणों में उनके प्रतिभा और व्यक्तित्व ने निर्णायक मंडल को बेहद प्रभावित किया।
प्रतियोगिता का रोमांच
मिसेज इंडिया एशिया 2025 – सीजन 3 में एशिया भर से लगभग 15,000 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था। इस विशाल प्रतियोगिता में केवल 72 महिलाओं को फाइनल के लिए चुना गया। नई दिल्ली में आयोजित इस भव्य फिनाले में स्नेहा ने ग्रूमिंग, रैम्प वॉक, फोटोशूट और टैलेंट राउंड जैसे कई चुनौतीपूर्ण चरणों में अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से निर्णायक मंडल को प्रभावित किया। उनका आत्मविश्वास, शालीनता और दृढ़ संकल्प उनकी जीत का मुख्य कारण बने।
खिताब जीतने के बाद स्नेहा दीवान ने कहा, यह जीत सिर्फ मेरी नहीं है, बल्कि उन सभी महिलाओं की है जो शादी के बाद भी अपने सपनों को पूरा करने का साहस रखती हैं। मैं चाहती हूं कि हर महिला विश्वास करे कि यदि मन से मेहनत की जाए तो कोई भी सपना बड़ा नहीं होता। स्नेहा ने यह भी बताया कि इस उपलब्धि में उनके पति ऋषि दीवान का समर्थन अहम रहा।
ऋषि दीवान ने कहा, रिश्ते विश्वास से चलते हैं। मेरी पत्नी की मेहनत और समर्पण का ही परिणाम है कि वह तमाम प्रतिभागियों को पीछे छोड़ते हुए यह खिताब जीत पाई हैं।
स्नेहा का व्यक्तिगत और शैक्षिक परिचय
स्नेहा दीवान मूल रूप से उत्तराखंड के रुद्रपुर की रहने वाली हैं। उन्होंने अपनी शिक्षा नैनीताल और रानीखेत से पूरी की। शादी के बाद वह मेरठ में निवास कर रही हैं और एक समर्पित हाउसवाइफ के रूप में अपने परिवार की जिम्मेदारियों को निभा रही हैं। शादी के 16 साल बाद यह उपलब्धि हासिल करना स्नेहा के लिए सपनों को पूरा करने की प्रेरणा है और उनके इस कदम ने न केवल मेरठ का मान बढ़ाया है, बल्कि अन्य महिलाओं को भी यह संदेश दिया है कि जीवन के किसी भी मोड़ पर सपनों को साकार किया जा सकता है।