केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल 22 सितंबर 2025 को अमेरिका के दौरे पर न्यूयॉर्क जाएंगे। प्रतिनिधिमंडल का उद्देश्य दोनों देशों के बीच पारस्परिक लाभकारी व्यापार समझौते पर चर्चा करना है। इससे पहले 16 सितंबर को अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि भारत आए थे और पांच दौर की बातचीत हो चुकी है।
Trade talks with the United States: केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल 22 सितंबर 2025 को न्यूयॉर्क, अमेरिका के लिए रवाना होंगे। उनके नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता करेगा, जिसमें विशेष सचिव राजेश अग्रवाल और अन्य अधिकारी भी शामिल होंगे। इस दौरे का उद्देश्य दोनों देशों के बीच पारस्परिक लाभकारी व्यापार समझौते को आगे बढ़ाना है। इससे पहले 16 सितंबर को अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि भारत आए थे और अब तक पांच दौर की बातचीत हो चुकी है, जबकि अमेरिकी टैरिफ से जुड़ी वजहों से अगला दौर स्थगित हुआ था।
अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल पहले ही भारत आ चुका है
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता को गति देने के लिए अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय का एक दल 16 सितंबर, 2025 को भारत आया था। इस दौरान दोनों पक्षों ने व्यापार समझौते के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की और इसे सकारात्मक बताया गया। वाणिज्य मंत्रालय ने इस चर्चा को दूरदर्शी और महत्वपूर्ण करार दिया था। अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सहायक व्यापार प्रतिनिधि (दक्षिण एवं पश्चिम एशिया) ब्रेंडन लिंच ने किया, जबकि भारतीय पक्ष का नेतृत्व वाणिज्य विभाग के विशेष सचिव राजेश अग्रवाल ने किया।
वार्ता के दौरान यह तय किया गया कि दोनों देश आपसी लाभकारी व्यापार समझौते को जल्द से जल्द अंतिम रूप देने के प्रयासों को तेज करेंगे। अमेरिकी दल की यह यात्रा भारत- अमेरिका व्यापार संबंधों को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
पाँच दौर की बातचीत और स्थगित छठा दौर
भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित व्यापार समझौते को लेकर अब तक पांच दौर की बातचीत हो चुकी है। यह समझौता मुख्य रूप से दोनों देशों के बीच निर्यात-आयात, टैरिफ और ट्रेड नियमों से संबंधित है। अगस्त के अंतिम सप्ताह में छठे दौर की बातचीत टैरिफ से जुड़े तनाव के कारण स्थगित हो गई थी।
इस स्थिति में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री के नेतृत्व में 22 सितंबर को होने वाला दौरा अहम माना जा रहा है। इस दौरे में अमेरिका के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा होने की संभावना है, जिसमें टैरिफ, आयात-निर्यात नियम और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए नई पहल पर ध्यान दिया जाएगा।
भारत पर अमेरिका ने लगाया 50 प्रतिशत टैरिफ
इस साल जुलाई के अंत में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। इसके साथ ही उन्होंने भारत पर रूस से कच्चा तेल खरीदने के लिए अतिरिक्त जुर्माना लगाने की बात कही थी। परिणामस्वरूप, भारत के निर्यात पर अब कुल 50 प्रतिशत टैरिफ लागू हो गया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारत के व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है और अमेरिकी बाजार में भारतीय उत्पादों की प्रतिस्पर्धात्मकता को प्रभावित कर सकता है। ऐसे में भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते पर चर्चा और भी अहम हो गई है।
प्रतिनिधिमंडल की वार्ता के मुख्य बिंदु
पीयूष गोयल के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल का दौरा मुख्य रूप से निम्नलिखित बिंदुओं पर केंद्रित होगा। पहला, भारतीय निर्यातकों पर लगे टैरिफ को कम करने के लिए अमेरिकी अधिकारियों से बातचीत। दूसरा, भारत-अमेरिका व्यापार समझौते में पारदर्शिता और दोनों देशों के लाभ सुनिश्चित करना। तीसरा, लंबी अवधि के लिए स्थायी व्यापार नीति और नियमों को अंतिम रूप देना।
इसके अलावा, ऊर्जा क्षेत्र, टेक्सटाइल, आईटी सेवा, कृषि उत्पाद और ऑटोमोबाइल क्षेत्र में व्यापारिक सहयोग को बढ़ाने पर भी चर्चा होने की संभावना है। दोनों देशों के प्रतिनिधि यह सुनिश्चित करेंगे कि व्यापार समझौता दोनों पक्षों के लिए लाभकारी और टिकाऊ हो।
व्यापारिक माहौल और वैश्विक प्रभाव
भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक विवाद केवल दो देशों के आर्थिक हितों तक सीमित नहीं है। इसका वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी प्रभाव पड़ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर टैरिफ मुद्दे का समाधान नहीं हुआ तो भारतीय निर्यातकों को अमेरिकी बाजार में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। इसके विपरीत, सफल व्यापार समझौता भारतीय निर्यात को बढ़ावा देने और रोजगार सृजन में मदद कर सकता है।
अमेरिका के साथ पारस्परिक व्यापार समझौता भारत के लिए रणनीतिक महत्व रखता है। यह न केवल आर्थिक वृद्धि को तेज करेगा, बल्कि दोनों देशों के व्यापारिक सहयोग और निवेश को भी मजबूत करेगा।