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NATO Chief Tariff: रूसी तेल खरीद पर NATO चीफ की सख्त चेतावनी! भारत-चीन-ब्राज़ील को दी 100% टैरिफ की धमकी

NATO Chief Tariff: रूसी तेल खरीद पर NATO चीफ की सख्त चेतावनी! भारत-चीन-ब्राज़ील को दी 100% टैरिफ की धमकी

NATO चीफ मार्क रूट ने रूस से तेल खरीदने पर भारत, चीन और ब्राज़ील को 100% सेकेंडरी सैंक्शन की चेतावनी दी। अमेरिका जल्द कड़ा कदम उठा सकता है।

Trade Deal: NATO महासचिव मार्क रूट ने भारत, चीन और ब्राज़ील को सख्त लहजे में चेतावनी दी है कि अगर ये देश रूस से तेल और गैस की खरीद जारी रखते हैं तो अमेरिका इनके खिलाफ 100 फीसदी सेकेंडरी सैंक्शंस (टैरिफ) लागू कर सकता है। यह बयान उस समय आया जब अमेरिका और उसके सहयोगी यूक्रेन युद्ध को लेकर रूस पर और अधिक दबाव बढ़ाने की रणनीति बना रहे हैं। भारत और चीन इस समय रूसी तेल के सबसे बड़े खरीदार हैं, जिससे अमेरिका और NATO देश असहज होते जा रहे हैं।

रूस से व्यापार पर NATO की सीधी चेतावनी

नाटो (NATO) महासचिव मार्क रूट ने भारत, चीन और ब्राज़ील को रूस के साथ व्यापार को लेकर कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने अमेरिकी सीनेटरों के साथ बैठक में कहा कि अगर ये देश रूस से तेल और गैस खरीदना बंद नहीं करते हैं, तो अमेरिका उनके खिलाफ 100 प्रतिशत तक सेकेंडरी सैंक्शंस लगा सकता है। यह बयान उस समय आया है जब अमेरिका रूस पर अधिकतम दबाव बनाकर यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने की कोशिश कर रहा है।

मार्क रूट ने कहा, “अगर आप बीजिंग या दिल्ली में हैं, या ब्राज़ील के राष्ट्रपति हैं, तो आपको इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। क्योंकि यह आपके देश की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।”

ट्रंप की धमकी और मार्क रूट की पुष्टि

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में यह संकेत दिया था कि यदि रूस 50 दिनों के भीतर शांति समझौते के लिए तैयार नहीं होता, तो अमेरिका उन देशों पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाएगा जो रूस से तेल खरीदते हैं। हालांकि ट्रंप ने किसी देश का नाम नहीं लिया, लेकिन NATO चीफ मार्क रूट ने अपने बयान में साफ तौर पर भारत, चीन और ब्राज़ील का नाम लेकर इन देशों को चेताया है।

"मुझे नहीं लगता उन्हें पता है कि उन्हें क्या झेलना पड़ेगा"

मार्क रूट ने अपने बयान में सख्त शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा, “मुझे नहीं लगता कि इन देशों को अब तक समझ आया है कि अगर उन्होंने रूस के साथ व्यापार जारी रखा तो उन्हें क्या हिट करेगा। यह समझने में उन्हें थोड़ा वक्त लगेगा। लेकिन अमेरिकी सीनेटर अपने समकक्षों से बात कर रहे हैं और यह संदेश मीडिया के ज़रिए भी साफ किया जा रहा है।”

अमेरिकी सीनेटरों की रणनीति: 500% तक टैरिफ

अमेरिकी संसद में एक विधेयक पर चर्चा हो रही है जिसमें रूस के साथ व्यापार करने वाले देशों पर 500 प्रतिशत तक टैरिफ लगाने का प्रस्ताव रखा गया है। यह प्रस्ताव अमेरिका की रूस-विरोधी रणनीति को और तीव्र कर सकता है।

भारत फिलहाल अमेरिका के साथ एक व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है, जिसमें 20 प्रतिशत टैरिफ तय किया गया है। यदि सेकेंडरी सैंक्शंस लागू होते हैं तो भारत के लिए यह समझौता आर्थिक रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

भारत और चीन बने रूस के सबसे बड़े तेल खरीदार

यूक्रेन युद्ध के बाद से भारत और चीन रूस से कच्चे तेल के सबसे बड़े आयातक बनकर उभरे हैं। थिंक टैंक सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (CREA) की रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर 2022 से मई 2025 के बीच चीन ने रूस के कुल कच्चे तेल का 47 प्रतिशत खरीदा, जबकि भारत ने 38 प्रतिशत।

साल 2024 में भारत ने रोजाना लगभग 1.8 से 2.07 मिलियन बैरल कच्चा तेल रूस से आयात किया, जो भारत की कुल जरूरत का करीब 40 से 44 प्रतिशत है। इसकी कुल वैल्यू करीब 52.73 बिलियन डॉलर आंकी गई है। चीन ने भी 2024 में रोजाना 1.76 से 2 मिलियन बैरल तेल रूस से खरीदा, जिसकी कुल लागत लगभग 78 बिलियन यूरो रही। मार्च 2023 में अकेले भारत और चीन ने रूस के कुल 91 प्रतिशत तेल का आयात किया।

 

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