देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने कारोबारी साल 2025-26 के लिए बड़ी फंडिंग योजना का ऐलान किया है। बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने 16 जुलाई 2025 को हुई अपनी बैठक में 20,000 करोड़ रुपये तक की पूंजी जुटाने की योजना को मंजूरी दे दी। यह फंड बेसल-III मानकों के अनुरूप बॉन्ड्स के जरिए जुटाया जाएगा, जिसमें एडिशनल टियर 1 (AT1) और टियर 2 बॉन्ड्स शामिल होंगे।
बॉन्ड से जुटाई जाएगी पूंजी
एसबीआई इस फंडिंग प्रक्रिया के तहत घरेलू बाजार में बॉन्ड जारी करेगा और केवल भारतीय निवेशकों से धन जुटाएगा। यह बॉन्ड इश्यू बैंक की पूंजी संरचना को मजबूत करने के लिए किया जा रहा है, जिससे एसबीआई आने वाले समय में कर्ज वितरण और व्यवसाय विस्तार की योजना को प्रभावी तरीके से अमल में ला सकेगा।
AT1 और टियर 2 बॉन्ड का मतलब क्या होता है
एडिशनल टियर 1 (AT1) बॉन्ड्स बैंक की बेसल-III कैपिटल का हिस्सा होते हैं और इन्हें हाई रिस्क कैटेगरी में रखा जाता है। ये बॉन्ड्स स्थायी प्रकृति के होते हैं और बैंक के संकट में आने पर इनका भुगतान नहीं किया जा सकता है। वहीं टियर 2 बॉन्ड्स कम जोखिम वाले होते हैं और ये बैंक की बैकअप कैपिटल के तौर पर माने जाते हैं। इनका उपयोग तब किया जाता है जब बैंक की पूंजी पर अतिरिक्त दबाव हो।
फंडिंग से बैंक को क्या फायदा होगा
एसबीआई द्वारा फंड जुटाने से उसकी पूंजी पर्याप्तता (Capital Adequacy Ratio) बेहतर होगी। इससे बैंक को रेटिंग एजेंसियों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलने की संभावना बढ़ेगी। साथ ही बाजार में बैंक की क्रेडिट प्रोफाइल मजबूत होगी और लोन देने की क्षमता बढ़ेगी। बैंक अपनी भविष्य की उधारी लागत को भी कम कर पाएगा, जिससे उसके मार्जिन पर भी सकारात्मक असर होगा।
पिछली बार भी मिला था अच्छा रिस्पॉन्स
पिछले वित्तीय वर्ष यानी FY2024-25 में भी स्टेट बैंक ने 10,000 करोड़ रुपये से अधिक के टियर 2 बॉन्ड्स जारी किए थे, जिन्हें निवेशकों ने हाथों-हाथ लिया था। उस समय भी बैंक ने घरेलू निवेशकों को टारगेट किया था और इश्यू को ओवरसब्सक्राइब कर दिया गया था।
बाजार में शेयर की चाल
इस खबर के आने के बाद स्टेट बैंक के शेयरों में हलचल देखी गई। 16 जुलाई को एसबीआई का शेयर करीब 2.07 प्रतिशत की तेजी के साथ 833.35 रुपये पर पहुंच गया। बीते पांच कारोबारी सत्रों में एसबीआई का शेयर करीब 2.50 प्रतिशत चढ़ा है, जबकि एक महीने में इसमें 5.14 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई है। पिछले छह महीनों में इस शेयर ने करीब 8.74 प्रतिशत का रिटर्न दिया है, जो इस सेक्टर की अन्य बैंकों की तुलना में बेहतर माना जा रहा है।
बोर्ड मीटिंग का समय और निर्णय
एसबीआई की यह अहम बैठक 16 जुलाई 2025 को सुबह 10 बजे शुरू हुई थी और दोपहर 1.25 बजे तक चली। इसी बैठक में बैंक ने नए फंड रेजिंग प्लान को अंतिम मंजूरी दी। यह निर्णय बैंक के वित्तीय वर्ष 2025-26 की रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत वह मजबूत पूंजी आधार बनाकर उधारी और खुदरा क्रेडिट में विस्तार करना चाहता है।
कैपिटल एडिक्वेसी रेशियो होगा बेहतर
बेसल-III मानकों के तहत बैंकों को न्यूनतम पूंजी पर्याप्तता बनाए रखनी होती है। एसबीआई का यह बॉन्ड इश्यू उसे इस दिशा में और मजबूत बनाएगा। इससे बैंक की Tier 1 और Tier 2 पूंजी के अनुपात में संतुलन आएगा, जो निवेशकों और नियामकों दोनों के लिए भरोसे की बात है।
निवेशकों के लिए क्या मायने
फंडिंग से जुड़ी यह खबर निवेशकों के लिए एक सकारात्मक संकेत मानी जा रही है। बैंक की वित्तीय सेहत और भविष्य की योजनाओं को लेकर विश्वास बढ़ने से शेयरों में मजबूती आने की संभावना बनी हुई है। साथ ही इससे यह भी स्पष्ट होता है कि बैंक दीर्घकालिक ग्रोथ के लिए पूंजी आधार को सुदृढ़ कर रहा है।
बैंकिंग सेक्टर में हलचल
एसबीआई का यह कदम भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में फंडिंग गतिविधियों को और गति दे सकता है। कई अन्य बैंक भी अगले कुछ महीनों में बॉन्ड के जरिए फंड जुटाने की दिशा में कदम उठा सकते हैं, जिससे पूरे बैंकिंग क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा और पूंजीगत स्थिरता दोनों को बढ़ावा मिलेगा।