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ओवैसी का मोदी पर तंज: ट्रंप की टैरिफ नीति पर क्यों नहीं बोली सरकार?

ओवैसी का मोदी पर तंज: ट्रंप की टैरिफ नीति पर क्यों नहीं बोली सरकार?

ट्रंप द्वारा भारत पर 50% टैरिफ लगाने को लेकर ओवैसी ने मोदी पर तंज कसा। उन्होंने इसे कूटनीति की विफलता बताया और सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाए। आदित्य ठाकरे ने भी विदेश नीति को लेकर निशाना साधा।

Trump Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत से आयात पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने के फैसले ने भारत की विदेश नीति को लेकर विपक्षी दलों को मोदी सरकार पर निशाना साधने का अवसर दे दिया है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने इस मुद्दे पर सरकार की चुप्पी को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं।

ओवैसी का तंज- 'क्या अब दिखेगा 56 इंच का सीना?'

ओवैसी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरते हुए लिखा कि ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया है, जिससे कुल टैरिफ 50 प्रतिशत तक पहुँच गया है। उन्होंने कहा कि ये टैरिफ इसलिए लगाया गया क्योंकि भारत ने रूस से सस्ता तेल खरीदा। ओवैसी ने इस फैसले को "कूटनीति नहीं, बल्कि एक प्रमुख विदूषक की धौंस" बताया।

ओवैसी ने कटाक्ष करते हुए पूछा- 'क्या मोदी जी अब अपना 56 इंच का सीना तब दिखाएंगे जब ट्रंप 56% टैरिफ लगाएंगे? अभी वो 50% पर रुक गए हैं। शायद हमारे गैर-जैविक प्रधानमंत्री से डर गए होंगे?'

भारत की रणनीतिक स्वतंत्रता पर उठे सवाल

ओवैसी ने आरोप लगाया कि सरकार ने अपने धनी दोस्तों के फायदे के लिए देश की रणनीतिक स्वायत्तता का सौदा कर दिया। उन्होंने कहा कि इस टैरिफ से भारतीय निर्यातकों, MSMEs और मैन्युफैक्चरर्स को नुकसान होगा। आपूर्ति श्रृंखलाएं बाधित होंगी, एफडीआई घटेगा और नौकरियों पर भी असर पड़ेगा।

उन्होंने सवाल किया कि प्रधानमंत्री और भाजपा नेता इस मुद्दे पर चुप क्यों हैं। ओवैसी का कहना था कि अगर इस तरह की विदेश नीति जारी रही, तो भारत को वैश्विक व्यापार में गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।

आदित्य ठाकरे ने भी साधा केंद्र पर निशाना

शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने भी केंद्र सरकार की विदेश नीति पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार का रुख असंगत और भ्रमित करने वाला है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि भारत को चीन के खिलाफ बहिष्कार की बात कही गई थी, लेकिन अब आधिकारिक यात्राएं और व्यापारिक रिश्ते फिर से बहाल हो रहे हैं।

ठाकरे ने कहा कि सरकार ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले की बात कहकर जनता को भड़काया, लेकिन उसी बांग्लादेश की क्रिकेट टीम को द्विपक्षीय टूर्नामेंट के लिए आमंत्रित कर लिया। उन्होंने यह भी पूछा कि जब सरकार पाकिस्तान पर आतंकवाद का आरोप लगा रही है, तो फिर BCCI पाकिस्तानी क्रिकेटरों के साथ कैसे क्रिकेट खेल रही है?

"विदेश नीति अस्पष्ट और भ्रमित करने वाली"

आदित्य ठाकरे ने कहा कि सरकार की विदेश नीति में कोई स्पष्टता नहीं है। उन्होंने यह सवाल उठाया कि भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बावजूद क्रिकेट मैच कैसे जारी हैं। उन्होंने कहा कि भारत में छात्र, व्यापारी और उद्योगपति अमेरिकी टैरिफ के असर से जूझ रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है। ठाकरे ने तंज कसते हुए कहा- 'हमें बताया गया था MAGA + MIGA = MEGA। लेकिन अब टैरिफ 50% हो गया है। क्या सरकार अब भी चुप रहेगी?'

ट्रंप के फैसले का संभावित असर

6 अगस्त को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत भारत से आने वाले कुछ उत्पादों पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ लगाया गया। यह पहले से मौजूद 25% टैरिफ के अतिरिक्त है, जिससे कुल टैरिफ 50% हो गया है।

इस फैसले का सबसे अधिक असर भारत के छोटे और मध्यम उद्यमों (MSMEs), टेक्सटाइल, फर्नीचर और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों पर पड़ेगा। इससे भारत का अमेरिका में निर्यात महँगा हो जाएगा और प्रतिस्पर्धा में गिरावट आ सकती है।

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